आईएफडब्ल्यूजे व पीटीआई एम्पलाइज यूनियन का दो दिवसीय संयुक्त सम्मेलन सम्पन्न



नई दिल्ली,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।

फैडरेशन ऑफ प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया कर्मचारी संघ "पीटीआई" भारत के अंदर और बाहर टीवी चैनलों और समाचार वेबसाइटों के 600 से अधिक समाचार पत्रों के लिए सभी कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली सर्वोच्च संस्था है। जिसके द्वारा देश में पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन आईएफडब्ल्यूजे के साथ अखिल भारतीय सम्मेलन आयोजित किया गया। 27 मार्च से 28 मार्च तक वार्षिक आम बैठक होटल रॉयल प्लाजा, नई दिल्ली में आयोजित की गई। जिसमें कई केंद्रीय मंत्री, शीर्ष संपादक, विचारक सहित विभिन्न मीडिया संगठनों के सदस्य शामिल हुए। कार्यक्रम में देश भर के पत्रकार और पीटीआई के कर्मचारियों ने चौथे स्तंभ से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श एवं चर्चा की। जिसमेंं वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट दोनों दिन मुख्य मुद्दा रहा।

• प्रथम दिन:- आईएफडब्ल्यूजे व पीटीआई एम्पलाइज यूनियन का दो दिवसीय संयुक्त सम्मेलन नई दिल्ली के होटल रॉयल प्लाजा में आयोजित हुआ। झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान विधायक चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरी 45 वर्ष की राजनीति के कैरियर में मैंने देखा है कि पत्रकारों के हितों की बातों को उठाने के लिये मीडिया के संस्थान ही उनका साथ नहीं देते हैं। वर्तमान समय में पत्रकारों का रौब खत्म हो गया है। बड़े बड़े मीडिया हॉउस के पत्रकारों की स्थिति भी बाद में खराब हो जाती है। जबकि झारखंड में विधायक पूर्व विधायक हो जाए तो उसे 70 हजार रुपए पेंशन मिलती है। गरीबो को पापी पेट के लिये मशक्कत करनी पड़ती है। नेता हो या पत्रकार पापी वोट के लिये मशक्कत करते हैं। बेरोजगारी के कारण आज मीडिया में पत्रकारों की बाढ़ आ रही है। 1974 में मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने से हर तरफ डर का वातावरण था। इसलिए लोकतंत्र को यदि मजबूत करना है तो मीडिया को स्वतंत्र छोड़ना होगा। वर्तमान में मीडिया एक प्रोडक्ट (उत्पाद) है। श्री सिंह ने कहा कि 100 वक्ता एक विचारक को पराजित नहीं कर सकते, 100 विचारक एक रणनीतिकार को पराजित नहीं कर सकते, 100 रणनीतिकार एक परफॉर्मर को पराजित नही कर सकते हैं। मीडिया मजबूत होगा तो लोकतंत्र भी मजबूत होगा।

श्री सिंह ने पत्रकारों को एकजुट रहने के लिए एक प्रेरणादायक संदेश देते हुए कहा कि ‘वक्त’ सभी को मिलता है जिंदगी बदलने के लिये, लेकिन जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक्त बदलने के लिये। इसलिए समय है कि सभी एकजुट होकर मीडिया के अधिकारों और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को मजबूत करने के लिए आगे आएं।

कार्यक्रम में फैडरेशन के महासचिव बलराम सिंह दहिया और संगठन समिति के अध्यक्ष डॉ. इंदुकान्त दीक्षित द्वारा मंच संचालन व कार्यक्रम की बागडोर संभाली गयी। दोनों दिन आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अघ्यक्ष के. विक्रम राव द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया। साथ ही इनके द्वारा कंफडरेशन के 1975 से लेकर वर्तमान तक के इतिहास, संघर्ष एवं वर्तमान स्वरुप से उपस्थित अतिथियों को परिचित कराया।

राज्य सभा सदस्य कैलाश सोनी ने कहा कि पत्रकारों के सम्मेलन में हम नेताओं को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाना दर्शाता है कि अब पत्रकार अपनी शक्ति भूलने से लगे हैं, जो नहीं होना चाहिये। जबकि सनातन काल से कुर्सी की आदत है नींद आना और मीडिया का काम होना चाहिये उन्हें जगाए रखना। लोकतंत्र को यदि चिरंजीवी बनाए रखना है तो लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ को बचाना होगा। अन्यथा लोकतंत्र सुरक्षित नहीं रह पाएगा जब लोकतंत्र ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो कोई भी सुरक्षित कैसे रह पाएगा यह सोचने वाली बात है। अंत में उन्होंंने सीख देते हुए कहा कि यदि मीडिया विश्वस्थ होगा तभी प्रतिष्ठित रह पाएगा। यदि वास्तव में चाहते हैं कि लोकतंत्र मजबूत हो तो मीडिया को भी स्वतंत्र करने की जरूरत है।

