--राजीव रंजन नाग
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज।
■दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलौत का इस्तीफा
अगले साल दिल्ली विधानसभा के होने वाले चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के गृह व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने केजरीवाल को पत्र लिखा है। शीश महल का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने इस्तीफा दिया है। आप के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने हालांकि कहा कि गहलोत का इस्तीफा पार्टी के लिए झटका नहीं है। आम आदमी पार्टी का गठन दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने किया है।
कैलाश गहलोत ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की सीएम आतिशी को इस्तीफा भेजा है। दिल्ली की सीएम आतिशी ने गहलोत का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। गहलोत ने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा देते हुए एक पत्र केजरीवाल को भेजा है। उन्होंने इस्तीफे में यमुना की सफाई और शीशमहल निर्माण का मुद्दा उठाया है। गहलोत ने चिट्ठी में लिखा कि यमुना की सफाई का वादा हमने पिछले चुनाव में किया था, लेकिन सफाई नहीं हुई, हम अपना वादा पूरा नहीं कर पाए।
गहलोत ने पत्र में आरोप लगाते हुए लिखा है कि जिस ईमानदार राजनीति के चलते वह आम आदमी पार्टी में आए थे, वैसा अब नहीं हो रहा है। उन्होंने पार्टी के संयोजक व पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास को 'शीशमहल' करार देते हुए कई आरोप भी लगाए हैं। ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखे अपने इस्तीफे में गहलोत ने पार्टी के सामने मौजूद ‘‘गंभीर चुनौतियों’’ की ओर इशारा किया है। गहलोत ने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए ‘‘शीशमहल’’ जैसे कुछ ‘‘शर्मनाक’’ विवादों को भी उठाया और कहा कि इससे सभी को संदेह होता है कि क्या ‘‘हम अब भी खुद को ‘आम आदमी’ मानते हैं।’’
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि "अगर उन्हें यह जानकारी थी कि ईडी और सीबीआई के कारण कैलाश गहलोत पद छोड़ देंगे तो उन्होंने (आप) उन्हें मंत्री पद पर क्यों बने रहने दिया? उन्हें पहले ही हटा देना चाहिए था। गहलोत ने आप के भ्रष्टाचार को उजागर किया है और भ्रष्ट अरविंद केजरीवाल का असली चेहरा भी दिखाया है।
जबकि दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेन्द्र यादव का कहना है, ''इसका मतलब साफ है कि कैलाश गहलोत कई राज खोल सकते हैं। यही कारण है कि राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सवालों का जवाब नहीं दिया।''
विधायक दुर्गेश पाठक ने इसका जवाब देने का प्रयास किया। इससे साफ पता चलता है कि केजरीवाल डरे हुए हैं और सवालों से बच रहे हैं।
"शीशमहल जैसे कई शर्मनाक और अजीबोगरीब विवाद का हवाला देते हुए गहलौत ने लिखा है कि हैं, जो अब सभी को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अभी भी आम आदमी होने में विश्वास करते हैं...अब यह स्पष्ट है कि अगर दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र से लड़ने में बिताती है तो दिल्ली के लिए वास्तविक प्रगति नहीं हो सकती। मेरे पास आप से अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है और इसलिए मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।"
कैलाश गहलोत के सारे विभाग मुख्यमंत्री आतिशी के पास रहेंगे। मुख्यमंत्री आतिशी ने उप राजज्यपाल को प्रस्ताव भेजा है। कैलाश गहलोत दिल्ली सरकार में परिवहन, वित्त गृह और राजस्व मंत्री थे। वह नजफगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और आम आदमी पार्टी राजनीतिक मामलों की समितित के सदस्य थे। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र एक्स पर साझा किया है। गहलोत ने दावा किया था कि पार्टी “शीशमहल” जैसे “शर्मनाक और अजीब” विवादों का सामना कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय, आप अपने स्वयं के एजेंडे के लिए लड़ने में व्यस्त है, जिसने दिल्ली में बुनियादी सेवाओं की आपूर्ति को पंगु बना दिया है।
उधर, कैलाश गहलोत के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली की सियासत में घमासान मच गया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने गहलोत के इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह उनका बहुत ही साहसी कदम है। दूसरी ओर, आप ने इस्तीफे को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि ईडी और इनकम टैक्स से रेड डलवा कर प्रताड़ित कर रही थी।
पूर्व भाजपा विधायक अनिल झा के आप में स्वागत के लिए आयोजित प्रेस वार्ता में केजरीवाल से श्री गहलोत के अचानक इस्तीफे के बारे में पूछा गया। पूर्व मुख्यमंत्री ने तुरंत माइक्रोफोन को अपने बगल में बैठे पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक की ओर मोड़ दिया। जब रिपोर्टर ने उनसे जवाब देने के लिए कहा, तो श्री केजरीवाल ने मुस्कुराते हुए कहा, "आप जवाब चाहते हैं, न? पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा की आलोचना की, लेकिन श्री गहलोत के इस्तीफे का जिक्र नहीं किया। श्री पाठक ने कहा कि कैलाश गहलोत से कई महीनों से ईडी और आयकर विभाग द्वारा पूछताछ और छापेमारी की जा रही थी। "इसलिए उनके पास कोई विकल्प नहीं था। लेकिन इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा दिल्ली चुनाव हार गई है। वे ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग के आधार पर लड़ रहे हैं और हम लोगों के मुद्दों पर लड़ रहे हैं,"।
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि श्री गहलोत का इस्तीफा भाजपा की "गंदी राजनीति" का हिस्सा है। "कैलाश गहलोत पर ईडी-सीबीआई छापों के ज़रिए दबाव बनाया जा रहा था और वे भाजपा की स्क्रिप्ट के अनुसार बोल रहे हैं। पेशे से वकील श्री गहलोत नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।