प्रदेश के विकास और समृद्धि के लिए दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता



--विजया पाठक
एडिटर - जगत विजन
भोपाल - मध्यप्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज।

■कमलनाथ का विज़न: नये मध्य प्रदेश निर्माण का संकल्प

■क्‍या कमलनाथ के विजन को अपना सकती है सरकार?

मध्य प्रदेश ने उत्साह और भव्यता के साथ 01 नवंबर को अपना 70वां स्थापना दिवस मनाया। यह दिवस केवल कैलेंडर की एक तारीख नहीं है, बल्कि गौरवशाली इतिहास, समृद्ध संस्कृति और एक उन्नत भविष्य की आकांक्षा का प्रतीक है। जब प्रदेश जश्न में डूबा होता है, तो यह स्वाभाविक है कि हम आगे की दिशा, विज़न और दूरदर्शिता पर भी विचार करें। प्रदेश को एक उन्नत भविष्य की ओर ले जाने के लिए केवल उत्सव पर्याप्त नहीं है, इसके लिए एक स्पष्ट, परिणाम उन्मुख विज़न और उसे क्रियान्वित करने वाला दूरदर्शी नेतृत्व चाहिए। यह दूरदर्शिता जो प्रदेश की युवाशक्ति, किसान वर्ग और महिलाओं के उत्थान पर केंद्रित हो, जो हमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के विज़न में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उनके 15 माह के कार्यकाल ने यह साबित किया कि एक संकल्पित और अनुभवी नेतृत्व क्या हासिल कर सकता है, भले ही कार्यकाल की अवधि सीमित रही हो। कमलनाथ ने हमेशा प्रदेश को देश के नक्शे पर एक आर्थिक शक्ति केंद्र के रूप में स्थापित करने का स्वप्न देखा। उनका विज़न केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं था, बल्कि ठोस जमीनी बदलावों पर आधारित था।

● एक दूरदर्शी पथ पर आगे बढ़ने की आवश्यकता

आज जब मध्य प्रदेश अपने स्थापना दिवस के जश्न की खुशबू में भी भविष्य की चुनौतियों का सामना कर रहा है, तो हमें यह स्वीकार करना होगा कि कमलनाथ का विज़न केवल एक राजनीतिक घोषणा पत्र नहीं, बल्कि प्रदेश की वास्तविक आवश्यकताओं का प्रतिबिंब है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक इतना अनुभवी और दूरदर्शी नेतृत्व, जिसकी योजनाएं पूरी तरह से क्रियान्वयन के लिए तैयार थीं, उन्हें पूरा मौका नहीं मिल सका। आज मध्य प्रदेश की किसी भी सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से ऊपर उठकर, कमलनाथ के युवा-केंद्रित, किसान-हितैषी और कौशल-आधारित विकास मॉडल से मार्गदर्शन ले। उनके द्वारा बुने गए उन्नत भविष्य के ताने-बाने को अपनाकर ही हम मध्य प्रदेश को देश के सबसे विकसित राज्यों की पंक्ति में खड़ा कर सकते हैं। मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारा लक्ष्य केवल जश्न मनाना नहीं, बल्कि सार्थक, सतत और समावेशी विकास सुनिश्चित करना है। जब तक प्रदेश के हर युवा को सम्मानजनक रोज़गार, हर किसान को उसका हक़ और हर महिला को सशक्तिकरण का अवसर नहीं मिलता, तब तक स्थापना दिवस का उत्सव अधूरा है। कमलनाथ का विज़न ही वह दूरदर्शी पथ है, जिस पर चलकर हम इस सार्थकता को हासिल कर सकते हैं।

उनके कार्यकाल में उठाए गए प्रमुख कदम और उनका विज़न इन बिंदुओं से स्पष्ट होता है-

• किसानों को सशक्त बनाने का संकल्प : कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का सबसे पहला और महत्वपूर्ण फैसला किसानों की कर्जमाफी था, जो उनके 'जय किसान ऋण मुक्ति योजना' के तहत आया। उन्होंने किसानों के 02 लाख तक के कर्जमाफ करने की प्रक्रिया शुरू की।

