लालगंज/रायबरेली
उत्तर प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज।
■बदहाल लखनऊ रेलवे क्रासिंग - तौधकपुर मार्ग निर्माण को लेकर युवा विकास समिति ने तेज किया अभियान
■5 नवंबर को प्रस्तावित दिशा की बैठक में सांसद राहुल गांधी व सरेनी विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह से सड़क निर्माण का प्रस्ताव रखने की मांग की
"मेरी बदहालियां मुझको हमेशा दर्श देती हैं,
बस तू सब्र करता जा कि वक्त तेरा भी आयेगा"
जिस स्मार्ट गांव तौधकपुर को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गर्वोक्ति की थी, अपने मन की बात कार्यक्रम में गांव की तारीफों के कसीदे पढ़े थे, उस स्मार्ट गांव तौधकपुर के बदहाल लखनऊ रेलवे क्रासिंग - तौधकपुर मुख्य मार्ग के निर्माण का सपना अंधेरी गुमनाम राहों में दम तोड़ता हुआ दिखाई पड़ रहा है। जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा व लापरवाही इस मार्ग के राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। ग्रामीणों व कई सामाजिक संगठनों ने इस बदहाल मार्ग के निर्माण की मांग बीते कई वर्षों में हर स्तर पर उठाई, पत्राचार किया पर हर बार निराशा ही हाथ लगी है। इस मामले को युवा विकास समिति संस्था ने अभियान की तरह लेकर प्रयास किया है।
आने वाले 5 नवम्बर को रायबरेली में प्रस्तावित दिशा/जिला अनुश्रवण समिति की बैठक रायबरेली सांसद व लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में होनी सुनिश्चित हुई है। बैठक में उपाध्यक्ष अमेठी सांसद किशोरीलाल शर्मा के साथ साथ अन्य सदस्य एवं प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल होंगे जिसमें जिले की समस्याओं व विकास कार्यों पर चर्चा और प्रस्ताव होने हैं। इस बैठक को लेकर युवा विकास समिति ने एक बार फिर बदहाल लखनऊ रेलवे क्रासिंग - तौधकपुर मार्ग निर्माण को लेकर जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई है।
संस्था अध्यक्ष सिद्धार्थ त्रिवेदी ने सरेनी विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह और उपाध्यक्ष प्रमोद तिवारी ने सांसद राहुल गांधी को संबोधित एक पत्र अमेठी सांसद और रायबरेली, अमेठी के प्रभारी किशोरीलाल शर्मा को मार्ग की बदली से अवगत करते हुए इसके निर्माण की मांग को लेकर पत्र दिया है। पत्र में माँग की गई है कि यह सड़क जिला पंचायत के स्वामित्व में है पर न तो वह मार्ग निर्माण कर रही है और न ही किसी दूसरे विभाग को एनओसी जारी कर रही है। इसी मार्ग में आरा मशीन के पास स्थित नाला भी क्षतिग्रस्त है, जिसके कारण सड़क पर कीचड़ व गंदे पानी की भरमार रहती है और सड़क भी जल्दी खराब हो जाती है। राहगीरों और ग्रामीणों के लिए यह सड़क काल बन चुकी है। लोग आए दिन इस सड़क पर गिरकर चोटिल होते रहते हैं। बच्चों के स्कूली वाहनों ने इस रोड पर आने से मना कर दिया है जिससे उनको स्कूल जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बुजुर्गों और महिलाओं के लिए इस बदहाल मार्ग के गड्ढे जानलेवा साबित हो रही हैं। मोटरसाइकिल पर सवार महिलाओं के हाथ से छोटे बच्चों के गिरने की कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें बच्चे गंभीर रूप घायल हो चुके हैं। अब इस बदहाल सड़क के निर्माण की उम्मीदें दिशा/जिला अनुश्रवण समिति की होने वाली बैठक से जुड़ी हैं, इस बार बदहाल लखनऊ रेलवे क्रासिंग - तौधकपुर मार्ग की उम्मीदों का सूरज निकलेगा या हमेशा की तरह इसके हिस्से में निराशा की काली अंधियारी रात आएगी, यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा।