विपक्षी दलों ने लोकतंत्र बचाने के लिए भाजपा के खिलाफ वोट करने की अपील की



--राजीव रंजन नाग
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज।

■ रामलीला मैदान में इंडिया गठबंधन का शक्ति प्रदर्शन

राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में विपक्ष की ‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ में शामिल नेताओं ने बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ जमकर भाषण दिया और लोगों से अपील की कि वो लोकसभा चुनावों में "गणतंत्र और संविधान बचाने के लिए" बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट करें। लोकसभा चुनाव से पहले हुई विपक्ष की इस पहली बड़ी रैली में विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की। रामलीला मैदान की रैली में आम आदमी पार्टी के समर्थक बड़ी तादाद में शामिल हुए।

वहीं रविवार शाम को मेरठ में बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों ने अपना दमखम दिखाने की कोशिश की। रामलीला मैदान में हुई रैली में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी नेता शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फ़ारूक़ अब्दुल्ला, शिव सेना उद्धव ठाकरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे, वामपंथी पार्टियों की ओर से सीताराम येचुरी, डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, आरजेडी से तेजस्वी यादव और टीएमसी से डेरेक ओ ब्रायन शामिल हुए। इनके अलावा रैली में अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और हेमन्त सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी शामिल हुईं। दोनों ने मौजूदा सरकार पर एजेंसियों का ग़लत इस्तेमाल कर अपने पति को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया।

इंडिया ब्लॉक की विशाल शक्ति प्रदर्शन रैली में सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की रिहाई के लिए दबाव डाला। नेताओं ने देश के लोकतंत्र के स्वास्थ्य के बारे में चिंता व्यक्त की और भाजपा पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के माध्यम से विपक्ष को खत्म करने का आरोप लगाया। भाजपा ने पलटवार करते हुए घोषणा की कि रैली लोकतंत्र को बचाने के बारे में नहीं थी जैसा कि अनुमान लगाया गया था, बल्कि यह "परिवार बचाओ" और "भ्रष्टाचार छुपाओ" रैली थी।

कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव आयोग को विपक्ष की पांच मांगें सूचीबद्ध कीं जिनमें चुनाव से पहले समान अवसर का प्रावधान शामिल था। कांग्रेस निधि पर रोक और नवीनतम आयकर नोटिस का उल्लेख किए बिना, सुश्री गांधी वाड्रा ने कहा, विपक्षी दलों के पैसे को जबरदस्ती बाधित करने के प्रयासों को तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने मांगों की सूची पढ़ते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और आयकर विभाग की कार्रवाई को भी रोका जाना चाहिए।

गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली विशेष जांच टीम से चुनावी बांड योजना के माध्यम से भाजपा द्वारा धन की "जबरन वसूली" की जांच कराने की भी मांग की। नेताओं ने कहा, "लोकतंत्र बचाओ रैली" भारत में लोकतंत्र से लड़ने, जीतने और बचाने के लिए भारतीय ब्लॉक की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। कांग्रेस के राहुल गांधी ने घोषणा की, "अगर भाजपा चुनाव जीतती है और संविधान बदलती है, तो देश में आग लग जाएगी।" पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "आपको तय करना होगा कि आप लोकतंत्र चाहते हैं या तानाशाही... जो लोग तानाशाही का समर्थन करते हैं उन्हें देश से बाहर निकालने की जरूरत है।"

"भारत की राजनीति में आज एक नई ऊर्जा का जन्म हुआ है। सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा यहां आजादी का नारा बुलंद हो रहा है... हमारा संविधान और हमारा गणतंत्र सुरक्षित है। ये हमारी आजादी है। हम ये आजादी हासिल करेंगे।" पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता भगवंत मान ने घोषणा की कि अरविंद केजरीवाल एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचारधारा हैं। "आप अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकते हैं, लेकिन आप उनकी विचारधारा को कैसे गिरफ्तार करेंगे? आप भारत में पैदा हुए लाखों केजरीवाल को किस जेल में भेजेंगे?" उन्होंने मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी पर पार्टी के रुख को दोहराते हुए कहा, ये गिरफ्तारी देश में आम चुनाव की पूर्व संध्या पर हुई थी। रैली में अरविन्द केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं। गिरफ्तारी ने विपक्षी गुट को एक साथ ला दिया है, जो हाल ही में अपनी एकता से ज्यादा अपने मतभेदों को लेकर सुर्खियां बटोर रहा था।

तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने गठबंधन के कामकरने के तरीके पर सवाल उठाते हुए पश्चिम बंगाल में अपनी पार्टी उम्मीदवारों की एकतरफा घोषणा भी कर दी थी। हालाँकि, उनकी पार्टी के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने दृढ़तापूर्वक घोषणा की कि तृणमूल "भारत गठबंधन का हिस्सा थी, है और रहेगी"। उन्होंने कहा, "यह बीजेपी बनाम लोकतंत्र की लड़ाई है।"

यह रैली उस दिन हो रही है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के अभियान को हरी झंडी दिखाई। हालाँकि, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव इससे बेफिक्र दिखे। रैली में उपस्थित श्री यादव ने कहा, "ये लोग '400 पार' का नारा दे रहे हैं। यदि “आप” 400 से अधिक सीटें जीतने जा रहे हैं, तो आप आप नेता से क्यों डरते हैं।" उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी से इस विषय पर आई टिप्पणियों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किए बिना कहा, ''आपने निर्वाचित मुख्यमंत्रियों को जेल भेज दिया है। न केवल भारतीय बल्कि पूरी दुनिया इसकी आलोचना कर रही है।''

उधर, भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष की रैली अपने भ्रष्टाचार के कृत्यों को छिपाने के लिए थी। कांग्रेस उन लोगों का समर्थन कर रही है जिन्होंने देश को लूटा है क्योंकि कांग्रेस ने भी अपने पूरे कार्यकाल में लूट की है। 'केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा - जो लोग देश को बचाने की बात करते हैं वे वास्तव में अपने परिवार को बचाने के लिए एकत्र हुए हैं।

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