काशी के लोग क्रोध मुद्रा में भी दिखे तो उन्हें प्रेम से प्रणाम करना चाहिए - पं. चंद्रकांत शुक्ला



--हरेन्द्र शुक्ला,
वाराणसी - उत्तर प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज।

● वैदिक सत्संग धाम,आदिपुर - कच्छ गुजरात की ओर से अस्सी स्थित मारवाड़ी सेवा संघ में सात दिवसीय शिव कथा प्रथम दिन

वैदिक सत्संग धाम, आदिपुर - कच्छ गुजरात की ओर से अस्सी स्थित मारवाड़ी सेवा संघ में सात दिवसीय शिव कथा का आयोजन किया गया। मानस मर्मज्ञ पं. चंद्रकांत शुक्ला ने काशी की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि काशी अविमुक्त क्षेत्र देवताओं का देवस्थान और सभी प्राणियों का ब्रह्मसदन है। काशी में ही प्राणियों के प्राण-प्रयाण के समय में बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ तारक मंत्र का उपदेश देते हैं। जिसके प्रभाव से वह अमृति होकर मोक्ष को प्राप्त करता है। अतएव अविमुक्त क्षेत्र में सदैव निवास करना चाहिए। लिखित स्मृति, श्रृंगी स्मृति तथा पराशर स्मृति में भी काशी के महात्म्य का वर्णन किया गया है।

उन्होंने कहा कि ' काश्यां मरणान्मुक्ति: यदि इन चौदह तीर्थों की महत्ता पर तुलनात्मक विचार किया जाय तो हम देखते हैं कि चारों धामों की यात्रा तथा दर्शन से पुण्य होता है, स्वर्ग तथा अपवर्ग की प्राप्ति होती है किन्तु मोक्ष नहीं मिलता। मोक्ष की नगरी तो काशी हीं हैं। मानस मर्मज्ञ ने काशी की महिमा का बखान करते हुए अभिभुत भाव से कहा कि यहां के सारे जीवन में भगवान शंकर का वास है, इस धरती के कण कण में साक्षात भगवान शंकर विद्यमान है। अतः काशी के लोग क्रोध मुद्रा में भी दिखे तो उन्हें प्रेम से प्रणाम करना चाहिए। इसके पूर्व सात दिवसीय शिव कथा का प्रख्यात कर्मकांडी पं श्रीधर पाण्डेय के वैदिक मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्जवलन से सात दिवसीय कथा का शुभारंभ हुआ।

बताते चलें कि गुजरात के कच्छ क्षेत्र से चार सौ श्रद्धालुओं का दल 18 सौ किमी दूर भारत - पाकिस्तान के बार्डर से पहली बार शिव महिमा की कथा सुनने के लिए काशी आया है। कथा में प्रमुख रुप से राजेश भाई, घनश्याम भाई सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कथा का रसास्वादन किया।

ताजा समाचार

National Report



Image Gallery
राष्ट्रीय विशेष
  India Inside News