दुनिया में जब-जब लोकतंत्र की बात होगी, कांग्रेस के पापों की चर्चा होगी : प्रधानमंत्री



--राजीव रंजन नाग
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं ने विविधता में एकता के महत्व को समझा और उसका समर्थन किया। लेकिन कुछ लोगों ने इसका जश्न मनाने के बजाय जहर बोना शुरू कर दिया। संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर आयोजित बहस में अपना जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने आपातकाल का भी जिक्र किया और कहा कि यह काल कांग्रेस पर एक ऐसा दाग है, जिसे कभी नहीं धोया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने 1951 में पहली बार संविधान में संशोधन किया और उनकी बेटी इंदिरा गांधी ने सत्ता में रहते हुए अपने संशोधनों और आपातकाल लागू करके इसे आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने छह दशकों में 75 बार संविधान में संशोधन किया। अपने भाषण की शुरुआत करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि 1948 में संविधान को अपनाने के बाद से भारत की यात्रा "असाधारण" रही है और इस बात पर जोर दिया कि देश की लोकतंत्र में गहरी जड़ें हैं, जो दुनिया के लिए प्रेरणा रही हैं।

प्रधानमंत्री ने संविधान पर चर्चा के दौरान आपातकाल का जिक्र किया और कांग्रेस पर जमकर बरसे। उन्‍होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटा। कांग्रेस के मुंह संविधान संशोधन का खून लग गया है। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। मैं इसलिए भी इस परिवार की चर्चा करता हूं कि मेरे 75 साल की इस यात्रा में 55 साल, एक ही परिवार ने राज किया है। क्या-क्या हुआ है, देश को ये जानने का अधिकार है।

मोदी ने कहा कि संविधान 25 साल पूरे कर रहा था तो संविधान को नोच लिया गया था। आपातकाल लाया गया। संवैधानिक व्‍यवस्‍थाओं को समाप्‍त कर दिया गया था। देश को जेलखाना बना दिया या था। नागरिकों के अधिकारों को लूट लिया गया था। कांग्रेस के माथे पर जो पाप है, वो कभी धुलने वाला नहीं है। दुनिया में जब-जब लोकतंत्र की चर्चा होगी, कांग्रेस के पाप की चर्चा होगी।

मैं इसलिए भी इस परिवार की चर्चा करता हूं कि मेरे 75 साल की इस यात्रा में 55 साल, एक ही परिवार ने राज किया है, इसलिए क्या-क्या हुआ है, देश को ये जानने का अधिकार है।

संविधान के निर्माण में महिलाओं और बी आर अंबेडकर, पुरुषोत्तम दास टंडन और सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे दिग्गजों के योगदान को याद करते हुए, पीएम ने कहा कि कई देशों को महिलाओं को उनके अधिकार देने में दशकों लग गए, लेकिन भारत के संविधान ने उन्हें शुरू से ही वोट देने का अधिकार दिया।

उन्होंने कहा, "हमारा संविधान भारत की एकता की नींव है...इस नींव के निर्माता, जो विभिन्न क्षेत्रों से थे, भारत की विविधता में एकता के महत्व को जानते थे। मैं यह बात बहुत दुख के साथ कह रहा हूं...जबकि संविधान निर्माताओं के दिल और दिमाग में एकता थी, कुछ लोगों ने इस पर हमला किया। भारत ने हमेशा विविधता में एकता का जश्न मनाया, लेकिन कुछ लोग, जो गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े, जो यह नहीं देख पाए कि भारत के लिए क्या अच्छा है...विविधता में विरोधाभास ढूंढते रहे और इस खजाने का जश्न मनाने के बजाय, विविधता में जहर के बीज बोने की कोशिश की ताकि भारत की एकता को चोट पहुंचाई जा सके।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 भारत की एकता में बाधा था और उनकी सरकार ने सुनिश्चित किया कि वह अपना वादा पूरा करे और इसे हटा दे। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब भारत के संविधान ने 25 साल पूरे किए, आपातकाल के रूप में इस पर बड़ा हमला हुआ। उन्होंने कहा, "जब भारत अपने संविधान की 25वीं वर्षगांठ मना रहा था, तब हमारे देश के संविधान की धज्जियां उड़ा दी गईं... आपातकाल लगा दिया गया। संवैधानिक प्रावधानों को निलंबित कर दिया गया। देश को जेल बना दिया गया, नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए और प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया गया। कांग्रेस इस पाप को नहीं मिटा सकती। जब भी दुनिया में 'लोकतंत्र' की चर्चा होगी, कांग्रेस के इस पाप को याद किया जाएगा।"

इस बात पर जोर देते हुए कि नेहरू-गांधी परिवार ने संविधान की अवहेलना करना अपनी आदत बना ली थी। उन्होंने कहा संविधान में संशोधन के बीज जवाहरलाल नेहरू ने बोए थे, जिन्होंने मुख्यमंत्रियों को लिखा था कि अगर यह आड़े आता है तो इसे बदल दिया जाना चाहिए। "कांग्रेस ने कई संशोधनों के माध्यम से संविधान पर हमला किया और यहां तक कि दस्तावेज़ की भावना को भी नष्ट कर दिया। छह दशकों में, उन्होंने दस्तावेज़ में कम से कम 75 बार संशोधन किया।

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसके बीज बोए और इंदिरा गांधी ने उन्हें पानी दिया और उनका पालन-पोषण किया। 1975 में, उन्होंने संविधान संशोधन के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया।" प्रधानमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए संविधान का दुरुपयोग किया और गुस्से में आपातकाल लगा दिया। भारत ब्लॉक में कांग्रेस के सहयोगियों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान कुछ दलों के प्रमुखों को भी जेल में डाल दिया गया था, लेकिन वे अब उसी संगठन के साथ जुड़े हुए हैं।

मोदी ने कहा - राजीव गांधी ने शाहबानो मामले में दिए गए फैसले को पलटकर सुप्रीम कोर्ट और संविधान का अपमान किया है। इस फैसले में कहा गया था कि तलाक के बाद मुस्लिम महिलाएं अपने पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार हैं। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "इसकी शुरुआत नेहरू ने की थी, इंदिरा गांधी ने इसे आगे बढ़ाया और राजीव गांधी ने भी। अगली पीढ़ी भी यही कर रही है... गांधी परिवार की मौजूदा पीढ़ी बहुत पहले खून का स्वाद चखने के बाद संविधान पर हमला करने की विरासत को आगे बढ़ा रही है।" सोनिया गांधी पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का इस्तेमाल कर एक गैर-निर्वाचित व्यक्ति को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से ऊपर रखा गया।

ताजा समाचार

National Report



Image Gallery
इ-अखबार - जगत प्रवाह
  India Inside News