महाराष्ट्र विकास अघाड़ी का फॉर्मूला तय!



--राजीव रंजन नाग
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज।

● कांग्रेस-राकांपा और शिवेसना में सीटों पर समझौता

महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है। माना जाता है कि गठबंधन के तहत महाराष्ट्र की सबसे ज्यादा सीटों पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी लड़ेगी। इस गठबंधन में प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी भी शामिल है, जिसे दो सीट दी गई है। इसके अलावा किसान नेता राजू शेट्टी की स्वाभिमान पक्ष एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। सीटों को लेकर यह सौदा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा श्री ठाकरे और शरद पवार से संपर्क करने के बाद हुआ है। यह इंडिया गठबंधन के लिए बड़ी प्रगति है।

महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। तय फॉर्मूला तहत शिवसेना-यूबीटी राज्य की 21 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस को 15 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा शरद पवार के गुट वाली एनसीपी 9 सीटों पर किस्मत आजमाएगी। हालांकि, आधिकारिक घोषणा के बाद तय हो पाएगा कि कौन सी पार्टी किस सीट से उम्मीदवार उतारेगी। वहीं एनसीपी के शरद पवार गुट को नौ सीटें मिल सकती हैं।

उधर, महाविकास अघाड़ी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जल्द ही एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में सीट शेयरिंग का ऐलान होगा। बताया जा रहा है कि इस बात पर सहमति बनी है कि जिस पार्टी के सीटिंग सांसद हैं। उसी पार्टी को वह सीट मिलेगी, भले ही पार्टी के विभाजन के बाद या अन्य कारण से वह सांसद अब पार्टी में नहीं हैं। कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी के नेता दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे और अपने उम्मीदवारों के नाम तय करें।

बुधवार को एमवीए के घटक दलों की मुंबई के एक होटल में सीट शेयरिंग को लेकर बैठक हुई थी, जिसके बाद एक प्रेस से बात करते हुए संजय राउत ने कहा था कि सीट शेयरिंग का मसौदा तैयार हो गया है। गुरुवार को एकबार फिर बैठक की जाएगी और इसे फाइनल रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि जैसे दूसरे राज्यों में सीट शेयरिंग हो रही है, वैसे महाराष्ट्र में भी हो जाएगी। मिल रही जानकारी के अनुसार सेना (यूबीटी) मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से चार पर चुनाव लड़ेगी, जिनमें से एक - शायद मुंबई उत्तर पूर्व सीट - वीबीए को मिल सकती है। पिछले हफ्ते सूत्रों ने बताया था कि 39 सीटों के लिए बातचीत सुलझ गई है, मुंबई की दक्षिण मध्य और उत्तर पश्चिम सीटों पर बड़े मतभेद थे - कांग्रेस और सेना (यूबीटी) दोनों ये चाहते थे।

2019 के चुनाव में सेना (तब अविभाजित और भाजपा के साथ गठबंधन) ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा और 18 सीटें जीतीं, जिनमें मुंबई दक्षिण मध्य और उत्तर पश्चिम शामिल थीं। कांग्रेस ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल चंद्रपुर में जीत हासिल की, जबकि शरद पवार की राकांपा (तब अविभाजित) ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और चार पर जीत हासिल की। उस चुनाव में भाजपा का दबदबा रहा और उसने जिन 25 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से 23 पर जीत हासिल की।

इस बार भाजपा को शिवसेना और राकांपा के विद्रोही गुटों का समर्थन प्राप्त होगा, जिनका नेतृत्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार कर रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक ने विद्रोह का नेतृत्व किया - जिसे भाजपा द्वारा समर्थित माना जाता था - उनकी पार्टियाँ और फिर भगवा दल में शामिल हो गए।

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