बीजेपी कार्यालय परिसर में भी हो रहा है कमर्शियल इस्तेमाल



--विजया पाठक (संपादक- जगत विजन),
भोपाल-मध्य प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

■क्या दीनदयाल परिसर को भी सील करवा सकते हैं मंत्री भूपेंद्र सिंह?

■ प्रदेश अध्यक्ष बनने की जल्दी में भूपेंद्र सिंह ने बीजेपी को ही कटघरे में कर दिया खड़ा

राजनीति में हर कदम फूंक-फूंक कर रखना होता है, पर मध्य प्रदेश भाजपा के मंत्री भूपेंद्र सिंह अपनी व्यक्तिगत महत्वकांक्षाओं के चलते अपनी पार्टी को सकते में डाल दिया है। भाजपा की केंद्र सरकार ने ईडी के माध्यम से नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस पर शिकंजा कंसा हुआ है। इस मामले की पूरी सच्चाई जांच के बाद ही सामने आ पाएगी। इसके ठीक उलट मध्य प्रदेश भाजपा सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस मामले से बीजेपी को ही सकते में डाल दिया है। दरअसल पूरा मामला नेशनल हेराल्ड की एम.पी. नगर भोपाल स्थित एक प्रॉपर्टी को लेकर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जांच बिठा दी है और चेतावनी दी कि अगर इसमें कमर्शियल यूज मिला तो सरकार इस बिल्डिंग को सीज़ करने की कार्यवाही करेगी। बस अपने आप के नंबर बढ़ाने के चक्कर में उन्होंने मध्य प्रदेश भाजपा पार्टी के पैर पर कुल्हाड़ी दे मारी है। कई बार राजनीति में शांत रहकर ही मामले को सुलझाया या उलझाया जा सकता है, पर भूपेंद्र सिंह के उतावेलपन ने अपनी केंद्र सरकार को इस मामले में बैकफुट पर ला दिया है। दरअसल प्रदेश के भाजपा कार्यालय दीनदयाल परिसर के कमर्शियल यूज का उल्लंघन खुद उनकी पार्टी ने भोपाल में किया है। दीनदयाल परिसर का एक भाग में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स है, जहां पान, प्रिंटिंग प्रेस, ट्रैवल एजेंसी से लेकर डेंटल क्लिनिक और भी बहुत सारी व्यावसायिक गतिविधियां चलती हैं। इस लिहाज से क्याज मंत्री भूपेंद्र सिंह प्रदेश भाजपा कार्यालय को भी सील करवा के ही मानेंगे?

● राजनीतिक दलों को जमीन आवंटन का क्या है प्रावधान?

राजनीतिक दलों के कार्यालय हेतु जमीन आवंटन के लिए भारत सरकार के अर्बन डेवलपमेंट मंत्रालय के ऑफिस मेमोरेंडम क्रमांक 24(401)/200-CDN/157 दिनांक 13 जुलाई 2006 की कंडिका क्रमांक (V) में उल्लेख है कि "Premises should not be used for reidential/commercial purpose" अर्थात परिसर का कोई भी व्यवसायिक/आवासीय उपयोग नहीं किया जा सकता है" इसके साथ ही परिसर का उपयोग कार्यालय हेतु ही किया जाने का प्रावधान है। इसका सीधा-सीधा मतलब यह हुआ कि भाजपा कार्यालय का वर्षों से व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। इसके अलावा परिसर में आवासीय प्रकोष्ठ भी उपयोग होता है। मध्य प्रदेश कैबिनेट में जमीन आवंटन की प्रक्रिया में इसका व्यवसायिक उपयोग नियमानुसार नहीं होता है और अगर कोई इस प्रावधान का उल्लंघन करता है तो उनसे वर्षों की रिकवरी समेत लीज निरस्त किया जाना होता है। इसके अतिरिक्त ऑफिस मेमोरेंडम क्रमांक 24(401)/200-CDN/157 दिनांक 13 जुलाई 2006 की कंडिका क्रमांक (XVIII) (c) के अनुसार "The allotment shall be liable to be rescinded/cancelled in the following circumstances", "If the premises are put to a use other than use for which land is alloted/leased"., बाईलॉज से लेंड यूज में बदलाव करके भले ही कैबिनेट से प्रस्ताव पारित होने के बाद भी किसी परिसर में पान की दुकान, मोबाईल बेचने की दुकान, ट्रेवल एजेंसी और विभिन्न कार्यालयों का संचालन किसी जनहित के तहत नहीं हो सकता है। अब इस जिन्न को बॉटल से बाहर लाने का पूरा श्रेय मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का है।

● बीजेपी अध्यक्ष बनने की जल्दी में भूपेंद्र सिंह ने कैसे-कैसे पैतरे अजमाए

वैसे भी मंत्री जी आजकल ज्यादा ही एक्टिव दिखते हैं। अभी ताजा-ताजा ही भोपाल जनपद अध्यक्ष के लिए कांग्रेस के जीते हुए सदस्यों को भूपेंद्र लोकतांत्रिक हत्या कर क्रॉस वोटिंग करवाई थी। वहीं दमोह उपचुनाव के दौरान भूपेंद्र सिंह से संबंधित गाड़ी का वीडियो काफी वायरल हुआ था, जिसमें वो तथाकथित गाड़ी नोटों से भरी दमोह के श्यामनगर क्षेत्र में थी। अपने पूरे मंत्रित्वकाल में भूपेंद्र सिंह द्वारा बेहिसाब तरीके से धन कमाया गया है। एक किस्सा है, जब यह गृहमंत्री थे तो इनके पुत्र के लिए मुंबई में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शो के लिए महंगे लाखों रुपए के टिकट का इंतजाम करवाया गया था। आज सागर क्षेत्र में इनके द्वारा अर्जित बेहिसाब दौलत का जायजा ले तो उसका माप लगाना लगभग असम्भव सा है। अब ऐसे भ्रष्ट और घमंडी नेता भूपेंद्र सिंह क्या यह सब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए कर रहे हैं। दबी जुबान में इनका नाम आगे तक लिया जा रहा है, पर कहीं ऐसा न हो मध्य प्रदेश के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने की जुगत में भाजपा कार्यालय का लीज ही निरस्त ना करवा बैठे मंत्री भूपेंद्र सिंह।

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