पश्चिम बंगाल के दंपत्ति को दत्तक ग्रहण पूर्व पालन-पोषण देख-रेख में दिया गया



बक्सर - बिहार
इंडिया इनसाइड न्यूज।

गुरुवार 31 जुलाई, 2025 को विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान बक्सर में आवासित बालिका को जिला पदाधिकारी बक्सर, डॉ विद्यानंद सिंह के द्वारा पश्चिम बंगाल के दंपत्ति को दत्तक ग्रहण पूर्व पालन-पोषण देख-रेख में दिया गया। बच्ची को पाकर दंपत्ति भाव विभोर हो गए। इस विशेष अवसर पर वरीय उप समाहर्त्ता-सह-प्रभारी सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, बक्सर, बाल संरक्षण पदाधिकारी (गैर-संस्थागत), बाल संरक्षण पदाधिकारी (संस्थागत) तथा दत्तक ग्रहण संस्थान के प्रभारी समन्वयक उपस्थित थे।

● दत्तक ग्रहण के क्या नियम हैं

गोद लेने के इच्छुक माता-पिता, भावी दत्तक ग्राही अभिभावक के द्वारा कैयरिंगस carings.wcd.gov-in पर आधार कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्रों में से किसी एक पहचान पत्र के साथ निबंधन किया जाना है तथा दत्तक ग्रहण हेतु आवश्यक दस्तावेजों को 30 दिनों के भीतर केयरिंगस पर अपलोड किया जाना है। गृह अध्ययन रिपोर्ट, प्रतीक्षा सूची, मिलान प्रक्रिया, बच्चों का आरक्षण, स्वीकृति, याचिका और भावी दत्तक माता-पिता के शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक रूप से दृढता, वित्तीय सक्षमता एवं दत्तक ग्रहण प्रेरणा, गंभीर बीमारियों से अरुगणता, दंपति की दशा में पति-पत्नी दोनों की सहमति, दंपति के कम से कम दो वर्ष स्थिर वैवाहिक संबंध, एकल पुरुष अभिभावक को केवल लड़का गोद दिया जा सकता है। जबकि एकल महिला अभिभावक लड़का एवं लड़की दोनों को गोद ले सकती है। अलग-अलग उम्र वाले दंपति को अलग-अलग उम्र के बच्चे की पात्रता होती है। दो संतान वाले दंपति सामान्य बालक के दत्तक ग्रहण के लिए पात्र नहीं है। वे सिर्फ विशेष आवश्यकता वाले बालकों को ही दत्तक ग्रहण कर सकते हैं। देश में किसी अन्य माध्यम से बच्चा गोद लेना और देना कानूनी अपराध है।

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