चर्चित एवं वरिष्ठ पत्रकार व कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत्र ने अपने मुखर उद्बोधन में समाचार पत्रों व चैनल मालिकों की निरंकुशता का हवाला देते हुए कहा कि सत्ता की उंगलियों पर नाचते तो वो हैं और बदनाम पत्रकार होता है। इनके व्यवसायिक हित लोकतंत्र के इस चौथे स्तंभ को सत्ता के गलियारों में गिरवी रख आए हैं, जिन्हें छुड़ाकर लाना होगा।

• दूसरे दिन:- सम्मेलन के मुख्य अतिथि केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुरूप चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित किया है। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार आवश्यक वेतन बोर्ड बहुत जल्द स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने आईएफडब्ल्यूजे, पीटीआई कर्मचारी संघ को मीडियाकर्मियों की कामकाजी परिस्थितियों और अन्य औद्योगिक संबंधों के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा के लिए आमंत्रित किया। केंद्रीय मंत्री ने समाचारों के प्रसार में गति के साथ-साथ सटीकता पर जोर दिया और पीटीआई और यूएनआई जैसी समाचार एजेंसियों के काम की सराहना की। उन्होंने राष्ट्रीय अधिकरणों और अन्य न्यायाधिकरणों में पीठासीन अधिकारियों के रिक्त पदों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार उन्हें जल्द ही नियुक्त करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। उन्होंने मीडियाकर्मियों के स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा पर जोर दिया क्योंकि उन्हें व्यावसायिक खतरों का भी सामना करना पड़ता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी मीडियाकर्मियों को दिनचर्या से गुजरना चाहिए। यदि मीडिया संगठन विभाग से संपर्क करते हैं तो सरकार ईएसआई अस्पतालों के माध्यम से सभी मीडियाकर्मियों के उनके कार्यस्थलों-कार्यालयों पर स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था भी कर सकती है। सरकार के सामने सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा मीडियाकर्मियों और अन्य क्षेत्रों के श्रमिकों की कामकाजी स्थिति है। देश में असंगठित क्षेत्र में 38 करोड़ लोग काम कर रहे हैं। जिनमें से 27 करोड़ ने अपने आधार से ई-श्रम पोर्टल में पंजीकरण कराया है। मीडियाकर्मियों के लिए पेंशन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार योगदान देने वाली पेंशन योजना पर विचार कर रही है। ऐसी योजना के लिए धन सरकार और दान देने वाले संगठनों या कमजोर वर्गों के लिए व्यक्तियों द्वारा दिया जाएगा।

फैडरेशन के महासचिव बलराम सिंह दहिया और आईएफडब्ल्यूजे के अध्यक्ष के. विक्रम राव ने मीडिया मुद्दों को संबोधित करने के लिए वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट, 1955 का पालन करने पर जोर दिया। उन्होंने सरकार से मीडियाकर्मियों के लिए एक अलग न्यायाधिकरण का गठन करने का भी आग्रह किया ताकि जटिल मुद्दों को तेजी से हल किया जा सके।

मुख्य अतिथि श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव के उद्बोधन के पश्चात आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष उपेन्द्र सिंह राठौड़ द्वारा संगठन का मांग पत्र एवं श्रम विभाग में पत्रकारों को आ रही अड़चनों को लेकर पत्र सौंपा गया। जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने उन्हें मंत्रालय आने के लिए आमंत्रित किया।

इस सम्मेलन में आईएफडब्ल्यूजे की राष्ट्रीय इकाई की बैठक भी आयोजित की गई। जिसमें जून माह में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून, जुलाई माह में गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में वर्किंग कमेटी की बैठक तथा अगस्त माह में राष्ट्रीय कार्यकारणी व कंफरडेशन की बैठक कराने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।

सम्मेलन में केन्द्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव, राज्य सभा सांसद कैलाश सोनी, सांसद दीपक प्रकाश, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत, सीनियर एडिटर जयंत घोषाल, जीएम रेलवे अखिलेश श्रीवास्तव, इनकम टैक्स कमिश्नर अमरेश श्रीवास्तव, पीटीआई एम्पलाइज यूनियन अध्यक्ष अतनु पाल, महासचिव बलराम सिंह दहिया, संयोजक इंदुकांत दीक्षित सहित बड़ी संख्या में राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों एवं चैनल से जुड़े वरिष्ठ पत्रकारों के साथ आईएफडब्ल्यूजे के राजस्थान, उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक इकाइयों के प्रतिनिधियों ने पीटीआई एम्पलोइज यूनियन द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लिया।

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