--हरेन्द्र शुक्ला,
वाराणसी-उत्तर प्रदेश,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीएचयू) वाराणसी के स्कूल ऑफ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में सहायक प्रोफेसर डॉ. आदित्य कुमार पाढ़ी को बायोइनफॉरमैटिक्स एंड ड्रग डिस्कवरी सोसाइटी, भारत द्वारा वर्ष 2022 के लिए प्रतिष्ठित ’यंग साइंटिस्ट अवार्ड’ प्राप्त हुआ है। उन्हें यह पुरस्कार जैव सूचना विज्ञान और कम्प्यूटेशनल जीव विज्ञान के व्यापक क्षेत्रों में काम कार्य करने के लिए दिया गया है। डॉ. पाढ़ी को यह पुरस्कार बायोइनफॉरमैटिक्स विभाग, अलगप्पा विश्वविद्यालय, तमिल नाडु में 21-25 नवंबर 2022 तक आयोजित स्ट्रक्चरल बायोइनफॉरमैटिक्स और कंप्यूटर-एडेड ड्रग डिज़ाइन’आईसीएसबीसीएडीडी-2022 के दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बीआईडीडीएस वार्षिक पुरस्कार-2022 समारोह में दिया गया। उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रो. अकीओ एबिहारा (गिफू विश्वविद्यालय, जापान), प्रो. जी. रवि (कुलपति, अलगप्पा विश्वविद्यालय), डॉ. शेखर विश्वनाथन (उपाध्यक्ष, वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान), प्रो. तेज पाल सिंह (एसईआरबी प्रतिष्ठित फेलो, एम्स, नई दिल्ली और अध्यक्ष, बीआईडीडीएस), प्रो. एम. कृष्णन (कुलपति, तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय), प्रो. मणिशंकर (पूर्व कुलपति, भारतीदासन विश्वविद्यालय), प्रो. डी. वेलमुरुगन (डीन रिसर्च, एएमईटी यूनिवर्सिटी), प्रो. जे. जयकांत (संयोजक-आईसीएसबीसीएडीडी2022) और प्रो. संजीव कुमार सिंह (सह-संयोजक-आईसीएसबीसीएडीडी2022) की उपस्थिति में प्रदान किया गया।
यह जानकारी देते हुए डॉ. आदित्य कुमार पाढ़ी ने बताया कि उनका चयन कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी, हाई-थ्रोपुट प्रोटीन डिज़ाइन, ट्रांसलेशनल बायोइनफॉरमैटिक्स, बायोमोलेक्यूलर सिमुलेशन और बायोटेक्नोलॉजिकल, बायोइंजीनियरिंग के प्रोटीन और एंजाइम के डिजाइन के क्षेत्रों में पिछले कई वर्षों में किए गए अत्याधुनिक शोध के आधार पर किया गया है। पाढ़ी ने कहा कि उनके शोध में स्वास्थ्य विज्ञान, रोगजनकों में प्रतिरोध उत्परिवर्तन की निगरानी, रोग की भविष्यवाणी, मजबूत रोगाणुरोधी एजेंटों के डिजाइन, अगली पीढ़ी के चिकित्सीय रणनीतियों के विकास सहित मौलिक और अनुवाद संबंधी अनुसंधान में अपार अनुप्रयोग हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने पुरस्कार प्राप्त करने और संस्थान का नाम रोशन करने के लिए डॉ. पाढ़ी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि डॉ. पाढ़ी की प्रयोगशाला में किए गए हेल्थकेयर इंफॉर्मेटिक्स, फंडामेंटल और ट्रांसलेशनल वर्क का भारत सरकार की हेल्थकेयर पहलों और ’पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन’ जैसे दूरदर्शी राष्ट्रीय मिशन के साथ बहुत अच्छा उपयोग है। टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टीआईएच), आई-डीएपीटी हब फाउंडेशन, और आईआईटी बीएचयू में भारत सरकार के राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत परम शिवाय सुपरकंप्यूटिंग सुविधा इस तरह के पुरस्कार विजेता अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को और आगे बढ़ाने में मदद भी करती है।
संस्थान के अनुसंधान एवं विकास विभाग के डीन प्रो. विकाश कुमार दुबे ने भी डॉ. पाढ़ी को उनकी उपलब्धि और संस्थान की अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में योगदान के लिए बधाई दी।