14 फरवरी, बलिदान दिवस : पुलवामा के वीर



--परमानंद पाण्डेय
लखनऊ - उत्तर प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज।

पुलवामा में हुए आतंकी हमले को आज 04 वर्ष पूरे हो गए हैं। 14 फरवरी 2019 को दोपहर लगभग 3:00 बजे जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले में विस्फोटक लेकर जा रहे एक वाहन को टक्कर मार दी थी। पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर द्वारा सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाकर किए गए हमले में सीआरपीएफ के लगभग 40 जवान शहीद हो गए थे। सीआरपीएफ के काफिले में 78 बसें थीं। इस अटैक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। इस काफिले में सीआरपीएफ के लगभग 2500 जवान जम्मू से श्रीनगर की यात्रा कर रहे थे।

हालांकि भारत ने महज 12 दिनों में ही 'नापाक' पाक से बदला ले लिया। भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट एयरस्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर कर दिया था।

आतंकी हमले के बाद जवानों को नजदीक के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन मौके पर ही बड़ी संख्या में जवान शहीद हो गए थे। इस घटना को अंजाम देने वाले हमलावर का नाम आदिल अहमद डार था। इसके अलावा, हमले में सज्जाद भट्ट, मुदसिर अहमद खान आदि जैसे आतंकियों के भी हाथ थे, जिसे बाद में सेना ने मौत के घाट उतार दिया।

मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने की, जिसमें उसने साढ़े तेरह हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। संयुक्त राष्ट्र और दुनिया भर के कई देशों ने पुलवामा आतंकी हमले की निन्दा की थी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को अपना समर्थन दिया था।

माँ भारती के सपूतों को उनके बलिदान के लिए कोटि-कोटि नमन्।

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