--विजया पाठक (संपादक- जगत विजन),
भोपाल - मध्य प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
■ विश्व के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी बने दो नंबरी
■ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को लगेगा अडानी के वित्तीय भ्रष्टाचार का झटका, दूसरे देशों से बिगड़ेंगे संबंध
■ फर्जीवाड़े के जवाब में अडानी ने ओढ़ा राष्ट्रवाद का नकली चोला
आज के समय अडानी ग्रुप को देश का "राष्ट्रीय ट्रेजर" घोषित करना चाइए, क्योंकि देश की 1/4 के बराबर लोन तो सरकार की मदद से सरकारी बैंकों, एलआईसी जैसी कंपनियों से दिलवा ही चुके है। अब अगर अडानी डूबेगा तो उसके साथ पक्के में यह सब संस्थान भी डूबेंगे। इसे कहते है दोस्त का नाश तो सबका विनाश, देश के प्रधान मंत्री, गृह मंत्री तो मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह सब अडानी के दोस्त या व्यापारिक सर्किल में आते है। अभी कुछ एक साल पहले ही प्रदेश की सरकार के कहने पर अडानी की टीम दिलीप बिल्डकॉन को खरीदने के लिए होटल ताज के लेकफ्रंट में डेरा जमाए थे। विजय माल्या, नीरव मोदी, मैहुल चौकसे, ललित मोदी, नितिन संदेसरा जैसे भगोड़े भ्रष्टाचारियों से मिले घाव से देश अभी ठीक से उबरा भी नहीं था कि विश्व में अमीरों की सूची में नंबर दो स्थान पर बैठे गौतम अडाणी ने ऐसा घाव दिया है कि इस घाव से उबरने में भारत को कई वर्ष लग जायेंगे। गौतम अडाणी का फर्जी तरीके से तैयार की गई अमीर बनने की इमारत एक झटके में ढह गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी मित्रों में शामिल गौतम अडाणी ने भारत की साख को विश्व के शक्तिशाली राष्ट्रों के सामने मिट्टी में मिला दिया है। बीते दिनों हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के बाद गौतम अडाणी द्वारा किया गया वित्तीय भ्रष्टाचार ने देश में तहलका मचा दिया है।
● फर्जी कंपनियां बनाकर खरीदे अपने ही शेयर
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार गौतम अडानी ने ऐसे देशों में फर्जी कंपनियां शुरू की जहां पर किसी भी कंपनी को शुरू करने, कंपनी के लेनदेन, टैक्स आदि पर किसी तरह की पूछताछ नहीं होती, सभी चीजों में छूट मिलती हैँ। इन कंपनियों को अपने भाई के माध्यम से खरीदकर उन्होंने भारत की अपनी ही कंपनियों के लाखों करोड़ों रुपये शेयर खरीदे जिससे कंपनी के शेयर के दाम अचानक से सातवें आसमान पर पहुंच गये। कंपनी के शेयर के दाम बढ़ने का फायदा गौतम अडाणी औऱ उनकी कंपनियों को यह मिला कि अडाणी ने देश के कई राष्ट्रीय बैंकों से अरबों रूपये का कर्जा ले लिया। बीते 24 जनवरी 2023 को इस रिपोर्ट के पब्लिश होने के बाद से उनकी कंपनी के शेयरों में सुनामी आ गई। इसका सीधा असर उनकी नेटवर्थ पर पड़ा। अडानी की संपत्ति में गिरावट अभी भी जारी है। बीते 24 घंटों में ही उन्हें 10 अरब डॉलर का घाटा हुआ है और वे एक नंबर और खिसकर आठवें स्थान पर पहुंच गए हैं।
● ढ़ाई लाख करोड़ के कर्जे में है अडानी
