क्या सिखाता है भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप ?



--अभिजीत पाण्डेय,
पटना-बिहार, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

■ जन्माष्टमी पर विशेष

कभी सोचा है, भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप हमें क्या सिखाता है? क्यों भगवान जंगल में पेड़ के नीचे खड़े बांँसुरी बजा रहे हैं, मोर मुकुट पहने, तन पर पीतांबरी, गले में वैजयंती की माला, साथ में राधा, पीछे गाय। कृष्ण की यह छवि हमें क्या प्रेरणा देती है? क्यों कृष्ण का रूप इतना मनोहर लगता है?

वास्तव में, कृष्ण हमें जीवन जीना सिखाते हैं, उनका यह स्वरूप अगर गहराई से समझा जाए तो इसमें हमें सफल जीवन के कई सूत्र मिलते हैं।

● मोर मुकुट

भगवान के मुकुट में मोर का पंख है। यह बताता है, कि जीवन में विभिन्न रंग हैं। ये रंग हमारे जीवन के भाव हैं। सुख है तो दु:ख भी है, सफलता है तो असफलता भी, मिलन है तो बिछोह भी। जीवन इन्हीं रंगों से मिलकर बना है। जीवन से जो मिले उसे माथे लगाकर अंगीकार कर लो। इसलिए मोर मुकुट भगवान के सिर पर है।

● बांँसुरी

भगवान बांसुरी बजा रहे हैं, मतलब जीवन में कैसी भी घड़ी आए, हमें घबराना नहीं चाहिए। भीतर से शांँति हो, तो संगीत जीवन में उतरता है। ऐसे ही अगर भक्त्ति पानी है, तो अपने भीतर शांँति कायम करने का प्रयास करें।

● वैजयंती माला

भगवान के गले में वैजयंती माला है, यह कमल के बीजों से बनती है। इसके दो मतलब हैं कमल के बीज सख्त होते हैं, कभी टूटते नहीं, सड़ते नहीं, हमेशा चमकदार बने रहते हैं। भगवान कह रहे हैं, जब तक जीवन है, तब तक ऐसे रहो जिससे तुम्हें देखकर कोई दु:खी न हो। दूसरा यह "माला बीज की है और बीज ही है जिसकी मंजिल होती है भूमि"। भगवान कहते हैं जमीन से जुड़े रहो, कितने भी बड़े क्यों न बन जाओ, हमेशा अपने अस्तित्व की असलियत के नजदीक रहो। कभी भी अहंकार ना करो।

● पीतांबर

पीला रंग सम्पन्नता का प्रतीक है। भगवान कहते हैं, ऐसा पुरुषार्थ करो, कि सम्पन्नता खुद आप तक चल कर आए। इससे जीवन में शांँति का मार्ग खुलेगा।

● कमरबंद

भगवान ने पीतांबर को ही कमरबंद बना रखा है। इसका अर्थ है, हमेशा चुनौतियों के लिए तैयार रहें। धर्म के पक्ष में जब भी कोई कर्म करना पड़े हमेशा तैयार रहें।

● राधा

कृष्ण के साथ राधा भी है। इसका अर्थ है, जीवन में स्त्रियों का भी महत्व है। उन्हें पूर्ण सम्मान दें। वे हमारी बराबरी में रहें, हमसे नीचे नहीं। पुरुष शक्ति है तो स्त्री प्रकृती। दोनो का साथ हो।

हे आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाए।

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