आएंगे तो मोदी ही



--परमानंद पाण्डेय
लखनऊ - उत्तर प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज।

● 2024 के लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार सर्वाधिक प्रमुख मुद्दों में से एक होगा

● भारत को आजादी तो मिली किन्तु सरकार ने कभी भी भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए कोई अभियान नहीं चलाया

नेहरू के समय से ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का कार्य हुआ। नेहरू ने कभी इस मुद्दे को गम्भीरता से नहीं लिया। अपनी सरकार तो बनी किन्तु भ्रष्टाचार में सरकार लिप्त रही। लालबहादुर शास्त्री पूरी तरह ईमानदार सरकार के मुखिया थे किन्तु बहुत कम समय तक ही शास्त्री प्रधानमंत्री रहे। संदिग्ध परिस्थिति में सोवियत रूस के ताशकन्द में उनकी मौत हो गयी।

नेहरु की बेटी इंदिरा प्रधानमंत्री बनीं। पुनः भ्रष्टचार का बोलबाला हो गया। कांग्रेस की राजीव गांथी सहित जितनी सरकारें आयीं सब भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा देती रहीं।

भाजपा की एक सरकार अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व में बनी किन्तु पूर्ण बहुमत की सरकार तो वह थी नहीं। खैर वे तो व्यक्तिगत तौर पर पूरी ईमानदारी से सरकार चलाते रहे।

भ्रष्टाचार की सारी सीमाओं को लांघ लिया गया जब कांग्रेस की मनमोहन सिंह की सरकार रही। कहने को तो मनमोहन सिंह इमानदार थे किन्तु 2004 से लेकर लगातार 10 वर्षों तक देश की भ्रष्टतंत्र सरकार का नेतृत्व किया। वस्तुतः इस सरकार को सोनिया गांधी रिमोट से चला रही थीं। मनमोहन सिंह तो सोनिया के रबर स्टाम्प प्रधानमंत्री थे।

देश में 2014 में मोदी प्रधानमंत्री बने। यह सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ही जीतकर बनी थी। मोदी ने शुरू में ही कहा कि न खाएगें न खाने दूंगा। मोदी ने अपनी मंशा साफ़ कर दी कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी। ऐसा मोदी सरकार ने शुरु में ही दिखा दिया। किन्तु मोदी के दूसरे कार्यकाल में कोरोना का कहर आ गया।

आस्तुतः कोविड के बाद ही प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जबरदस्त अभियान चलाना शुरू किया। महारष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों में अभियान को पूरी गति से चलाया गया। करोड़ों करोड़ रुपए लाखों करोड़ों की अवैध सम्पत्ति ईडी ने जब्त की। मोदी ने स्वतंत्रता दिवस समारोहों के अवसर पर लाल किले से वादा किया और जनता और खासकर युवाओं से सहयोग मांगा। कई नेता मंत्री पूर्व मंत्री जेल में दिन गुजार रहे हैं।

कांग्रेस के नेतृत्व में बिपक्षी दलों ने प्रचार किया कि बदले की भावना से मोदी सरकार काम कर रही है। ये पार्टियां सुप्रिम कोर्ट भी पहुची। पर सुप्रीम कोर्ट ने कई राहत नहीं दी।

अभी केजरीवाल, लालू, तेजस्वी, अभिषेक बनर्जी औऱ झारखण्ड के मुख्यमंत्री सहित कई लोग ईडी की रडार पर हैं। 2024 चुनाव के पहले बहुत सारे राजनेता जेल पँहुच जाएंगे।

भारत की जनता भ्रष्ट लोगों को देखना पसंद नहीं करती है। इसलिए जनता मोदी के अभियान का स्वागत कर रही है। जांच एजेंसियों की कार्रवाही को लेकर भष्टाचरियों में हड़कम्प मचा हुआ है।

मोदी किसी भी गलत करने वाले को छोड़ेंगे नहीं। 2024 के पहले जो होगा वह तो होगा ही। परन्तु 2024 के बाद अपने तृतीय कार्यकाल में भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने का पूरा प्रबंध कर दिया जाएगा। आएंगे तो मोदी ही।

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