'शुद्धि' : प्रयास जारी है



हावड़ा,
पश्चिम बंगाल,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।

'शुद्धि' - नशा करने वालों को समाज की मुख्य धारा में वापस लाने और सामान्य आजीविका के लिए योग्य बनाना। हालांकि कोलकाता पुलिस ने इसकी शुरुआत 08 फरवरी 2018 को किया था वहीं हावड़ा सिटी पुलिस ने शनिवार 25 फरवरी 2023 को शुभारंभ किया है। और पहले दौर में, 11 नशा करने वाले युवाओं की पहचान कर, उनके परिजनों की सहमति पश्चात उन्हें पुनर्वास केन्द्र जेनेसिस फाउंडेशन भेजा गया है।

हावड़ा शहर में विभिन्न अपराधों के आरोपी युवाओं का एक बड़ा प्रतिशत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मादक पदार्थों की लत और इससे संबंधित अपराधों में शामिल है। सर्वे में कहा गया है कि वे इस समय जेब काटने से लेकर चोरी-डकैती करने से भी नहीं कतराते हैं। संभवत: नशे की लत के चक्कर में नशा करने वाले अपना आपा खो देते हैं और कोई दुष्कर्म या अपराध कर बैठते हैं। समाज में अपराध और अवैध नशीले पदार्थों का सेवन साथ-साथ चलता है। नशीले पदार्थों को खरीदने के लिए अपराध में शामिल होना, नशीले पदार्थों का लत लगना या फिर आदी हो जाना एक दुष्चक्र है। एक समय ऐसा भी आता है जब नशे की लत से बाहर निकलना लगभग असंभव हो जाता है। वहीं कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं हैं जो नशे की लत के शिकार लोगों के पुनर्वास के लिए गंभीरता से काम कर रही हैं।

कार्यक्रम में कलिम्पोंग की एसपी आईपीएस अपराजिता राय मौजूद रहीं। उनकी विशेष पहचान "सिक्किम की पहली महिला आईपीएस अधिकारी" के रूप में भी हैं। ज्ञात हो कि वे अपने काम को लेकर बहुत ही ज्यादा गम्भीर है, ख़ास कर उन लोगो के लिए जिन्होंने प्रशासनिक दफ्तरों को लालफीताशाही का अड्डा बना रखा है। कार्यक्रम दौरान संबोधन में उन्होंने अपने वक्तव्यों को बहुत ही विनम्रतापूर्वक रखा। उन्होंने पुनर्वास केन्द्र जा रहे युवाओं को स्पष्ट शब्दों में समझाया कि आप सभी रोग से ग्रसित है। नशीले पदार्थो के सेवन से उत्पन्न रोग ने मानसिक व शारीरिक रूप से आपको कमजोर कर दिया है। आप अपने इलाज के लिए एक अवधि के लिए पुनर्वास केन्द्र जा रहे है। ठीक उसी भाँति जैसे कि हम लोगों में से बहुत से लोग कोरोनाना वायरस से संक्रमित हुए और इलाज के लिए अस्पताल गए, वहाँ विशेषज्ञों की निगरानी में रहे, रोग का इलाज हुआ और ठीक होकर वापस आए। वैसे ही आप सभी को ठीक होकर वापस अपनों के बीच आना है।

उन्होंने नशीले पदार्थों के मांग/आपूर्ति क्रम को तोड़ने की नीति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थो के मकड़जाल में फंसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मुख्य धारा में वापस लाने और सामान्य आजीविका के लिए योग्य बनाने में सफलता हासिल करते है तो नशीले पदार्थों के मांग/आपूर्ति क्रम को तोड़ने में भी सफल होंगे। मांग कम होने पर आपूर्ति बाधित होगा। इस बीच नशीले पदार्थों को जब्त करने व ड्रग डीलरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की कोशिश जारी रहना चाहिए। नशा करने वालों को पुनर्वास के रास्ते पर जितना संभव हो सके स्थानांतरित करने के लिए भी।

हावड़ा सिटी पुलिस कमिश्नर आईपीएस प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने अपने वक्तव्यों में कोलकाता में अपने पिछले पोस्टिंग के दौरान एक केस के मुख्यबिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मैं, सहकर्मी अपराजिता राय और हमारी टीम ने मर्डर केस क्रैक किया था। अपराधी लूट के इरादे से घर में दाखिल हुए थे। आहट मिली और नींद से जागे घर के व्यक्ति ने विरोध किया और अंतत: जान गवां बैठे। अपराधी ने बताया था कि मात्र लूट के इरादे से वहाँ गया था, हत्या कैसे हो गया उसे पता ही नहीं चला। अपराधो ने नशीले पदार्थ का सेवन कर रखा था।

उन्होंने आगे कहा कि नशा मुक्त होकर समाज की मुख्य धारा में वापस आने वाले युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों के कौशल विकास प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा ताकि सामान्य आजीविका में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। सिविक पुलिस में भी अवसर दिया जाएगा।

इस अवसर पर डीसी (मुख्यालय), डीसी ट्रैफिक, जेनेसिस फाउंडेशन के सचिव तन्मय बोस, आईसीआईसीआई बैंक से इंद्रनील आचार्य, विभिन्न थानों व ट्रैफिक गार्ड के प्रतिनिधि व पुलिस अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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