गौतम अडानी ने अपनी कंपनियों को स्थापित करने के लिए पिछले सात वर्षों में सरकार से अरबों रुपये का कर्जा लिया है। पिछले दिनों जारी रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडाणी के ऊपर आज के समय में ढ़ाई लाख करोड़ रुपये का कर्जा है। यह कर्जा उन्होंने कई बैंकों और एलआईसी से लिया है। जबकि बैंक और एलआईसी आम लोगों के लिए सबसे विश्वसनीय स्थान है लेकिन गौतम अडाणी ने इन्हें भी नहीं छोड़ा और केंद्र सरकार के दबाव में आकर एलआईसी और एसबीआई ने मजबूरी में आकर गौतम अडानी की कंपनियों के तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयर खरीदे। जबकि मोदी सरकार ने इससे पहले ही गौतम अडानी के ऊपर 74 हजार करोड़ रुपये का कर्जा माफ किया और दूसरी तरफ इस कर्जे की भरपाई के लिए पेट्रोल, डीजल और गैस के भाव को सातवें आसमान पर पहुंचाया। एक रिपोर्ट के मुताबिक 74 हजार करोड़ रुपये मोदी सरकार उसके माफ कर चुकी है। अडानी ने अपनी कंपनी के शेयर के दाम फर्जी तरीके से बढ़ाकर एलआईसी, एसबीआई से जहां जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा जमा होता है, वहां से लाखों करोड़ों रुपयों का कर्जा ले लिया है। एलआईसी को अडानी के शेयर खरीदने के लिए भारत सरकार ने निर्देश दिया था। एलआईसी ने 87 हजार करोड़ रुपये का शेयर खरीदा है। इसी तरह एसबीआई ने भी हजारों करोड़ का कर्ज दिया है।
● सर्वदलीय बैठक में उठा अडानी का भ्रष्टाचार
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक में गौतम अडानी द्वारा किये गये इस वित्तीय भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। सभी विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से गौतम अडानी के ऊपर कार्यवाही किये जाने का मुद्दा उठाया। इस पूरे मुद्दे पर केंद्र सरकार की चुप्पी सीधे तौर पर संदेह के घेरे में आती है और इससे साफतौर पर जाहिर होता है कि केंद्र सरकार गौतम अडाणी को पूरी तरह से आज भी संरक्षण देने की कोशिश कर रही है।
● दो नंबरी निकले गौतम अडानी
वर्ष 2014 के पहले जो गौतम अडानी विश्व के अमीरों की सूची में टॉप 100 में भी शामिल नहीं थे। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के कुछ सालों के भीतर ही विश्व के दूसरे अमीर व्यक्ति बन गये। गौतम अडाणी का हवा की गति से अमीर बनना पहले दिन से ही संदेहात्मक था लेकिन केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दबाव में आकर कभी किसी जांच एजेंसी ने इस पर कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटाई। कुल मिलाकर गौतम अडानी का अब सही रूप सामने आया है और गौतम अडानी सच में दो नंबरी निकले और देश की लाखों करोड़ों जनता का अरबों रुपया खाकर चट करने की अडानी की योजना पूरी तरह विफल हो गई है।
● सब कुछ न्यौछावर कर दिया
गौतम अडानी का इतिहास देखा जाये तो एक समय था जब अडानी कुछ ही कंपनियों के मालिक थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मित्रता का उन्हें यह परिणाम मिला कि आज उनके पास देश विदेश के पोर्ट, एयरपोर्ट, मायनिंग, सीमेंट फैक्टरी, गैस प्रोजेक्ट, ग्रीन प्रोजेक्ट, पानी के ठेके, बिजली के ठेके सब कुछ मिल गया है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि देश में अगर कोई बिजनेसमैन इस केंद्र सरकार के कार्यकाल में पनपा है तो वह गौतम अडानी है। लेकिन अडानी का फर्जी चेहरा सामने आने के बाद देश की छवि मिट्टी में मिल गई है।
● देश छोड़ने की योजना में है अडानी
सूत्रों के अनुसार गौतम अडानी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बुरी तरह से सकते में है और उन्होंने भारत छोड़ने की योजना पर कार्य करना आरंभ कर दिया है। जबकि केंद्र सरकार को सबसे पहले गौतम अडाणी और उनके परिजनों के पासपोर्ट को जब्त कर उनके खिलाफ वित्तीय भ्रष्टाचार और फर्जीवाडा करने के लिए कड़ी कार्यवाही करना चाहिए। लेकिन अब तक सेबी, सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग ने कोई भी कार्यवाही करना उचित नहीं समझा।