बीजेपी के षड़यंत्र का शिकार होने से बचे कमलनाथ



--विजया पाठक
एडिटर - जगत विजन
भोपाल - मध्यप्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज।

• कमलनाथ का बीजेपी में जाने की अटकलों पर विराम...

• कमलनाथ को मिली लोकसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी

• पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भरी लोकसभा चुनाव को लेकर हुंकार, मकसद चुनाव में ईवीएम मशीन के साथ खिलवाड़ के षड़यंत्र को उजागर करना और पार्टी को बड़ी जीत दिलाना

• कमल को मात पंजे का साथ

लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही मध्यप्रदेश में सियासी पारा एक बार फिर उफान पर है। पिछले कुछ दिनों से अटकलें लगाई जा रही थी कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। दरअसल यह षड़यंत्र बीजेपी द्वारा रचा गया था, जिसका शिकार होने से अब कमलनाथ बच गये हैं। एक योजना के तहत बीजेपी ने यह अफवाह फैलायी थी। हालांकि इन तमाम अटकलों पर विराम लग चुका है और खुद कमलनाथ ने इन अटकलों का खंडन किया है। इस पूरे वाक़ये के बाद कांग्रेस हाईकमान ने कमलनाथ को लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी ज़िम्मेदारी दी है। चूंकि 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी आलाकमान ने जहां हार का पूरा ठीकरा पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पर फोड़ते हुए गलत फैसले लिये थे अब वही पार्टी आलाकमान ने अपनी गलती को स्वीकारते हुए कमलनाथ को दोबारा से पार्टी में मुख्य धारा में आने का न्यौता दिया है। इन सबके पीछे लोगों को इस बात का अंदेशा है कि चूंकि कमलनाथ ने अपने समर्थित विधायकों के साथ भाजपा में जाने का फैसला किया शायद इसी बात को ध्यान में रखकर कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ की सक्रिय भूमिका को मजबूती देने का फैसला किया है। जबकि यहाँ बात कुछ और ही है। सूत्रों के अनुसार कमलनाथ के भाजपा में सम्मिलित होने के इस पूरे वाक़ये को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का षडयंत्र बताया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार कमलनाथ तो कहीं जाने के लिए तैयार ही नहीं थे। यह सब तो भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का चक्रव्यूह था जिसे कमलनाथ ने पूरी कुशलता के साथ भेदते हुए खुद को सुरक्षित कर लिया हैं।

• इस बात में कोई संदेह नहीं है कि कमलनाथ के बिना प्रदेश में कांग्रेस का अस्तित्व ही नहीं है

प्रदेश की राजनीति कमलनाथ के बिना संभव नहीं हैं। 2018 और 2023 के विधानसभा चुनाव में हम इसकी बानगी देख चुके हैं। वह अपने बलबूते पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवा चुके हैं। वनमैन आर्मी की तरह उन्होंने पार्टी को एक सूत्र में बांधे रखा और पूर्व की शिवराज सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था। अब सामने 2024 का लोकसभा चुनाव है। ऐसे में कमलनाथ की सक्रियता के बगैर बीजेपी को टक्कर देना नामुमकिन केहै। एक कमलनाथ ही हैं जो प्रदेश में बीजेपी से लोहा ले सकते हैं। यह बात बीजेपी भी जानती है इसीलिए उसने कमलनाथ के बीजेपी में आने की अफवाह फैलायी थी। क्योंकि अगर कमलनाथ कांग्रेस छोड़ते तो शायद कांग्रेस का वजूद ही ख़त्म हो जाता। जब कमलनाथ की बीजेपी में जाने की अटकलें चल रही थी तब देश के तमाम कांग्रेस नेताओं ने उनसे संपर्क साधा था और बीजेपी में नही जाने की बात कही थी।

• कमलनाथ पर है प्रमुख जिम्मेदारी

पिछले दिनों में जो भी वाकया हुआ उसके बाद कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने कमलनाथ की कार्य कुशलता और उनके अनुशासन का लोहा माना। यही कारण है कि पार्टी आलाकमान ने तुरंत ऑनलाइन बैठक कर कमलनाथ को लोकसभा चुनाव में प्रमुख जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया है। कमलनाथ को यह जिम्मेदारी देने की एक बड़ी वजह यह भी है कि कमलनाथ एक विजनरी लीडर हैं और अगर पार्टी लोकसभा में उनकी दूरदृष्टि की सोच के अनुसार कार्य करेगी तो निश्चित ही उन्हें लोकसभा चुनाव में बड़ा फायदा मिल सकता है।

