काशी विश्वनाथ कॉरिडोर : 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा



--अभिजीत पाण्डेय,
वाराणसी-उत्तर प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

महादेव की नगरी वाराणसी की भव्यता में चार चांद लगाने वाले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम लगभग पूरा हो चुका है। कॉरिडोर को 80 प्रतिशत तक तैयार कर लिया गया है। शेष कार्य 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। बनारस प्रशासन की माने तो कॉरिडोर का निर्माण कार्य 80% तक पूरा हो गया है अब सिर्फ सिर्फ सौंदर्यीकरण का काम बाकी है। इसके लिए 2200 श्रमिक लगाकर तेजी से काम कराया जा रहा है।

विदित हो कि बाबा विश्वनाथ का कॉरिडोर की लागत 800 करोड़ रुपए है और इसे बनाने में 2200 से अधिक मजदूर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। जल्द ही सभी बाबा के विशालकाय मंदिर में प्रार्थना कर सकेंगे।

अब तक जितने काम हुए हैं, उसमें बाबा विश्वनाथ मंदिर की गुलाबी आभा बरबस लोगों को अपनी ओर खींच रही है। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के चारो ओर ऐतिहासिकता की छाप लिए इन दीवारो के बीच मकराना मार्बल का फर्श लगाया गया है।

तराशे गए मकराना मार्बल के सात तरह के पत्थरों से कॉरिडोर को भव्य रूप दिया जा रहा है। कॉरिडोर 5,27,730 वर्ग फीट भूमि पर बन रहा है। 30 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। इसके लिए 314 भवनों का अधिग्रहण किया गया है। कॉरिडोर का निर्माण कार्य कुछ इस तरह पूरा होगा कि एक वक्त में दो लाख श्रद्धालु आ सकेंगे। पहले पांच हजार वर्ग फीट जमीन भी मुश्किल से मिल पाती थी। काम पूरा हो जाने के बाद दर्शनार्थी कॉरिडोर के बाहरी हिस्से में टेरेस पर खड़े होकर गंगा नदी के साथ ही मणिकर्णिका और ललिता घाट काे भी निहार सकेंगे।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में कुल 24 भवन बनाए जा रहे हैं। तीन यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण पूरा हो चुका है। काशी विश्वनाथ मंदिर के चार प्रवेश द्वार बनाए जा चुके हैं। काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट के तहत मंदिर चौक समेत बाहर मुमुक्षु भवन, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी, यात्री सुविधा केंद्र, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक भवन, जलपान केंद्र, अन्न क्षेत्र और दुकानें हैं।

काशी विश्वनाथ सीधे तौर पर गंगा तट से जुड़ चुका है। यहां आने वाले श्रद्धालु गंगा में स्नान या आचमन कर मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते हैं। बता दें कि मंदिर के चारों ओर एक परिक्रमा पथ भी तैयार किया गया है। इसके अलावा जो प्राचीन मंदिर थे उन्हें भी कॉरिडोर में संरक्षित किया गया है। उन प्राचीन मंदिरों को भी सही करने का काम किया जा रहा है।

काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यह वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। यह मंदिर पवित्र नदी गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित है, और बारह ज्योतिर्लिंगस में से एक है, जो शिवमेटल के सबसे पवित्र हैं। मुख्य देवता विश्वनाथ या विश्वेश्वर नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ है ब्रह्मांड के शासक है। वाराणसी शहर को काशी भी कहा जाता है। इसलिए मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर कहा जाता है।

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