कोलकाता
पश्चिम बंगाल
इंडिया इनसाइड न्यूज।
शुक्रवार को भाजपा पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष, सांसद बालूरघाट लोक सभा व केन्द्रीय राज्यमंत्री शिक्षा एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास, डॉ सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पश्चिम बंगाल में गंभीर कानून और व्यवस्था की स्थिति के संबंध में पत्र लिखा है और तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया है।
पत्र में लिखा है कि मैं आपका ध्यान पश्चिम बंगाल, विशेष रूप से डायमंड हार्बर क्षेत्र में अत्यधिक चिंताजनक और बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति की ओर आकर्षित करने के लिए लिख रहा हूं, जहां निर्वाचित प्रतिनिधियों और पार्टी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर लगातार राजनीतिक हिंसा की जा रही है। 19 जून 2025 को, जब मैं पिछले हमलों के पीड़ितों से मिलने और जमीनी हालात का आकलन करने के लिए डायमंड हार्बर की आधिकारिक यात्रा पर गया था, तो मेरे काफिले पर एक हिंसक भीड़ ने हमला किया, जिसमें कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ता शामिल थे। पत्थर फेंके गए, वाहनों में तोड़फोड़ की गई और मेरे साथ आए कई लोग घायल हो गए। इस हमले से मेरी और मेरे साथियों की जान को गंभीर खतरा पैदा हो गया।
आगे उन्होंने लिखा कि विशेष चिंता की बात यह है कि वरिष्ठ जिला अधिकारियों की पूरी तरह से निष्क्रियता रही। पुलिस अधीक्षक राहुल गोस्वामी, घटनास्थल पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई निवारक या सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए। अमलान कुसुम घोष, आईपीएस, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) मेरे निर्धारित दौरे की पूर्व जानकारी होने के बावजूद घटनास्थल पर रिपोर्ट नहीं किए। स्थिति को अंततः सीआईएसएफ सुरक्षा कर्मियों की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण ही नियंत्रित किया जा सका, जो केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई मेरी जैड सुरक्षा का हिस्सा है। यह न केवल कानून और व्यवस्था का पतन है, बल्कि एक केंद्रीय मंत्री और सांसद की गरिमा और सुरक्षा पर भी सीधा हमला है। परिणामस्वरूप, मैंने लोकसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 222 के तहत माननीय लोकसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन का नोटिस प्रस्तुत किया है, जिसमें इस गंभीर मामले पर उचित कार्रवाई की मांग की गई है।
उन्होंन लिखा कि यह बताना उचित होगा कि आज यानी 20 जून 2025 को मैं पश्चिम बंगाल दिवस कार्यक्रम के अवसर पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी हाउस गया था। मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आवास पर भी श्रद्धांजलि अर्पित करने गया। इन स्थानों पर जाते समय पश्चिम बंगाल पुलिस के कर्मियों ने मुझे आगे बढ़ने से रोकने का प्रयास किया। बाद में शाम को जब मैं ब्रिटिश नागरिक डॉ. रजत शुभ्रा बनर्जी की बीमार मां से मिलने जा रहा था, तो पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक बार फिर मेरे और मेरे पार्टी कार्यकर्ताओं के आवागमन में बाधा डाली। इसके बावजूद, डॉ. रजत शुभ्रा बनर्जी मुझे लेने के लिए खुद करीब एक किलोमीटर पैदल चले। हालांकि, पश्चिम बंगाल पुलिस ने मुझे उनके आवास पर जाने से रोक दिया। इसके बाद, मुझे, श्री बनर्जी और कई पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में ले लिया गया।
पत्र में आगे लिखा कि उपरोक्त के आलोक में, मैं आपसे पश्चिम बंगाल, विशेष रूप से डायमंड हार्बर जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था की भयावह स्थिति को दूर करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता हूं, जिसमें मौजूदा स्थितियों की तत्काल समीक्षा शुरू करना, शांति बहाल करने और निर्वाचित प्रतिनिधियों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात करना और संबंधित जिला अधिकारियों को जवाबदेह बनाने के लिए त्वरित जांच का आदेश देना शामिल है, जिनके कर्तव्य के प्रति लापरवाही और निष्क्रियता ने ऐसी गंभीर सुरक्षा चूक को संभव बनाया। मेरा मानना है कि इस मामले को सर्वोच्च स्तर की तत्परता की आवश्यकता है, क्योंकि यह न केवल व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि राज्य में लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली के लिए भी खतरा है।