काशी - उत्तर प्रदेश
इंडिया इनसाइड न्यूज।
बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. देवेश प्रकाश ने बताया कि सूजन आंत्र रोग (आईबीडी) बीमारी वेस्टर्न खान-पान से बढ़ रही है। इस बीमारी में मुख्य रूप से क्रांस डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस का समूह है, जिसके कारण आंतो में प्रदाह होता है। इस बीमारी से बचने के लिए डिब्बा बंद खाना, दूध, लाल मांस, तेल एवं मसालेदार भोजन, कोल्ड ड्रिंक, पिज्जा, बर्गर, पैक्ड फूड प्रोसेस्ड और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए।
प्रो. देवेश ने बताया कि आईबीडी में पेट दर्द और ऐंठन, मल में रक्त, दस्त, वजन घटना, भूख घटना आदि लक्षण होते हैं। ऐसे में इस बीमारी की सटिक जानकारी के लिए सिटी स्कैन, एंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड कोलोनोस्कोपी, मल जांच से मिल पाती है।
उन्होंने बताया कि लापरवाही बरतने पर यह बीमारी घातक रुप भी अख्तियार कर लेता है। मल प्रत्यारोपण (Fecal Microbiota Transplantation - FMT) से आईबीडी रोग का निदान सफलता पूर्वक किया जा रहा है। मल प्रत्यारोपण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें स्वस्थ दाता के मल को रोगी की आंत में स्थानांतरित किया जाता है ताकि आंत के माइक्रोबायोम को संतुलित किया जा सके।