--विजया पाठक
एडिटर - जगत विजन
रायपुर - छत्तीसगढ़, इंडिया इनसाइड न्यूज।
■क्या भूपेश बघेल और राजेश तिवारी के कारण हारेंगे आकाश शर्मा?
■बघेल और तिवारी के कारनामों की सजा भुगतेगी कांग्रेस
■बीजेपी के सुनील सोनी का जीतना लगभग तय
■बृजमोहन अग्रवाल के कारण जीत जायेगी बीजेपी
छत्तीसगढ़ में होने वाले आगामी उपचुनाव को लेकर जनता में उत्सुकता बढ़ रही है। जहां राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने प्रचार में जुटी है, वहीं आम लोग भी इस चुनाव के परिणामों को लेकर अपनी राय रख रहे हैं। रायपुर दक्षिण विधानसभा की जनता इस चुनाव को लेकर काफी उत्सुक है। बीजेपी प्रत्याशी सुनील सोनी और कांग्रेस के प्रत्याशी आकाश शर्मा में कोई खास टक्कर नहीं बताई जा रही है जिससे चुनावी मुकाबला रोचक नहीं है। इसका एक कारण यह भी है कि कांग्रेस ने यहां भी कभी जिताउ उम्मीसदवार को टिकट ही नहीं दिया है। इस बार भी एक ऐसे प्रत्यारशी को टिकट दिया है जिसका उस क्षेत्र में कोई विशेष वजूद ही नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजेश तिवारी के कारण ही आकाश शर्मा को टिकट दिलवा दिया है। आकाश शर्मा राजेश तिवारी का दामाद है। जबकि राजेश तिवारी की छवि बहुत खराब है। यही कारण है कि उपचुनाव में बीजेपी का पलड़ा भारी है। यह इलाका बृजमोहन का गढ़ होने की वजह से उनको हरा पाना मुश्किल है। इस इलाके में बृजमोहन अग्रवाल ने बहुत सारे काम करवाए हैं। उनके काम को जनता देख रही है। बृजमोहन अग्रवाल और भाजपा को पसंद करते हैं और इस बार दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में यहां से बीजेपी की जीत होगी। दक्षिण विधानसभा बृजमोहन अग्रवाल का गढ़ है। यहां के वे पूर्व विधायक हैं। उनकी काट का आज तक कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं आया है। इस बार बीजेपी से सुनील सोनी जरूर चुनावी मैदान में हैं लेकिन क्षेत्र की जनता बृजमोहन अग्रवाल के कहने पर वोट करती है। इसका लाभ सुनील सोनी को मिलेगा। बृजमोहन अग्रवाल यहां से आठ बार चुनाव जीत चुके हैं। इसलिए उनके नाम का यहां माहौल बना हुआ है। ऐसी स्थिति में वहां से कांग्रेस ने एक कमजोर प्रत्याशी को खड़ा करके सीट बीजेपी को सौंपी है। रायपुर दक्षिण में कुल 19 वार्ड हैं। जिनमें से 11 वार्ड पर कांग्रेस का कब्जा है।
बीजेपी जहां स्थानीय नेता के भरोसे ही चुनाव जीतने की योजना पर काम कर रही है। वहीं कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण के लिए पूरी ताकत लगानी पड़ रही है। माना जा रहा है कि तीन दशक के बाद इस सीट से बीजेपी ने अपने उम्मीदवार को बदला है तो इस बार जनता इस सीट पर बीजेपी को बदलेगी। इसी उम्मीद को लेकर के कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट को लेकर बीजेपी एक तरह से निश्चिंत होकर राजनीति कर रही है। छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक लोग इस बात को मन में बिठा लिया है कि ये सीट बीजेपी के ही खाते में आएगी। यही वजह है कि दिल्ली का कोई नेता अभी तक चुनाव प्रचार में नहीं आया है। बात कांग्रेस की करें तो छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। बीजेपी को इस बात का भरोसा है कि रायपुर दक्षिण बृजमोहन अग्रवाल के भरोसे ही वो जीत जाएगी। सुनील सोनी जो भाजपा के प्रत्याशी हैं उनके ऊपर निष्क्रियता का भी आरोप लगा है। सुनील सोनी सांसद रहे, महापौर रहे, वो सब ब्रजमोहन की कृपा से। उन्होंने कभी किसी के काम नही किये। अगर जीते तो ब्रजमोहन के समर्थन के कारण जीतेंगे।
•कांग्रेस ने कभी भी जीतने वाले उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से कन्हैया लाल अग्रवाल ने एक बार चुनाव लड़ा था, जो सक्षम थे जिन्होंने कांग्रेस की तरफ से ब्रजमोहन अग्रवाल को कड़ी टक्कर दी थी। कन्हैयालाल अग्रवाल मात्र 17000 वोटों से हारे थे। ये बृजमोहन अग्रवाल की सबसे छोटी जीत थी। उसके बाद भूपेश बघेल ने कन्हैयालाल अग्रवाल को टिकट नही दिया। महेन्द्र सुंदरदास को टिकट दिया था। रायपुर दक्षिण की अब तक की सबसे बड़ी हार सुंदरदास की हुई थी। इस बार भी कांग्रेस से प्रमोद दुबे टिकट के दावेदार थे। वो जीतने वाले उम्मीदवार थे लेकिन भूपेश बघेल और राजेश तिवारी ने फिर से कांग्रेस पार्टी को हरवाने के लिये राजेश तिवारी के दामाद आकाश शर्मा को टिकट दे दिया। अब आकाश शर्मा का हारना अब लगभग तय माना जा रहा है। क्योंकि आकाश शर्मा का रायपुर दक्षिण के लोगों से पूर्व में कोई भी संपर्क नही रहा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी इस बात की नाराजगी साफ दिखाई दे रही है कि रायपुर दक्षिण की सीट कांग्रेसियों ने हराने के लिये तय कर रखी है। कांग्रेस का प्रत्याशी इसलिये भी नही जीतता क्योंकि समय के रहते टिकट नही दिया। इस बार तो प्रत्याशी ही कमजोर देखा गया। वैसे तो आकाश शर्मा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। परंतु इतने से काम नही चलता। अगर आकाश शर्मा राजेश तिवारी के दामाद नहीं होते तो भी जीत की संभावना हो सकती थी। राजेश तिवारी के चुनाव प्रभाव कार्यप्रणाली से लोगों में घनी नाराजगी है।
•कौन हैं राजेश तिवारी?
