प्राकृतिक संपदा की खूबसूरती वाले राज्य को लगी गृहमंत्री विजय शर्मा की नजर



--विजया पाठक
एडिटर -जगत विजन
रायपुर - छत्तीसगढ़, इंडिया इनसाइड न्यूज।

■शर्मा के गृहमंत्री बनने के बाद आपराधिक घटनाओं और नक्‍सली हमलों में हुई बढ़ोत्तरी

■प्रदेश की पुलिस हुई निरंकुश, कॉग्रेस राज के दौरान दागदार आईपीएस अफसरों को गृहमंत्री का संरक्षण

■उदासीन गृहमंत्री के कारण पूरी तरह से ध्वस्त हो गई राज्य की कानून व्यवस्था

आज छत्तीसगढ़ राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, उसका एक कारण है प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा। प्रदेश की कानून व्यवस्था इतनी लचर हो गई है कि आज अखबार की ज़्यादातर खबरें क्राइम पर आधारित ही दिखाई देती हैं। आज छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था की हालत के कारण गृहमंत्री विजय शर्मा हैं, कहते है सांप को दूध पिलाने पर भी वो डसता जरूर है वैसे ही कॉंग्रेस के रावणराज के दौरान प्रदेश में हाहाकार मचाने वाले आईपीएस अफसरों को गृहमंत्री का संरक्षण प्राप्त है। कभी प्राकृतिक संपदाओं से परिपूर्ण और खिलखिलाता छत्तीसगढ़ को पिछले कुछ समय से न जाने किसकी नजर लग गई है। पिछले पांच सालों में जहां कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने राज्य की धन संपदाओं को पूरी तरह से खोखला कर दिया। राज्य के पत्रकार मुकेश चंद्राकार की मौत ने राज्य की कानून व्यवस्थाओं पर फिर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। वर्तमान में भाजपा सरकार के गृहमंत्री विजय शर्मा के उदासीन रवैये के चलते राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। हम ऐसा भी कह सकते हैं कि आज गृहमंत्री विजय शर्मा ने पूरे राज्य के लॉ एंड ऑर्डर को ध्वस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बात सिर्फ इतनी है कि अगर विजय शर्मा से गृह मंत्रालय नहीं संभल रहा है तो उन्हें खुद से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बात करके अपने पोर्टफोलियों में परिवर्तन कर लेना चाहिए। लेकिन वे पूरी तरह से मूकदर्शक बने बैठे हुये हैं और राज्य में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ती जा रही हैं। लोग खौफ में हैं, भ्रष्टाचार सहित आपराधिक मामले अपने शिखर पर है। दिन प्रतिदिन राज्य में अलग-अलग कानूनी वारदातें हो रही हैं, जिससे पूरे देश में छत्तीसगढ़ की एक नकारात्मक छवि बन रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार राज्य के अंदर इंसान गाजर मूली की तरह काटे जा रहे हैं। सरकार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं हैं। अस्पताल में अनैतिक घटना हो जाना गृहमंत्री की कमजोरी का परिणाम है। यही नहीं छत्तीसगढ़ की राजधानी तक सुरक्षित नहीं हैं। समय के साथ राज्य अपराध का गढ़ बनता जा रहा है और आश्चर्य यह होता है कि अभी तक गृहमंत्री विजय शर्मा पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

• आपराधिक घटनाओं के कारण बढ़ती जा रही संख्या

विपक्षी दल के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार पिछले सात महीने में राज्य में 300 से अधिक बलात्कार, 80 सामूहिक बलात्कार, 200 से अधिक हत्यायें। चाकूबाजी, लूट, डकैती, चेन स्नेचिंग की अनगिनत घटनाएं हो चुकी हैं। आश्चर्य करने वाली बात तो यह है कि यह तो सिर्फ वह आंकड़ें हैं जो सरकारी दस्तावेज में शामिल हैं। ऐसे और न जाने कितनी घटनाओं को अंजाम बड़ी ही सूझबूझ के साथ दिया गया है जिन पर अभी तक कोई कार्रवाही नहीं होती दिखाई दे रही है। जाहिर है कि गृहमंत्री विजय शर्मा खुद नहीं चाहते हैं कि इस तरह के घटनाएं बंद हो, क्योंकि वे आपराधिक घटनाओं के तबे पर सियासी रोटियां सेंकने का कोई मौका नहीं गंवाना चाहते।

•गृहमंत्री का नहीं है कोई नियंत्रण

राज्य की पुलिस और कानून व्यवस्था पर राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा का खुद कोई नियंत्रण नहीं है। यही कारण है कि अपराधिक घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। यह वे घटनाएं हैं जिनके बारे में विचार करके भी रोंगटे खड़े हो जाते हैँ। जब मैं पोस्ट लिख रही हूं उस समय मेरे दिमाग में जगदलपुर शहर में हुई तीन बड़ी घटनाओं का स्मरण आता है। दिल दहला देने वाली यह घटनाएं पांच दिन में अंजाम दी गई। यही नहीं दीपावली के तीन दिनों में राजधानी रायपुर में ही 07 हत्यायें हुई। राजधानी से लगे भिलाई, दुर्ग जिले में 04 हत्यायें हुई हैं। तीन से चार दिनों में राजधानी क्षेत्र में रायपुर भिलाई में कुल 11 हत्यायें हुई हैं।

• बिहार-यूपी जैसे हालात बनते जा रहे हैं

छत्तीसगढ़ की स्थिति तो बिहार, यूपी से भी ज्यादा डरावनी हो गयी है। गृहमंत्री विजय शर्मा राज्य को मणिपुर की तरह जलते हुये देखना चाहते हैं। यही कारण है कि पिछले दिनों प्रदेश में पहली बार जातीय आधार पर संघर्ष होता देखा गया। राजधानी के सकरी गांव में दंगा हो गया, एक घर में आग लगा दी गई, वाहनों को जला दिया गया, यदि परिवार वाले गांव छोड़कर नहीं जाते तो 11 सदस्य का पूरा परिवार घर में जिंदा जल गया होता। कुल मिलाकर सभी केवल इस बात को लेकर आशांन्वित हैं कि राज्य में खस्ताहाल हो चुकी कानून व्यवस्था को दूरस्त कब किया जायेगा।

• गृहमंत्री बनते ही दो महीने में हुए 54 नक्सली हमले

विजय शर्मा के गृहमंत्री बनने के बाद राज्य में एक दिसंबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक राज्य में 54 नक्सली घटनाएं और नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबल के सात जवान तथा एक ‘गोपनीय सैनिक’ शहीद हुआ है। इस दौरान 53 जवान घायल हुए तथा आठ नक्सली भी मारे गए हैं। नक्सली घटनाओं में सुकमा जिले में चार जवान शहीद हुए हैं तथा 25 जवान घायल हुए हैं। वहीं बीजापुर जिले में दो जवान शहीद हुए हैं तथा 21 जवान घायल हुए हैं। जिले में मुठभेड़ में चार नक्सली भी मारे गए हैं।

ताजा समाचार

National Report



Image Gallery
इ-अखबार - जगत प्रवाह
  India Inside News