युवा पीढ़ी ही समाज व राष्ट्र में बदलाव लाने में सक्षम : आचार्य प्रशांत



--प्रदीप फुटेला,
ऋषिकेश-उत्तराखंड, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

■ युवा पीढ़ी को पुस्तकों की ओर वापस लाना होगा

■ आध्यात्मिक अद्वैत महोत्सव

प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन संस्था के संस्थापक आचार्य प्रशांत ने भारत आध्यात्म दर्शन राष्ट्र पुस्तक का विमोचन तपोवन स्थित एक रिसोर्ट में किया। गीता भवन में तीन दिवसीय आध्यात्मिक शिविर अद्वैत महोत्सव चल रहा है जिसमे देशभर के विभिन्न क्षेत्रों से लोग प्रतिभाग कर रहे हैं।

पुस्तक का विमोचन करने के उपरांत अपने संबोधन में आचार्य प्रशांत ने कहा कि लोगों की सही संगति हमेशा नहीं मिलती, अगर उनके सामने नहीं बैठ सकते तो उनके शब्दों के साथ बैठ लो, संगति ही सब कुछ है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था का उद्देश्य मानव चेतना को जागृत करना भी है। मनुष्य अपने को तभी बेहतर बन सकता है जब वह पुरी तरह से चेतन होगा, परन्तु आज युवा पुस्तक पढ़ने से विमुख हो रहा है जिन्हें पुस्तकों की ओर वापस लाना होगा।

उन्होन कहा कि उत्तराखंड में पर्यावरण काफी तेजी के साथ बिगड़ रहा है जिसका कारण लगातार हरे पेड़ों का काटा जाना है। इन किताबों में इन विषयों को भी छुआ गया है।

इस अवसर पर अंशु शर्मा ने बताया कि संस्था के संस्थापक आचार्य प्रशांत ने विगत 2006 से भारत के वैदिक ग्रन्थों का आम जनमानस को ज्ञान देने हेतु आध्यात्मिक मिशन में कार्यरत हैं।

आचार्य प्रशांत ने अपना पहला शिविर दस वर्ष पूर्व ऋषिकेश में शिवपुरी से शुरू किया था। आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ एवं अध्यात्म संबंधी से विभिन्न भाषाओं में 80 से अधिक पुस्तकों को उनके वीडियो के द्वारा रचा गया हैं। उनकी संस्था द्वारा हिंदू समाज को उनके ग्रन्थों का ज्ञान हो सके, इसके लिए अब आगामी माह से “घर घर उपनिषद” नामक विशाल कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है।

इस मुहिम के तहत 20 लाख घरों में वेदांत-उपनिषद की प्रति संस्था निशुल्क पहुँचाएगी। शर्मा ने आगे बताया कि आचार्य ने आईंआईटी – आईआईएम की डिग्री के बाद जनमानस में आध्यात्मिक पुनरुत्थान का बीड़ा उठाया। अंग्रेज़ी में उनकी पुस्तक ‘कर्म’ देश की शीर्ष बेस्टसेलिंग पुस्तक है। देश के जाने-माने विश्वविद्यालयों में 500 से अधिक उनके सत्र हो चुके हैं, यूट्यूब पर 10,000 से अधिक वीडिओ, 30 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स, व 4 करोड़ से अधिक दर्शक हैं।

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