• कमलनाथ को बदनाम करने की थी साजिश

भाजपा से जुड़े पदाधिकारियों के अनुसार विगत दिनों उच्च स्तरीय बैठक में कमलनाथ की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर जीत को लेकर मंथन हुआ। बैठक में हर किसी ने इस बात को स्वीकार किया कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को जीतना आसान नहीं है। ऐसे में एक पार्टी पदाधिकारी ने कमलनाथ को बदनाम करने का जाल बुना। यह पूरी योजना सुनकर पार्टी आलाकमान भी संतुष्ट नजर आया और उन्होंने तुरंत इस पूरे मसले को पूरी कार्ययोजना के साथ मीडिया में सामने ला दिया। हालत यह हुई कि खुद कमलनाथ भी नहीं जानते थे कि उनके पीछे कितना बड़ा षडयंत्र रचा जा रहा है जिसके वो शिकार हो सकते हैं। लेकिन कमलनाथ ने पूरी सूझबूझ के साथ फैसला किया और पार्टी आलाकमान को तुरंत सूचित कर इस पूरी योजना की जानकारी दी। कमलनाथ की विश्वसनीयता, नेतृत्वक्षमता और पार्टी के प्रति समर्पण भाव को देख पार्टी आलाकमान ने उन्हें सारे नियमों को दरकिनार करते हुए लोकसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया।

• जिम्मेदारी मिलते ही कमलनाथ ने भरी हुंकार

लोकसभा चुनाव में अब अधिक से अधिक 100 दिनों का वक्त बचा है। देश की सभी पार्टियों ने लोकसभा चुनाव में ताकत झोंकने की कवायद शुरू कर दी है। तो वहीं कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस भारत जोड़ो न्याय यात्रा के माध्यम से लोगों के दिलों में अपनी पैठ बना रही है। कमलनाथ ने प्रदेश की मोहन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश गर्त में जा रहा है। हर रोज प्रदेश के उपर कर्ज बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव को इस बात पर गौर करना चाहिए। पूर्व सीएम ने कहा कि डॉ. मोहन सरकार प्रदेश को कर्ज के दलदल में शिवराज सरकार से भी तेजी से ले जा रही है।

• एक सीट जीतने पर आंख लगाए बैठी है भाजपा

कमलनाथ ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही अपने प्रत्याशियों की घोषणा करेगी। इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ़ कड़े प्रतिद्वंदी की तरह है। इसके लिए कांग्रेस अपनी तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार भाजपा की निगाह कांग्रेस की छिंदवाड़ा सीट पर है और वह इस सीट को जीतने के लिए तमाम जतन करने में जुटी हुई है। कयास इस बात के भी लगाए जा रहे हैं कि जिस तरह से भाजपा ने ईवीएम मशीन की छेड़छाड़ कर विधानसभा चुनाव में सीटों का हेरफेर किया है वैसा ही इस बार लोकसभा चुनाव में भी होने की संभावना है। ऐसे में चुनाव आयोग की यह बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि वह इस तरह की घटनाओं पर ब्रेक लगाने के लिए सुनियोजित ढंग से कार्य करे।

• कर्ज में डूब रहा है मध्यप्रदेश

कमलनाथ ने कहा कि पूर्व की शिवराज सरकार ने प्रदेश की प्रगति के लिए कर्ज लिय़ा और मध्यप्रदेश सरकार लगातार कर्ज ले रही है। अब सरकार रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय के माध्यम से अपने गवर्मेंट स्टाक का विक्रय कर तीन हिस्सों में कुल पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। सरकार दो हजार करोड़ का कर्ज 20 साल, फिर दो हजार करोड़ का कर्ज 21 साल और एक हजार करोड़ का कर्ज 22 साल के लिए लेगी। तीनों ही कर्ज पर साल में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा। यह कर्ज सरकार जल्द लेगी। इसको लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि डॉ. मोहन यादव सरकार प्रदेश को कर्ज के दलदल में शिवराज सरकार से भी तेजी से ले जा रही है। अभी हाल ही में प्रदेश में हुई ओलावृष्टि के कारण अनेक हिस्सों में फसलें खराब हो गई हैं। इस पर कमलनाथ ने सरकार से किसानों को उचित मुआवजा देने की बात कही हैं।

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