गुजरात को भाजपा से छीन लेगी और पश्चिमी राज्य से 'नई शुरुआत' करेगी



--राजीव रंजन नाग
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज।

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस से चुनाव जीतने को लेकर आशंकित थे..? क्या बनारस में उनके मैनेजरों तथा कार्यकर्ताओं में उनके खिलाफ असंतोष व नाराजगी के कारण मोदी चुनाव जीतने को लेकर भयाक्रांत थे..? कहते हैं इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के साथ स्थानीय ऐजेंसियों ने भी अपनी कई रिपोर्ट में प्रधानमंत्री की जीत को लेकर अलग-अलग तरीके से आशँका जताई थी। इस अनहोनी से भयभीत मोदी फैजाबाद (अयोध्या) से चुनाव लड़ने की भी सोच रहे थे...? यह कुछ सवाल है जिनका जबाव आना भी बाकी है...। हालांकि राहुल गांधी ने इसका खुलासा कर दिया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन भाजपा के आंतिक सर्वेक्षकों ने उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी थी। प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात के अहमदाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस भाजपा को उसके गढ़ में हराएगी, जैसा कि "हमने उसे अयोध्या में हराया है।"

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनके सर्वेक्षकों ने कहा कि वह हार जाएंगे और उनका राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा।" राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री द्वारा एक साक्षात्कार में दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा, "मोदी ने कहा कि उनका भगवान से सीधा संबंध है, फिर भाजपा लोकसभा चुनाव में अयोध्या में क्यों हारी।" भाजपा को फैजाबाद निर्वाचन क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने हराया, जहां अयोध्या में राम मंदिर है। भाजपा की हार प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक भव्य समारोह में राम लला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का नेतृत्व करने के ठीक चार महीने बाद हुई। कम अंतर से सीट जीती। कांग्रेस नेता ने निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा की हार के पीछे तीन कारण भी गिनाए और कहा कि लोग राम मंदिर निर्माण के लिए ली गई जमीन का मुआवजा न मिलने से भाजपा सरकार से नाराज थे। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का भगवान से सीधा संबंध है...तो फिर भाजपा लोकसभा चुनाव में अयोध्या में क्यों हारी?" कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी गुजरात को भाजपा से छीन लेगी और पश्चिमी राज्य से 'नई शुरुआत' करेगी।

हालांकि, पीएम मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़ा और मामूली अंतर से वह चुनाव जीत पाये। यह अंतर रायबरेली में राहुल गांधी को मिले वोट से आधे से भी कम था। मोदी 1,52,513 के अंतर से चुनाव जीते। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पीएम मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी लोकसभा सीट 1,52,513 के अंतर से जीती है। 2019 और 2014 के लोकसभा चुनावों की तुलना में यह जीत का अंतर काफी कम हो गया है। 2019 के लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी ने 4,79,505 वोटों (45.2%) के अंतर से जीत हासिल की थी। 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने 3,71,784 वोटों (36.14%) के अंतर से जीत हासिल की थी।

वहीं रायबरेली में राहुल गांधी को मिले 6,87,649 वोट की तुलना में बहुत कम था। जबकि उनके प्रतिदद्वंदी भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को महज 2,97,619 में संतोष करना पड़ा। मामूली अंतर से मोदी की जीत से ब्रांड मोदी के लिए एक झटका सरीखा है। इस बार मोदी छ:ह लाख से चुनाव जीतन को लेकर लक्षय रखा था। लेकिन कांग्रेस के अजय राय ने उनके इस मंसूबे पर पलीता लगा दिया। राहुल ने कहा - यह लिखकर ले लीजिए कि कांग्रेस गुजरात में चुनाव लड़ेगी और गुजरात में नरेंद्र मोदी और भाजपा को हराएगी, जैसा हमने अयोध्या में किया है"।

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