गुजरात चुनाव की धोषणा: 1 और 5 दिसंबर को होंगे वोटिंग



--राजीव रंजन नाग,
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

■ चुनाव आयोग ने बताई ऐलान में देरी की वजह

गुजरात में एक और पांच दिसंबर को दो चरणों में होने वाले चुनाव की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग ने आज ''पूर्वाग्रह'' के आरोपों से इनकार किया और कहा कि राज्य में चुनाव की तारीखों में देरी के ''कई कारण'' हैं। चुनाव आयोग के प्रमुख ने कहा कि गुजरात पुल त्रासदी उनमें से एक थी। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी को और हिमाचल प्रदेश का 8 जनवरी को समाप्त हो रहा है। दोनों राज्यों में भाजपा सत्ता में है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि गुजरात चुनाव की तारीखें तय समय के भीतर हैं। गुजरात में वोटों की गिनती हिमाचल प्रदेश के साथ 8 दिसम्बर को होगी। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग की निष्पक्षता एक गौरवशाली विरासत है। हम 100 प्रतिशत निष्पक्ष हैं।"

"चुनाव तय करने में कई कारण हैं - मौसम, विधानसभा के अंतिम कार्यकाल की तारीख, गुजरात और हिमाचल प्रदेश की परंपरा एक साथ परिणाम। हमें बहुत सी चीजों को संतुलित करना होगा। हम समय के भीतर ठीक हैं।"

पीएम मोदी के गुजरात दौरे की वजह से चुनाव आयोग ने कार्यक्रम जारी करने में की देरी? इस सवाल के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि गुजरात में हालिया दुर्घटना के कारण राज्य विधानसभा चुनाव की घोषणा में कुछ देरी हुई। राज्य में कल राजकीय शोक भी था और कई सारे अन्य फैक्टर्स भी थे।

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने चुनाव निकाय पर पिछले महीने हिमाचल प्रदेश के साथ तारीखों की घोषणा नहीं करने का आरोप लगाया है ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले गुजरात में अपना अभियान खत्म करने के लिए जगह दी जा सके।

"गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी तक है, इसलिए अभी भी समय है। मतगणना के दिन और गुजरात विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बीच 72 दिन का अंतर है।" यह पूछे जाने पर कि क्या गुजरात पुल त्रासदी में बचे लोगों की मदद की घोषणा चुनाव आचार संहिता के साथ टकरा सकती है, श्री कुमार ने कहा- "यदि किसी भी निर्णय से समान अवसर मिलता है, तो चुनाव आयोग कार्रवाई करेगा।"

घोषणा से पहले, कांग्रेस ने एक ट्वीट के साथ चुनाव आयोग की खिंचाई की थी, जो चुनाव निकाय पर पक्षपात का आरोप लगाता दिखाई दे रहा था। कांग्रेस ने ट्वीट किया, "भारत का चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है। यह निष्पक्ष चुनाव कराता है।"

"कुछ लोग एक नकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश करते हैं। मैं आपको कितना भी समझाने की कोशिश करूं परिणामों से पता चला है कि जो आलोचक हैं वे परिणाम से आश्चर्यचकित हो जाते हैं। लोग ईवीएम पर सवाल उठाते हैं लेकिन जब परिणाम उनके पक्ष में आता है तो वे चुप हो जाते हैं।"

गुजरात में चुनाव की घोषणा के साथ ही 38 दिनों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। अब सरकार को मोरबी मामले में किसी अधिकारी पर कार्रवाई करनी हो तो उसे पहले चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी। चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा है कि राज्‍य में मोरबी हादसे के लिए जो निर्णय पहले लिए जा चुके हैं, वे सामान्‍य रूप से प्रभावित नहीं होंगे, लेकिन नई कार्रवाई के लिए अनुमति जरूरी होगी।

उधर, कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता रघु शर्मा ने बताया कि दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, अशोक गहलोत जैसे नेता गुजरात में मौजूद हैं। उन्‍होंने कहा कि वह केजरीवाल की तरह नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी की कथनी और करनी में फर्क नहीं है। हम जो वादा करते हैं उसे पूरा किए हैं। उन्‍होंने चुनाव आयोग से पूछा कि दोनों राज्‍यों में अलग-अलग चुनाव कराने की क्‍या वजह है? इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुजरात की जनता इस बार बड़े बदलाव के लिए तैयार है। हम जरूर जीतेंगे।

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