• मुख्य उपलब्धि : विभिन्न स्रोतों के अनुसार उनके 15 महीने के कार्यकाल में 30 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफ किया गया, जिससे किसानों को तत्काल वित्तीय राहत मिली और कृषि क्षेत्र में नया विश्वास जागा।

• दूरदर्शिता : उनका लक्ष्य कृषि को लाभ का धंधा बनाना था, ताकि कर्ज के बोझ तले दबे किसान आत्महत्या के लिए मजबूर न हों। फसल बीमा और सिंचाई परियोजनाओं पर भी जोर दिया, ताकि किसानों की आय में निरंतर वृद्धि हो सके।

• युवाशक्ति और कौशल विकास पर ज़ोर : मध्य प्रदेश में रोज़गार की तलाश में भटक रहे पढ़े-लिखे युवाओं की बड़ी संख्या है। कमलनाथ का विज़न था कि युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से 'जॉब सीकर' के बजाय 'जॉब क्रिएटर' बनाया जाए और उन्हें प्रदेश में ही रोज़गार मिले।

• मुख्य कदम : कमलनाथ ने मेगा स्किल सेंटरों की स्थापना, युवा स्वाभिमान योजना और नई औद्योगिक नीति के माध्यम से प्रदेश में निवेश और रोज़गार सृजन को प्राथमिकता दी। उनका मानना था कि जब तक युवा सशक्त नहीं होंगे, प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं हो सकती।

• दूरदर्शिता : उनका स्पष्ट मत था कि केवल सरकारी नौकरियों से रोज़गार नहीं मिलेगा, बल्कि उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण और नई तकनीकों से युवाओं को जोड़कर ही उन्हें स्थायी रोज़गार दिया जा सकता है।

• सामाजिक न्याय और वंचितों का उत्थान : कमलनाथ के नेतृत्व में सामाजिक न्याय के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए, जो समावेशी विकास के उनके विज़न को दर्शाते हैं।

• पिछड़ा वर्ग को आरक्षण : अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। यह कदम प्रदेश की बड़ी आबादी को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास था।

• आदिवासी कल्याण : उन्होंने आदिवासी पलायन को रोकने के लिए उनके क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर बढ़ाने और स्थानीय संसाधनों पर उनके अधिकार को मजबूत करने की योजना बनाई। उनका लक्ष्य था कि आदिवासी समाज को अपनी संस्कृति और ज़मीन से जुड़े रहते हुए विकास के मुख्यधारा में लाया जाए।

• महिलाओं का सशक्तिकरण : महिलाओं के लिए स्व-सहायता समूहों को प्रोत्साहन देना और उनके आर्थिक स्वावलंबन के लिए विशेष कार्यक्रमों पर बल दिया गया।

• छिंदवाड़ा मॉडल संपूर्ण प्रदेश के लिए प्रेरणा : कमलनाथ का राजनीतिक कर्म क्षेत्र छिंदवाड़ा, उनके विकास के विज़न का एक जीता-जागता प्रमाण है। दशकों से उन्होंने छिंदवाड़ा को एक ऐसे 'विकास मॉडल' में बदला, जिसकी तारीफ उनके विरोधी भी करते हैं।

• मॉडल के मुख्य तत्व : छिंदवाड़ा मॉडल केवल बेहतर सड़कें और बुनियादी ढाँचे तक सीमित नहीं है, बल्कि सोयाबीन उत्पादन को बढ़ावा देकर किसानों की समृद्धि, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का उच्चीकरण और स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना के माध्यम से स्थानीय रोज़गार सृजन इसका मूल है।

• प्रदेशव्यापी योजना : कमलनाथ का विज़न था कि इसी समग्र विकास मॉडल को जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर और भोपाल सहित प्रदेश के हर संभाग में लागू किया जाए। उनका सपना था कि प्रदेश का हर जिला, निवेश और रोज़गार के लिए एक आत्मनिर्भरता का केंद्र बने।

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