ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा के स्‍पीकर बने



--राजीव रंजन नाग
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज।

भाजपा नेता और लोकसभा अध्‍यक्ष रह चुके ओम बिरला आज यानी बुधवार को लगातार दूसरी स्‍पीकर चुने गए हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ओम बिरला को उनके आसन तक लेकर गए। इसी के साथ बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्‍यक्ष बनने वाले नेता बलराम जाखड़ जीएम बालयोगी और पीए संगमा की सूची में शामिल हो गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव सदन में रखा तो वहां मौजूद सदन के सदस्यों ने उन्हें ध्वनि मत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ओम बिरला को उनके आसन तक लेकर गए।

भाजपा नेता ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले नेता बलराम जाखड़, जीएम बालयोगी और पीए संगमा की सूची में शामिल हो गए। अगर ओम बिरला अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर लेते हैं तो बलराम जाखड़ के बाद ऐसा करने वाले दूसरे नेता होंगे। दूसरी बार कई नेता लोकसभा अध्यक्ष बनें, लेकिन पूरे 5-5 साल के कार्यकाल पूरे नहीं कर पाए। सिर्फ बलराम जाखड़ ने ही साल 1980 से 1985 और 1985 से 1989 तक अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए।

लोकसभा चुनाव 2024 में ओम बिरला कोटा की संसदीय सीट से सांसद चुने गए हैं। राजस्थान के कोटा शहर में 4 दिसंबर, 1962 को जन्‍मे ओम बिरला लीक से हटकर काम करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने स्कूली शिक्षा कोटा के गुमानपुरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से पूरी की और उसके बाद बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से बी.कॉम और एम.कॉम पूरी की। बिरला की शादी अमिता से हुई और उनके दो बेटियां अंजली और आकांक्षा हैं। पत्‍नी अमिता पेशे से सरकारी डॉक्टर हैं। वह छात्र राजनीति से संघ और राजनीति में आए तो अब तक तीन बार विधायक और तीसरी बार सांसद चुने गए। इसी के साथ कई रिकॉर्ड भी उन्होंने अपने नाम किए। लोकसभा स्पीकर बनने वाले राजस्थान के पहले सांसद हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज संसद में हाथ मिलाया और साथ मिलकर नवनिर्वाचित लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का स्वागत किया। राहुल गांधी विपक्ष के नेता का पद संभालने वाले गांधी परिवार के तीसरे सदस्य हैं। श्री गांधी अपनी मां सोनिया गांधी, जो 1999 से 2004 तक विपक्ष की नेता रहीं, और उनके पिता राजीव गांधी, जो 1989 से 1990 तक विपक्ष के नेता रहे, के पदचिन्हों पर चल कर संसदीय लोक तंत्र के इस संवैधानिक पद की यात्रा की है।

कांग्रेस सांसद के सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाने वाले विपक्ष द्वारा प्रस्ताव पर मतदान के लिए जोर न देने के बाद प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने चुनाव परिणाम घोषित किए। घोषणा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू श्री बिरला को अध्यक्ष की कुर्सी तक ले जाने के लिए ट्रेजरी बेंच की अगली पंक्ति में उनकी सीट के पास पहुंचे। उनके साथ राहुल गांधी भी थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने श्री बिरला को बधाई देते हुए कहा, "यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि आप दूसरी बार इस कुर्सी पर चुने गए हैं।" "मैं आपको पूरे सदन की ओर से बधाई देता हूं और अगले पांच वर्षों के लिए आपके मार्गदर्शन की आशा करता हूं। आपकी मधुर मुस्कान पूरे सदन को खुश रखती है।"

राहुल गांधी ने कहा, "मैं पूरे विपक्ष और इंडिया गठबंधन की ओर से आपको बधाई देना चाहता हूं।" "आप लोगों की आवाज के अंतिम निर्णायक हैं। सरकार के पास राजनीतिक शक्ति हो सकती है, लेकिन विपक्ष भी लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है। विपक्ष आपके काम में आपकी सहायता करना चाहेगा, मुझे विश्वास है कि आप हमें सदन में बोलने की अनुमति देंगे।" भारत में विपक्ष के नेता का इतिहास 1969 से शुरू होता है जब राम सुहाग सिंह ने पहली बार इस पद को संभाला था। तब से, यह भूमिका संसदीय लोकतंत्र की आधारशिला बन गई है।

विपक्ष का नेता मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी), केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और लोकायुक्त जैसे प्रमुख अधिकारियों की नियुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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