'इमरजेंसी' फिल्म से इंदिरा हत्याकांड एपिसोड हटाने से कंगना का इंकार



--राजीव रंजन नाग
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज।

सिख समुदाय के नेताओं की आलोचना का सामना कर रहीं 'इमरजेंसी' फिल्म की अभिनेत्री-निर्देशक और बीजेपी से पहली बार सांसद बनीं कंगना रनौत ने अपनी फिल्म से इंदिरा गांधी हत्याकांड के दृश्यों को हटाए जाने की संभावना से इनकार किया है। 'इमरजेंसी' फिल्म से इंदिरा हत्याकांड एपिसोड हटाने से किया इनकार, कहा- 'क्या मैं ये दिखाऊं कि उनकी मौत बिजली कड़कने से हुई थी?'

रजत शर्मा के प्रतिष्ठित टीवी शो 'आप की अदालत' में उनके सवालों का जवाब देते हुए कंगना रनौत ने कहा, 'मैंने एसजीपीसी के लोगों से संपर्क किया, उन्हें अपनी फिल्म दिखाई। वे चाहते हैं कि मैं यह न दिखाऊं कि सिखों ने इंदिरा गांधी को मारा। तो मैं क्या दिखाऊं? कि बिजली कड़की और वह चल बसीं?' कंगना ने कहा-इंदिरा गांधी के रोल के लिए मुझे एजिंग ट्रीटमेंट लेना पड़ा। कोई भी उस बूढ़ी औरत की कहानी पर फिल्म नहीं बनाना चाहता था, जो कि तीन बार हमारी प्रधानमंत्री (इंदिरा गांधी) रह चुकी हैं।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी समेत कई संगठनों ने फिल्म 'इमरजेंसी' पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका आरोप है कि यह फिल्म "सिख विरोधी नरैटिव" फैला रही है और सिखों को "अलगाववादी" के रूप में गलत तरीके से पेश कर रही है। 27 अगस्त को सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा भेजी गई नोटिस में कहा गया है, 'इस तरह का चित्रण न केवल भ्रामक हैं, बल्कि पंजाब और पूरे देश के सामाजिक ताने-बाने के लिए बेहद अपमानजनक और नुकसानदेह भी हैं। यह स्पष्ट है कि रनौत ने आपातकाल का विषय कांग्रेस को किसी वास्तविक राजनीतिक या ऐतिहासिक घटना को लेकर घेरने के लिए नहीं, बल्कि सिख समुदाय को निशाना बनाने के लिए चुना है।'

जब उनसे पूछा गया कि फिल्म के ट्रेलर ने एक खास वर्ग के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, तो कंगना ने जवाब दिया, 'जब कोई पूर्व प्रधानमंत्री पर फिल्म बनाता है, जिनकी हत्या कर दी गई थी, तो वह ये तो नहीं दिखा सकता कि बिजली कड़की और वह चल बसीं। सिरसा जी कह रहे हैं कि आप ये दिखाइए कि एक पेड़ गिरा और वह मर गईं। मैं इस देश का इतिहास नहीं बदल सकती। मुझे किसी समुदाय से कोई दिक्कत नहीं है। जब फिल्म रिलीज होगी, तो सब कुछ साफ हो जाएगा। यह फिल्म मेरा गंभीर प्रयास है।'

फिल्म में इंदिरा गांधी की भूमिका निभाने वाली कंगना ने कहा, 'इमरजेंसी कंट्रोवर्सियल तो थी बट इट इज ऑल्सो ए बेस्ट केप्ट सीक्रेट। हमारी मौजूदा पीढ़ी इसके बारे में बहुत कम जानती है। इंदिरा जी को लेकर लोगों में नफरत और प्रेम दोनों था। जैसे मोदी जी की श्री राम के अवतार के रूप में प्रशंसा की जाती है, इंदिरा जी को अभिनव चंडी दुर्गा कहा जाता था। एक नेता के लिए प्यार और नफरत ने इस फिल्म को करते समय मेरी कल्पना को पकड़ लिया। उनके शरीर में 35 गोलियां लगीं। मैं यह दिखाने की कोशिश कर रही थी कि कैसे एक नेता जो देश के लिए लड़ते हुए, देश के खिलाफ लड़ती हैं (आपातकाल लगाकर) ... इंदिरा गांधी की भूमिका करते समय, मेरा पूरा नजरिया बदल गया। यहां एक बुजुर्ग महिला थी, अपने बेटे के प्रति उनका प्यार था, फिर अपने बेटे को खोना, उन्होंने देश के लिए बहुत कुछ किया।'

