--राजीव रंजन नाग,
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के एक बयान पर पिछले कुछ दिनों से संसद में संग्राम हो रहा है। बीजेपी के हल्लाबोल के बीच आखिरकार अधीर रंजन को राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर माफी मांगनी पड़ी। लेकिन ये पहला मौका नहीं है जब अधीर रंजन चौधरी के किसी बयान पर हंगामा हो रहा है। इसी साल फरवरी में सत्ता पक्ष और विपक्ष की बहस के बीच अधीर रंजन ने कुछ ऐसा कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को ये कहना पड़ा कि "अधीर दा अब ज्यादा हो रहा है।"
लगातार व्यवधानों के कारण दो बार स्थगन के लिए मजबूर होने के बाद, लोकसभा ने आज दोपहर चार कांग्रेस सांसदों के निलंबन को रद्द करने के बाद मूल्य वृद्धि पर बहस शुरू कर दी। संसद में आज सदनों के अंदर और बाहर कई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन हुए। विपक्षी सदस्यों द्वारा नारेबाजी और प्रदर्शनों के कारण लोकसभा और राज्यसभा दोनों को आज की बैठक के तुरंत बाद स्थगित करना पड़ा।
लोकसभा में विपक्षी सदस्य कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर, जोतिमणि, राम्या हरिदास और टीएन प्रतापन के निलंबन का विरोध कर रहे थे। मूल्य वृद्धि को लेकर सदन में विरोध प्रदर्शन के दौरान तख्तियां लहराने के बाद चारों को सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था।
भूमि घोटाला मामले में राज्यसभा सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत की गिरफ्तारी के विरोध में शिवसेना सांसदों द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्यसभा में भी व्यवधान देखा गया। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने "राजनीतिक एजेंडा के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रमुख जांच एजेंसियों के दुरुपयोग" पर चर्चा की मांग करते हुए, व्यावसायिक नोटिस को स्थगित कर दिया।
वाम दलों के सदस्यों ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कथित विनाश के खिलाफ महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियां लिए उन्होंने योजना के तहत वेतन वृद्धि की मांग को लेकर नारेबाज की।
संसद में कई विरोधों में से एक ट्रेजरी बेंच में भी उत्पन्न हुआ। शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित अनियमितताओं को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर बंगाल के भाजपा सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
स्पीकर ओम बिरला ने आज सुबह कहा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन सदन की गरिमा को कम कर रहे हैं। बाद में उन्होंने लोकसभा में गतिरोध से निकलने का रास्ता निकालने के लिए सभी दलों के सांसदों की बैठक बुलाई। बैठक के बाद सदन की फिर बैठक हुई।
स्पीकर की बैठक के बाद सरकार ने निलंबन को रद्द करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे बाद में सदन ने पारित कर दिया।
स्पीकर ने कहा कि सदन में व्यवधान से देश आहत है। उन्होंने कहा कि जहां बहस और चर्चा की जरूरत है, वहीं सदन की मर्यादा को बनाए रखना सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है।
इसके बाद अध्यक्ष ने सदस्यों से सदन में तख्तियां नहीं लाने का आग्रह किया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सभी दलों को सदन में अपने मुद्दे उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके बाद चारों सांसदों का निलंबन रद्द कर दिया गया।
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार आज लोकसभा में और कल राज्यसभा में महंगाई पर चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि, उन्होंने कहा, निलंबित सांसदों को माफी मांगनी चाहिए और विपक्ष को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी सदस्य सदन में तख्तियां न लाए।