मैं सावरकर नहीं हूं, मैं गांधी हूं और गांधी माफी नहीं मांगता - राहुल गांधी



--राजीव रंजन नाग,
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

विपक्ष के शीर्ष नेता को संसद से अयोग्य ठहराए जाने के एक दिन बाद जुझारू राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। कहा, मुझे जवाब देने का नहीं मिला मौका। मैं लोकतंत्र के लिए लड़ा हूं आगे भी लड़ता रहूंगा। अयोग्य ठहराकर मेरा मुंह बंद नहीं कर पाएंगे। लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को पहली बार मीडिया के सामने आए। एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने एक बार फिर अदानी समूह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्तों को लेकर तीखे सवाल किए।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया "मेरी सदस्यता रद्द की गई क्योंकि प्रधानमंत्री मेरे अगले (संभावित) भाषण से डरे हुए थे जो अदानी पर होने वाली थी। मैंने ये उनकी आंखों में देखा। वो ये नहीं चाहते थे कि ये भाषण संसद में हो।" उन्होंने कहा, "इसीलिए पहले संसद की कार्यवाही में बाधा डाली गई और अब सदस्यता रद्द की गई है। कृपया इसे लेकर भ्रमित मत होइए। नरेंद्र मोदी और अदानी के बीच गहरा रिश्ता है।" अदानी समूह की कंपनियों को मिले पैसों पर भी उन्होंने सवाल किए। अपने बयान को लेकर कोर्ट में माफी मांगने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, "मैं सावरकर नहीं हूं, मैं गांधी हूं और गांधी माफी नहीं मांगता।"

श्री गांधी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री उनके अगले भाषण से डरे हुए हैं और उन्होंने वीर सावरकर के संदर्भ का इस्तेमाल करते हुए जवाब दिया कि उन्होंने लंदन में अपनी टिप्पणी पर और मानहानि के मुकदमे के दौरान माफी क्यों नहीं मांगी, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया था।

इस बीच, भाजपा ने श्री गांधी पर अपने हमले को दोगुना कर दिया, यह दावा करते हुए कि कांग्रेस चुनावी लाभ के लिए उन्हें पीड़ित के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने दोहराया कि श्री गांधी ने मोदी उपनाम पर अपनी टिप्पणी के साथ अन्य पिछड़े समुदायों (ओबीसी) का अपमान किया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "वह अकेले नहीं हैं, देश भर में 32 नेताओं को अयोग्य घोषित किया गया है, जिनमें भाजपा के छह शामिल हैं। कांग्रेस कर्नाटक में चुनावी लाभ के लिए राहुल गांधी को शिकार के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है।"

राहुल ने भाजपा के आरोपों का भी खंडन किया कि उन्होंने देश के घरेलू मामलों में अंतरराष्ट्रीय ताकतों के हस्तक्षेप की मांग की थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने लोक सभा अध्यक्ष से कहा था कि वह लंदन में उनकी टिप्पणी को लेकर लगे आरोपों पर सदन में जवाब देना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "भाजपा नेताओं ने दावा किया कि मैं भारत विरोधी ताकतों की मदद कर रहा हूं। मैंने स्पीकर से कहा कि इन आरोपों का जवाब देना मेरा अधिकार है। लेकिन उन्होंने मुझे अनुमति नहीं दी।" "मेरे पास केवल एक कदम है और वह है सच्चाई के लिए लड़ना और इस देश की लोकतांत्रिक प्रकृति की रक्षा करना। मुझे जीवन भर के लिए अयोग्य ठहराओ, मुझे जीवन भर के लिए जेल में डाल दो, मैं चलता रहूंगा।" "क्या मैं चिंतित दिख रहा हूं? मैं उत्साहित हूं," श्री गांधी ने कहा।

कांग्रेस के प्रमुख चेहरे श्री गांधी को गुरुवार को पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात की एक अदालत ने मानहानि के मामले में दोषी ठहराया था। उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई गई और परिणामस्वरूप, उन्हें अगले दिन एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। उन्होंने अभी तक एक उच्च न्यायालय में फैसले की अपील नहीं की है। यह मामला 2019 की चुनावी रैली में श्री गांधी की कथित टिप्पणी से उपजा है, जिसमें पीएम मोदी को अपराधी बताया गया है। उन्होंने कर्नाटक के कोलार में कहा था, "कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी होता है।"

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द किया जाना संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और एक 'निंदनीय' कदम है। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा के लिए एक साथ खड़े होने की जरूरत है। जबकि सपा नेता अखिलेश यादव ने ग्रेटर नोएडा में कहा, ''उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने कई सपा नेताओं की सदस्यता छीन ली। आज कांग्रेस के सबसे बड़े नेता की सदस्यता ले ली गई। अगर ईमानदारी से जांच की जाए तो कई बीजेपी नेता भी अपने भाषणों-टिप्पणियों के लिए आयोग करार दिए जाएंगे।'' उन्होंने कहा, ''यह जानबूझकर किया गया है ताकि लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी, उद्योगपति मित्रों द्वारा भारत के डुबोए गए पैसों से ध्यान भटकाया जा सके। ''पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला की सदस्यता रदेद कर दी गई।

जबकि इस मामले को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा हमारे शरीर में शहीदों का खून है जिस खून को आप बार-बार परिवारवादी कहते हैं ये खून इस देश के लिए बहा है। हम पीछे हटने वाले नहीं है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हम इसको एक जन आंदोलन के रूप में आगे ले जाएंगे। हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के साथ राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर जन चेतना कार्यक्रम, संविधान बचाओ कार्यक्रम अभियान चलाया जाएगा। यह कार्यक्रम सोमवार से शुरु होगा।

उधर, लंदन से प्रकाशित गार्डियन अखबार भारत की राजनीतिक धटनाक्रम पर नजर रखे हुए है। अखबार ने आज लिखा है कि राहुल गांधी को बीजेपी एक 'बच्चे और अनुभवहीन' शख़्स की तरह पेश करती है लेकिन पिछले साल की 2200 मील की यात्रा से उनकी छवि में विश्वसनीयता और वज़न आया है। अखबार मे सवाल उठाया है कि भारत में पार्टी के बाहर कई लोग इस बात से उलझन में हैं कि साल 2019 के आम चुनाव में 539 में से 233 सांसदों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले होने के बावजूद राहुल गांधी ही अयोग्य कैसे हो गए?

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