क्या राहुल गांधी को आपकी फिल्म पसंद आएगी? कंगना रनौत: (थोड़ी देर रुककर) अगर वो घर जाकर टॉम एंड जेरी देखते होंगे तो उन्हें कैसे समझ में आएगा? उन्हें आपको अपनी दादी के तौर पर देखना पड़ेगा? कंगना रनौत ने कहा- ये राजकुमार वाली मानसिकता.. ये भारत देश मेरी दादी का है। उन्हें ऐसी मानसिकता छोड़नी होगी। नहीं तो वह कार्टून बनकर रह जाएंगे। कुछ कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि मैं उनकी दादी का रोल करके अपनी दुकान चलाने की कोशिश कर रही हूं। अच्छा है कि मैं बीजेपी में हूं, नहीं तो कांग्रेस में होती तो मुझे नफरत होती।

यूथ कांग्रेस द्वारा उनके खिलाफ केस दर्ज किए जाने पर कंगना ने जवाब दिया: "मैंने उन्हें फिल्म देखने के लिए बुलाया था। वे आना ही नहीं चाहते।"

कंगना रनौत ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार राहुल गांधी को लोकसभा में बोलते हुए देखा तो उन्हें क्या महसूस हुआ। उन्होंने कहा, "आप यकीन नहीं कर सकते कि सदन के अंदर वह कैसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे थे। वह सभी देवताओं की तस्वीरें लेकर आए थे, ताकि यह दिखाया जा सके कि सभी देवता कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ के पंजे का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि वे कांग्रेस के ब्रांड एंबेसडर हों। फिर उन्होंने कहा, मैं शिवजी की बारात का हूं। और भाषण के अन्त में वो बैठे और एकटक देखने लगे। मुझे लगा कि मैं किसी से कहें कि चेक करें कि उन्हें हो क्या गया है। मैंने ये नहीं कहा कि वह ड्रग्स लेते हैं, मैंने ये कहा कि एक टेस्ट होना चाहिए।'

जब उनसे कहा गया कि उन्होंने राहुल को "बिटर प्वायजन" कहा था, तो कंगना ने जवाब दिया: "ये तो सारा देश कह रहा है। वह विदेश जाकर अमेरिका से हमारे मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए कहते हैं। वह हमेशा हमारे देश के टुकड़े कराने में लगे रहते हैं, चाहे वह जाति के नाम पर हो, अर्थव्यवस्था हो, बॉर्डर हो।"

किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान लाशें लटकाए जाने और बलात्कार की घटनाओं के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणी पर, बीजेपी की सांसद ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि किसानों ने ऐसा किया। कंगना ने कहा, 'मैंने कहा था कि जहां किसान आंदोलन हुए वहां लाशें लटकी पाई गईं, गैंगरेप हुआ। मैंने कभी नहीं कहा कि किसानों ने ऐसा किया, उपद्रवियों ने ऐसा किया। मेरे पास वीडियो कवरेज है।'

कंगना ने कहा, 'एक व्यक्ति के रूप में मुझे लगता है कि दुनिया सच देखकर झुठला देती है और झूठ में जीती है। मेरा कटाक्ष 'उपद्रवियों' के खिलाफ था, किसानों के खिलाफ नहीं। मैं खुद एक किसान परिवार से हूं, मैं खेत में खुद खाना लेकर जाती थी। मेरी दादी कहती थीं कि किसानी कर लो। मेरे मन में यह भावना थी कि किसानों के आंदोलन को पूरी तरह से हाईजैक कर लिया गया।' किसानों से जुड़े मुद्दों पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा उनके साथ "असहमति" व्यक्त करते हुए बयान जारी करने और यह स्पष्ट करने पर कि "वह नीतिगत मुद्दों पर बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं", कंगना रनौत ने जवाब दिया, "मुझे पॉलिटिक्स में आए हुए केवल 2 महीने हुए हैं। हमें पार्टी के दिशा-निर्देश मिलते हैं, लेकिन मीडिया ने यह कहकर इसे बढ़ा-चढ़ाकर ऐसे पेश किया कि मानो मुझे कड़ी फटकार लगाई गई हो।

कंगना रनौत ने कहा, 'मैंने कहा था कि पांच-पांच सौ रुपये देकर शाहीन बाग में लोगों को लाते थे, सबने देखा है। मैं वीडियो प्रोड्यूस कर दूंगी। मैने देखा कि वहां बिरयानी दी जा रही है। वही चेहरे जो शाहीन बाग में मिले, वही चेहरे किसानों के आंदोलन की जगह पर देखे गए। लोगों ने इसे देखा है।'

राजनीति में आने के बाद क्या वह फिल्में छोड़ देंगी, इस पर कंगना ने कहा, 'फिल्म एक ऐसा काम है जिसमें बहुत समय लगता है। पॉलिटिक्स भी बहुत डिमांडिंग होती है। जिस दिन से मैं राजनीति में आई हूं, पिछले 6 महीनों में एक दिन की भी शूटिंग नहीं कर पाई हूं। मैं बैलेंस बनाने की कोशिश कर रही हूं। देखते हैं आगे क्या होता है। लेकिन मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के लोग खुश होंगे कि 'कंगना भाग जाएगी'।'

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