--के• विक्रम राव
अध्यक्ष - इंडिया इनसाइड न्यूज।
मुंबई मीडिया अत्यंत रोचक हो जाती है जब शिवसेना के शिंदे तथा ठाकरे धड़ों की जुगलबंदी को खबर बनाकर छापा जाता है। गाली-गुफ्ता तो इस जवाबी कव्वाली में भरपूर रहता ही है। प्रत्याशित भी है। हालांकि सियासी शालीनता का तकाजा है कि कड़वी बात भी सलीके से कही जा सकती है। यह निर्भर करता है वक्ता के संस्कारों पर। वैचारिक स्तर पर भी।
अतः मुंबई के हिंदी दैनिकों की तेजतर्रारी का उल्लेख हो। इस महानगरी में हूं अतः सभी पढ़ने में मिल रहे हैं।
गौरतलब है एक घटना जो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से संबन्धित है। अपने स्वच्छ मुंबई अभियान में वे मशहूर जुहू बीच पर दल बल सहित पधारे और कूड़ा करकट हटाने लगे। सुंदरता और स्वास्थ्य से साफ-सफाई जुड़ी रहती है। मुख्यमंत्री का मानना है कि नगर महापालिका कर्मी ही केवल सभी काम न करें। उन्हें नागरिकों का साथ भी मिले। शहर को निरोग रखने हेतु जनभागीदारी भी जरूरी है। प्रदूषण खत्म करना है। यहां तक तो वह सब ठीक था। मगर जब मुख्यमंत्री स्वयं ट्रैक्टर पर सवार होकर ड्राइव करते हुए सफाई कार्य करने लगे और “डीप क्लीनिंग” अभियान के तहत अपने हाथों से पाइप द्वारा सड़कें धोने लगे तो मीडिया ने इसे खास बनाकर पेश किया। खबर तो थी ही। फिर शासन का नया दौर भी दिखा।
इस मामले पर सांसद और संपादक (सामना दैनिक) संजय राउत ने टिप्पणी की : “मुख्यमंत्री साफ-सफाई का ढोंग बंद करें। अपने मंत्रिमंडल का भ्रष्टाचार पहले साफ करें। नगर महापालिका का चुनाव कराएं।” यही संजय राउत शिवसेना के वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने संपादकीय में एकदा लिखा था कि : “भारतीय मुसलमानों को उनके मताधिकार से वंचित कर दिया जाए।”
अपनी पुरानी पार्टी के कभी साथी रहे, और अब शत्रु हो गए संजय राउत को जवाब में एकनाथ शिंदे ने कहा : “जिन्होंने (ठाकरे गुट ने) मुंबई महानगर पालिका की तिजोरी साफ कर दी थी, वे लोग मेरे सड़क पर उतरने को स्टंट करार दे रहे हैं। लेकिन मुझे सफाई अभियान के लिए सड़क धोने में कोई भी संकोच नहीं है। आगामी चुनाव में उन्हें (ठाकरे गुट को) जनता साफ कर देगी।” महानगर पालिका में संप्रति ठाकरे गुट का बहुमत है। मगर निर्वाचन होने वाले हैं। भारत की सबसे अधिक बजट वाली नगर महापालिका मुंबई की है। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी तथा शिवसेना (शिंदे धड़े) की मिलीजुली सरकार चल रही है।
शिवसेना के गुट के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस का एक धड़ा अजीत पवार के नेतृत्व में शिंदे के साथ जुड़ गया है। गत सप्ताह शरद पवार के गुट के नवाब मलिक दल बदलकर सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए। हालांकि उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने साफ कह दिया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन में नवाब मलिक जैसे आर्थिक अपराधी और सांप्रदायिक विधायक को स्वीकार नहीं किया जा सकता। मलिक अभी एनसीपी की मुंबई इकाई के अध्यक्ष हैं। वे मार्च 2022 में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कैद किए गए थे। आर्थिक अपराधों के लिए। उन्हें सर्वोच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर रिहा किया है। मलिक को शरद पवार का दायां हाथ माना जाता था। कहा जाता है कि मलिक और कराची में छिपे दाऊद इब्राहिम के संबंध हैं।
मगर शिवसेना धड़े के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बहुमत हेतु राष्ट्रवादी कांग्रेस के अजीत पवार के धड़े का समर्थन चाहिए। अजीत पवार उपमुख्यमंत्री हैं। चाचा शरद पवार से टूटकर।
अतः मसला यह है कि शिंदे इन हालातों में कब तक सत्ता पर टिक पाएंगे? इसी परिवेश में संजय राउत का हमला तीव्रतर होता जा रहा है। वे शिंदे सरकार को गिराकर फिर अपने शिवसेना धड़े को सत्ता पर लाने में प्रयासरत हैं। राजनीतिक स्थिति नाजुक तो है ही। विगत छः दशकों में बने बीस-बाइस मुख्यमंत्रियों में महाराष्ट्र में अब तक एकनाथ शिंदे ही हैं जो इतनी डांवाडोल स्थिति में सत्ता संभाले हैं। जिस तरह बाला साहब ठाकरे के परिवार को अपदस्थ कर शिंदे भाजपा की बैसाखी पर मुखिया बने हैं यह अपने आप में भी एक अजूबा है। उतना ही विलक्षण जितना उनका निजी जीवन। साठ साल की आयु वाले शिंदे तरुणावस्था में थाना उपनगर में तिपहिया आटो रिक्शा चालक थे। उन्होंने निजी अध्ययन कर स्नातक की डिग्री हासिल की। फिर शिवसेना के नेता बने। थाना नगर पालिका के सदस्य चुने गए। अपने एकमात्र जीवित पुत्र श्रीकांत को उच्च शिक्षा दिलवाई। श्रीकांत मेडिकल शिक्षा पाकर हड्डी के निष्णात डॉक्टर बने। वे लोकसभा के सदस्य भी निर्वाचित हुए। एकनाथ शिंदे के एक पुत्र और पुत्री नदी में डूब कर मर गए थे। इस त्रासदी से उनका परिवार टूट सा गया था।
फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत शिंदे ने परसों (9 दिसंबर 2023) को जुहू चौपाटी स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पित कर स्वच्छता अभियान शुरू किया। इस दौरान उन्होंने समुद्र किनारा स्वच्छ करने वाली मशीन स्वयं चलाकर स्वच्छता का निरीक्षण किया। शिंदे ने कहा : “स्वच्छता अभियान के लिए बड़े पैमाने पर मानव संसाधन और अत्याधुनिक संयंत्रों का उपयोग किए जाने से कम समय में अधिक स्वच्छ हो रहा है। संपूर्ण मुंबई में चरणबद्ध तरीके से डीप क्लीनिंग अभियान चलाया जाएगा। इस स्वच्छता अभियान द्वारा प्रदूषण पर भी प्रतिबंध लगेगा। धारावी जैसे झोपड़पट्टी एरिया में स्वच्छता का काम प्रभावी रूप से हो रहा है। इसमें सड़क, नाले, फुटपाथ, सार्वजनिक स्वच्छता गृह की स्वच्छता प्राथमिकता से की जा रही है।
अपने अभियान में मुख्यमंत्री ने जुहू स्थित इस्कॉन मंदिर में भगवान कृष्ण की अर्चना भी की। फिर वहां जमा ठेकेदारों को चेतावनी भी दी कि सड़क-पानी का काम ठीक न रहा तो दंड दिया जाएगा। फिलहाल नगर महापालिका की सत्तासीन ठाकरे शिवसेना को शिंदे ने भयभीत तो कर ही दिया है।