पत्रकारों के हित में आजीवन संघर्ष करते रहे के• विक्रम राव: राज्यपाल



पटना - बिहार
इंडिया इनसाइड न्यूज।

● दिग्गज पत्रकार डॉ. के. विक्रम राव की श्रद्धांजलि सभा आयोजित

बिहार विधान परिषद के सभागार में वरिष्ठ पत्रकार व इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (आई•एफ•डब्ल्यू•जे•) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे डॉ. के. विक्रम राव की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन बुधवार को किया गया। आई•एफ•डब्ल्यू•जे• बिहार इकाई द्वारा आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ स्वर्गीय के. विक्रम राव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि विक्रम राव के साथ उनकी पहली मुलाकात दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में उस वक्त हुई थी जब वह एक प्रशिक्षु वकील के तौर पर वहां काम कर रहे थे। आपातकाल के दौरान बड़ौदा डायनामाइट केस में जॉर्ज फर्नांडिस के साथ उनको अभियुक्त बनाया गया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान कम उम्र होने के बावजूद भी मेरे मुंह से कुछ निकला और सीजेएम के प्रोत्साहन के बाद राव साहब की नजर भी मुझ पर पड़ी। बाद के दिनों में उनसे लखनऊ में मुलाकात हुई और उनको करीब से जानने का अवसर मिला। हमारे संबंध धीरे-धीरे प्रगाढ़ होते गए। आजीवन निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करते रहे। उनके निधन की खबर मिलने पर उनके अंत्येष्टि में भी मैं शामिल हुआ। उनकी कलम आजीवन चलती रही। उनके बारे में कहा जा सकता है कि बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्हीं सो गए दास्तां कहते-कहते।

इस अवसर पर पूर्व एमएलसी प्रो. रणवीर नंदन ने कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं भी पटना हाई स्कूल का छात्र था। पटना के इस स्कूल में श्री राव भी छात्र थे। लखनऊ विश्वविद्यालय से उन्होंने एमए किया और एक पत्रकार के तौर पर उन्होंने कई देशों का दौरा किया। पत्रकारों के हक की केवल लड़ाई ही नहीं लड़ते थे, बल्कि उनके प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान देते थे यही वजह है कि उन्हें कई पत्रकारों को प्रशिक्षण के लिए विदेश में भी भेजा। उन्होंने एक संपूर्ण जीवन जिया।

समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम विनय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वह अपनी बात पूरी निर्भीकता के साथ कहते थे। अपने लिए उन्होंने कभी कोई लाभ नहीं लिया और अपना आलेख लिखने के पहले तथ्यों को सत्य की कसौटी कसते थे।

इंडियन फेडरेशन का वर्किंग जर्नलिस्ट्स के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद दत्त ने कहा कि एक पेशेवर पत्रकार के तौर पर वह अंत तक आलेख लिखते रहे। 1982 में बिहार सरकार द्वारा प्रेस बिल लाया गया, तो उसमें व्याप्त विसंगतियों के समाधान के लिए राव साहब ही सामने आए थे। पटना शहर से उनका विशेष रिश्ता था कि उन्होंने अन्य शहरों के अलावा पटना में भी रहकर पढ़ाई की थी। उन्हें गर्व है कि जिस पत्रकार यूनियन के वे प्रदेश अध्यक्ष हैं, उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष के. विक्रम राव थे। उनके निधन से पत्रकार नेतृत्व विहीन महसूस कर रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी ने डॉ. के. विक्रम राव के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह एक योद्धा पत्रकार थे, जो आजीवन पत्रकारों के हितों और अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे। जेल जाने तथा फांसी की सजा होने के बाद भी सत्य और संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ा।

एनयूजे बिहार के महासचिव कृष्णकांत ओझा और श्रीपति त्रिपाठी ने भी विक्रम राव से जुड़े संस्मरण साझा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मंच संचालन वरिष्ठ पत्रकार डॉ. ध्रुव कुमार ने किया, वहीं धन्यवाद ज्ञापन संजय कुमार ने किया।

इस अवसर पर आई•एफ•डब्ल्यू•जे• के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहन कुमार, प्रदेश महासचिव सुधीर मधुकर, उपाध्यक्ष मुकेश महान, कोषाध्यक्ष महेश सिंह, संगठन सचिव रामनरेश सिंह, सचिव चन्द्रशेखर भगत, कार्यालय सचिव सुभाष चन्द्र शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य अभिजीत पाण्डेय, एनयूजे इंडिया के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य प्रशांत रंजन, प्रेस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष एस एन श्याम, चिति के प्रांतीय अध्यक्ष प्रो. लक्ष्मी नारायण, संजय कुमार समेत विभिन्न मीडिया संस्थानों के पत्रकार, लेखक, शिक्षक व बुद्धिजीवी श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित थे।

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