पैदावार होगी दोगुनी, किसानों की बढ़ेगी आय : डॉ• पी• के• राय



--एकलव्य कुमार,
भरतपुर-राजस्थान, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

देश के किसानों की आय फसलों की पैदावार और उसकी गुणवत्ता पर निर्भर करती है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत आनेवाले अनुसंधान निदेशालय निरंतर किसानों के लिए फसलों की उन्नत प्रजातियों और आधुनिक तकनीकों के प्रसार में कार्यरत है। इसी के तहत भरतपुर स्थित सरसों अनुसंधान निदेशालय (डीआरएमआर) की ओर से बझेरा गांव में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया।

इस मौके पर डीआरएमआर के निदेशक डॉ• प्रमोद कुमार राय ने किसानों से संवाद किया। उन्होनें कहा कि जलवायु परिस्थितियों के आधार पर सरसों किसानों को सरसों प्रजातियों के चयन करना चाहिए। उन्होनें खेती में नवीनतम तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया। डॉ• राय ने कहा कि इससे फसलों की पैदावार दोगुनी की जा सकती है जिससे किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होनें निरंतर अनुसंधान से विकसित की गई राई-सरसों की उन्नत प्रजातियों की खेती वैज्ञानिकों की सलाह पर करने की बात भी कही।

प्रक्षेत्र दिवस के मौके पर डीआरएमआर के प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ• पंकज शर्मा ने किसानों को इस वर्ष जिले के लुलहरा, नंगला बहुआ, नंगला मिर्चवा, बझेरा और बसईयाकलां में लगाई गई गिर्राज किस्म की अग्र पंक्तियों की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि इन गांवों में नवीनतम फसल प्रबंधन तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंनें किसानों को राई-सरसों में लगनेवाले कीटों के प्रबंधन की भी जानकारी दी।

निदेशालय के सस्य वैज्ञानिक डॉ• रामलाल चौधरी ने संरक्षण खेती से कम लागत और कम परिश्रम में अधिक लाभ के बारे में बताया। वहीं कृषि वैज्ञानिक डॉ• मोहनलाल दौतानिया ने मृदा स्वास्थ्य और पोषक तत्त्वों के प्रबंधन की जानकारी दी।

इस अवसर पर तकनीकी अधिकारी बच्चू सिंह सहित 80 से ज्यादा महिला - पुरूष किसान उपस्थित रहे।

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