--विजया पाठक
एडिटर - जगत विजन
रायपुर - छत्तीसगढ़, इंडिया इनसाइड न्यूज।
■मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय यदि गृहमंत्री विजय शर्मा के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हैं तो जनता के बीच उनकी और पार्टी की बनेगी मजबूत छवि
■राज्य में डेढ़ वर्ष में बलात्कार के 2682 मामले दर्ज, वहीं छेड़छाड़ की 5174 घटनाएं सामने आईं
छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल को लेकर सवालों का सिलसिला तेज हो गया है। राज्य की कानून व्यवस्था में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिसके चलते आम लोगों में भय, असुरक्षा और शासन के प्रति गहरा अविश्वास पनप रहा है। आज छत्तीसगढ़ राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, उसका एक कारण है प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा। प्रदेश की कानून व्यवस्था इतनी लाचार हो गई है कि आज अखबार की ज़्यादातर खबरें क्राइम पर आधारित ही दिखाई देती हैं। आज छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था की हालत के कारण गृहमंत्री विजय शर्मा हैं।
बीते डेढ़ वर्ष में बलात्कार, छेड़छाड़, लूटमार, चोरी और हिंसक अपराधों में भारी वृद्धि ने यह साबित कर दिया है कि गृहमंत्री राज्य की कानून व्यवस्था को सुधारने में बुरी तरह विफल रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के लिए यह परीक्षा की घड़ी है। यदि वे गृहमंत्री विजय शर्मा के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हैं तो जनता के बीच उनकी छवि मजबूत होगी। वहीं यदि चुप्पी साधे रहते हैं तो विपक्ष इसे उनके नेतृत्व की कमजोरी करार देगा। फिलहाल छत्तीसगढ़ की जनता इंतजार कर रही है कि राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सरकार कब सख्त निर्णय लेगी। गृहमंत्री विजय शर्मा के लिए भी यह आखिरी मौका है कि वे अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं और साबित करें कि वे इस जिम्मेदारी के योग्य हैं। अन्यथा न केवल उनकी राजनीतिक साख दांव पर है बल्कि भाजपा सरकार की विश्वसनीयता भी।
• आंकड़ों में बयां होती हकीकत
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि विजय शर्मा के कार्यकाल में राज्य में अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। पिछले डेढ़ साल में राज्य में बलात्कार के 2682 मामले दर्ज किए गए, वहीं छेड़छाड़ की 5174 घटनाएं सामने आईं। लूट के मामलों में 38 प्रतिशत, डकैती में 44 प्रतिशत और चोरी की घटनाओं में 62 प्रतिशत का इजाफा हुआ। इन आंकड़ों ने विपक्ष को ही नहीं, सत्ता पक्ष के भीतर भी गृहमंत्री की कार्यप्रणाली पर प्रश्न खड़े करने का मौका दे दिया है।
• लॉ एंड ऑर्डर की बदहाली
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पुलिसिंग व्यवस्था पूरी तरह चरमराई नजर आ रही है। राजधानी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़ और कोरबा जैसे जिलों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में निरंतर वृद्धि ने सरकार की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। व्यापारी संगठनों ने भी हाल ही में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि लूट, चैन स्नेचिंग और चोरी की बढ़ती वारदातों से व्यवसाय प्रभावित हो रहा है और पुलिस-प्रशासन अपराध रोकने में असफल साबित हो रहा है।
• पुलिस महकमे में असंतोष और मनोबल गिरा
सिर्फ जनता ही नहीं, पुलिस महकमे के भीतर भी भारी असंतोष है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पोस्टिंग और ट्रांसफर में लगातार हस्तक्षेप से कर्मठ अफसर हतोत्साहित हैं। अपराध नियंत्रण, गश्त और खुफिया तंत्र मजबूत करने पर कोई ध्यान नहीं है। अधिकारी कहते हैं कि गृहमंत्री का फोकस लॉ एंड ऑर्डर पर नहीं बल्कि राजनीतिक मैनेजमेंट और व्यक्तिगत प्रभाव बढ़ाने पर रहा है, जिसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।
• मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की चुप्पी क्यों?
राजनीतिक गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यही है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आखिर कब तक इस बदहाल स्थिति पर चुप्पी साधे रहेंगे। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री खुद भी गृहमंत्री के कार्य से असंतुष्ट हैं लेकिन राजनीतिक संतुलन साधने के लिए उन्होंने अभी तक कोई कठोर कदम नहीं उठाया। विपक्ष का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई नहीं की तो आने वाले दिनों में भाजपा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध चरम पर हैं। गृहमंत्री पूरी तरह नाकाम हैं।
• सत्ता पक्ष भी सख्त, दबाव में गृहमंत्री
सूत्रों के मुताबिक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी गृहमंत्री विजय शर्मा को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि अपराध नियंत्रण में सुधार नहीं आया तो उनका मंत्रालय बदला जा सकता है। विधानसभा सत्र में विपक्ष गृहमंत्री पर बड़ा हमला करने की तैयारी में है। वहीं राज्य पुलिस मुख्यालय के अधिकारी भी लगातार बढ़ते अपराध ग्राफ से चिंतित हैं।
• गृहमंत्री का नहीं है कोई नियंत्रण
राज्य की पुलिस और कानून व्यवस्था पर राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा का खुद कोई नियंत्रण नहीं है। यही कारण है कि अपराधिक घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। यह वे घटनाएं हैं जिनके बारे में विचार करके भी रोंगटे खड़े हो जाते हैँ।
• बिहार-यूपी जैसे हालात बनते जा रहे हैं
छत्तीसगढ़ की स्थिति तो बिहार, यूपी से भी ज्यादा डरावनी हो गयी है। गृहमंत्री विजय शर्मा राज्य को मणिपुर की तरह जलते हुये देखना चाहते हैं। यही कारण है कि पिछले दिनों प्रदेश में पहली बार जातीय आधार पर संघर्ष होता देखा गया। राजधानी के सकरी गांव में दंगा हो गया, एक घर में आग लगा दी गई, वाहनों को जला दिया गया, यदि परिवार वाले गांव छोड़कर नहीं जाते तो 11 सदस्य का पूरा परिवार घर में जिंदा जल गया होता।
• गृहमंत्री बनते ही दो महीने में हुए 54 नक्सली हमले
विजय शर्मा के गृहमंत्री बनने के बाद राज्य में एक दिसंबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक राज्य में 54 नक्सली घटनाएं और नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबल के सात जवान तथा एक ‘गोपनीय सैनिक’ शहीद हुआ है। इस दौरान 53 जवान घायल हुए तथा आठ नक्सली भी मारे गए हैं। नक्सली घटनाओं में सुकमा जिले में चार जवान शहीद हुए हैं तथा 25 जवान घायल हुए हैं। वहीं बीजापुर जिले में दो जवान शहीद हुए हैं तथा 21 जवान घायल हुए हैं। जिले में मुठभेड़ में चार नक्सली भी मारे गए हैं।