राजेश तिवारी कांकेर जिला पंचायत उपाध्यक्ष थे। उस समय रवि श्रीवास्तव कांकेर नगर पालिका के अध्यक्ष थे। उनकी हत्या कर दी गई थी। रवि श्रीवास्तव लोगों के चहेते थे। लोग चाहते थे कि कांकेर नगर पालिका अध्यक्ष के लिये रवि श्रीवास्तवव की पत्नी को टिकट मिले। राजेश तिवारी ने रवि श्रीवास्तव की पत्नी का नाम कटवाकर अपनी पत्नि को टिकट दिलवाई। राजेश तिवारी ने कांग्रेस में अपने प्रभाव का दुरूपयोग किया। हालांकि रवि श्रीवास्त्व की पत्नी आरती श्रीवास्तव निर्दलीय चुनाव लड़ी और प्रचण्ड बहुमत से जीत गई। बस्तर के आदिवासी राजेश तिवारी को नापसंद करते थे। सन 2000 में महेन्द्र कर्मा को मुख्यमंत्री बनाने के लिये उनके साथ हो गये। अजीत जोगी, नंदकुमार पटेल, चरणदास महंत के समय में राजेश तिवारी को कोई महत्व नही मिला। भूपेश बघेल के समय राजेश तिवारी मुख्यमंत्री के सलाहकार बन गये। वन अधिकार पट्टे देने के मामले में राजेश तिवारी की खूब चली। और इन्होंने काफी भ्रष्टाचार और घपला किया। इसके कारण एकता परिषद जैसे कई जन संगठन नाराज हो गये। इन्होंने भूपेश बघेल के खिलाफ विपरीत वातावरण बनाया और हरवाने में मदद की। राजेश तिवारी कांकेर में आदिवासी के नाम से पेट्रोल पंप चला रहे थे, अपराध दर्ज हुआ था। अजीत जोगी के समय में इनको जेल भेजा गया था। वर्तमान में कांग्रेस प्रत्याशी आकाश शर्मा राजेश तिवारी के दामाद हैं।
•कांग्रेस के 40 स्टार प्रचारक
रायपुर दक्षिण विधानसभा के चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस ने कुल 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी। स्टार प्रचारक में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, चरणदास महंत, भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव सहित राज्य के वरिष्ठ नेता शामिल हैं। कांग्रेस को इस बात की उम्मीद है कि रायपुर दक्षिण इस बार बदलाव करेगा। यही वजह है कि कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी है।
•कांग्रेस के लिए चुनौती है चुनाव
रायपुर दक्षिण के लिए हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस के लिए चुनौती बड़ी है। 1985 में रायपुर में 02 विधानसभा सीटें होती थी। दोनों पर कांग्रेस का कब्जा था। 1990 के विधानसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल पहली बार चुनावी मैदान में उतरे और रायपुर टाउन की सीट जीतकर बीजेपी के खाते में डाली थी। 1985 के चुनाव में कांग्रेस रायपुर विधानसभा की सीट जीती थी। उसके बाद रायपुर में बृजमोहन अग्रवाल जिस सीट से लड़ रहे हैं। उस सीट पर कभी भी कांग्रेस जीत नहीं पाई। अब 2024 में बृजमोहन अग्रवाल रायपुर में विधानसभा की किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं तो ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि रायपुर दक्षिण एक बार फिर उनके पास आ सकती है।
•आकाश शर्मा के हो रहे वीडियो वायरल
अभी हाल ही में कांग्रेस प्रत्याशी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह भाजपाईयों को चोर, गुंडा जैसे शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। इसके बाद लोगों का कहना है कि आकाश शर्मा भी अपने ससुर राजेश तिवारी की भाषा बोलने लगे हैं जबकि अभी वह विधायक भी नहीं बने हैं। इस तरह की भाषा का उपयोग करके वह अपने आपको गुंडे जैसी छवि के रूप में प्रदर्शित कर रहे हैं।