जापानी भाषा प्रभावित है संस्कृत से



वाराणसी - उत्तर प्रदेश
इंडिया इनसाइड न्यूज।

■टोयो विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर केंजी ताकाहाशी का अकादमिक दौरा

शनिवार को जापान के टोयो विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर केंजी ताकाहाशी, जो कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के साथ पूर्व में हुए शैक्षणिक समझौते के अंतर्गत यहाँ आए हैं, और सितंबर माह में अकादमिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत भारत आने वाले जापानी विद्यार्थियों के दौरे के संबंध में भारत आए हैं। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों एवं संस्थानों का दौरा कर संभावनाओं की तलाश की।

अपने दौरे के दौरान प्रो. ताकाहाशी ने पालि एवं बौद्ध अध्ययन विभाग में “जापानी भाषा और संस्कृति पर संस्कृत भाषा के प्रभाव” विषय पर एक व्याख्यान दिया। उन्होंने संस्कृत अक्षरों, “होम”, इत्यादि संस्कृत जैसे शब्दों के उदाहरणों के माध्यम से जापानी भाषा पर संस्कृत के प्राचीन प्रभाव और भारत-जापान के ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाया।

कार्यक्रम का शुभारंभ बौद्ध भिक्षुओं के मंगल पाठ से हुआ। विभागाध्यक्ष प्रो. लालजी ने अतिथि का स्वागत खदग देकर किया, जबकि प्रो. बिमलेंद्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी देचन द्वारा किया गया। इस अवसर पर डाॅ. अरुण कुमार यादव, डाॅ. बुद्धघोष साथ ही में विदेशी और भारतीय छात्र उपस्थित रहे। यह शैक्षणिक आदान-प्रदान कार्यक्रम दोनों देशों के बीच भाषा, संस्कृति और बौद्ध अध्ययन में आपसी सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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