--अभिजीत पाण्डेय
पटना -बिहार, इंडिया इनसाइड न्यूज।
■तिरूमला तिरुपति देवस्थानम् करेगा निर्माण और प्रबंधन, खर्च संस्थान वहन करेगा
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार ने सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पर्यटकीय सुविधाओं के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने पटना जिले के मोकामा शहर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त समेकित सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पर्यटकीय स्थल के निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग की 10.11 एकड़ भूमि को पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरण की स्वीकृति प्रदान की है।
श्री चौधरी ने कहा - गंगा नदी के किनारे स्थित मोकामा शहर प्राचीन काल से अंग, मगध और मिथिला तीन जनपदों के संगम स्थल के रूप में ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व रखता है। इसके निकटवर्ती सिमरिया घाट पर अर्ध कुंभ मेला आयोजित होता है, जो इसे धार्मिक दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि तिरूमला तिरूपति देवस्थानम्, तिरूपति (आंध्र प्रदेश) ने इस भूमि पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त समेकित सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पर्यटकीय स्थल के निर्माण का प्रस्ताव दिया है। यह संस्थान अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सरकारी ट्रस्ट है, जो न केवल तिरुपति स्थित प्राचीन देवस्थानों का प्रबंधन करता है बल्कि विभिन्न राज्यों में मंदिर, वेदपाठशाला, विश्वविद्यालय, अस्पताल एवं सामाजिक संस्थान भी संचालित करता है।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के निर्माण एवं प्रबंधन का संपूर्ण व्यय तिरूमला तिरूपति देवस्थानम् द्वारा वहन किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा भूमि 99 वर्ष की लीज पर मात्र 1 रुपये के टोकन शुल्क पर उपलब्ध कराई जाएगी।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा - बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। आठ अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में करीब 1 हजार करोड़ की लागत से भव्य माता सीता मंदिर का भूमिपूजन किया। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 29 जुलाई को 550 करोड़ की लागत से वैशाली में बुद्ध स्मृति स्तूप का उद्घाटन किया। और अब मोकामा में तिरुपति मंदिर बनाने के लिए लगभग 10 एकड़ जमीन का तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्, तिरुपति, आंध्र प्रदेश के साथ समझौता किया जाएगा।
श्री चौधरी ने कहा कि इस स्थल के विकसित होने से मोकामा और आसपास के क्षेत्र का तीव्र सामाजिक-आर्थिक विकास होगा तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही गया विष्णुपद मंदिर, मां जानकी मंदिर पुनौराधाम और दूसरे प्रमुख मंदिरों को जोड़ते हए धार्मिक पर्यटन कॉरिडोर विकसित किया जाएगा।