आयकर विभाग का तलाशी अभियान



नई दिल्ली,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।

■ असम में आयकर विभाग का तलाशी अभियान

आयकर विभाग ने असम के जाने-माने चिकित्सकों/ स्वास्थ्य पेशेवरों से जुड़े मामलों में 08/01/2021 को तलाशी अभियान चलाया और सर्वेक्षण की कार्रवाई की। यह तलाशी और सर्वेक्षण अभियान असम में गुवाहाटी, नालबारी और डिब्रूगढ़ में 29 स्थानों पर चलाया गया।

इन समूहों पर मुख्य रूप से ये आरोप हैं कि उन्होंने अपने अस्पतालों/ नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर्स और दवा कारोबार में व्यक्तिगत क्षमता और टर्नओवर दोनों में अपनी चिकित्सा प्राप्तियों को सकल रूप में कम करके दिखाया।

तलाशी और जब्ती की कार्रवाई के दौरान, पता चला कि ये समूह बहीखातों से इतर लेनदेन कर रहे थे। इस दौरान कई दस्तावेज और नकद प्राप्ति की रसीदें मिलीं, जिससे स्वास्थ्य पेशेवरों और उनके अस्पतालों/ क्लीनिकों के मामले में टर्नओवर को छिपाए जाने का खुलासा हुआ है। कुछ मामलों में 50-60 करोड़ रुपये का टर्नओवर छिपाने की बात सामने आई है। इसके अलावा मेडिकल/ फार्मा में कुल मुनाफा भी काफी कम दिखाया गया है।

विभाग ने स्वास्थ्य पेशेवरों और उनसे संबंधित कारोबारों से जुड़े विभिन्न आवासीय और व्यावसायिक परिसरों से लगभग 7.54 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की, जिसमें असम के नालबारी से जब्त 1.76 करोड़ रुपये की नकदी भी शामिल है। विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य पेशेवरों के यहां से जब्त नकदी का कोई लेखा-जोखा नहीं था। इसके साथ ही बड़ी संख्या में ऐसे भूखंड/ अचल संपत्तियां भी जब्त की गईं, जो नकद में खरीदी गई थीं। लगभग 20 करोड़ रुपये की नकदी से अचल संपत्तियों में किये गए निवेश से जुड़े हस्त लिखित नोट्स/ डायरियां जब्त की गईं। अर्जित नकदी को नए अस्पतालों, नर्सिंग होम्स के पुनर्निर्माण और अघोषित संपत्तियों को खरीदने में खपाए जाने का भी खुलासा हुआ है।

तलाशी अभियान के दौरान पता चला कि नियमित बहीखातों से बाहर बड़ी मात्रा में नकदी की प्राप्तियां और लेनदेन हुए थे, ऐसे एक मामले में 20 करोड़ रुपये की अघोषित धनराशि का खुलासा हुआ।

इसके अलावा, मेडिकल क्लीनिकों पर रोजाना की आय को एक्सेल/ हार्ड डिस्क में डिजिटली रखने का भी पता चला, जिसे बहीखातों में दर्ज नहीं किया गया था। एक अन्य मामले में, वार्षिक प्राप्तियां लगभग 15-20 करोड़ रुपये थी, जबकि ऑडिट खातों में सिर्फ लगभग 5 करोड़ रुपये की सकल प्राप्ति दिखाई गई थी।

इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि इस विशेष मामले में हर साल लगभग 10-15 करोड़ रुपये की आय छिपाई जा रही थी।

कुल मिलाकर, तलाशी और जब्ती की कार्रवाई में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के अघोषित निवेश/ प्राप्तियों/ व्यय का खुलासा हुआ।

इन मामलों में आगे की जांच जारी है।


■ आयकर विभाग ने हैदराबाद में चलाया तलाशी अभियान

आयकर विभाग ने फर्जी उप ठेकेदारों/ शेल कंपनियों के इस्तेमाल से आयकर चोरी के साथ ही कंपनियों को फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध कराने से जुड़ी जांच के आधार पर 07.01.2021 को एक तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था।

यह तलाशी की कार्रवाई तेलंगाना में काम कर रहे एक प्रमुख सिविल ठेकेदार पर की गई थी, जो फर्जी उप ठेकेदारों और फर्जी बिलों के सहारे नकदी जुटा रहा था। इस दौरान हैदराबाद में 19 परिसरों में तलाशी ली गई। यह तलाशी अभियान ऐसे लोगों के एक नेटवर्क के खिलाफ चलाया गया, जो एंट्री ऑपरेशन का एक रैकेट चला रहे थे और फर्जी बिलों के माध्यम से भारी मात्रा में नकदी जुटा रहे थे।

इस मामले में एंट्री ऑपरेटर्स ने फर्जी बिल जारी करके अघोषित धन और नकदी निकालने के लिए कई शेल इकाइयों/ कंपनियों का इस्तेमाल किया था, जहां फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पास किया गया था। इन एंट्री ऑपरेटर्स, उनके फर्जी साझीदारों/ कर्मचारियों, लाभार्थियों के कैश हैंडलर्स के बयान भी दर्ज किए गए हैं, जिनसे स्पष्ट रूप से पूरे नेटवर्क का खुलासा होता है।

तलाशी के क्रम में फर्जी उप ठेकों से जुड़े सबूत जब्त किए गए हैं, जो उन्हें शेल इकाइयों के माध्यम से दिए जा रहे थे। इससे जुड़े एंट्री ऑपरेटर्स, मध्यवर्ती लोगों, कैश हैंडलर्स, लाभार्थियों और कंपनियों के पूरे नेटवर्क के विवरण के साथ अघोषित रकम निकालने के लिए इस्तेमाल किए गए इस तरीके का भी खुलासा हुआ है। पेन ड्राइव, निकाले गए मेल सहित डिजिटल डाटा के फॉरेंसिक विश्लेषण से इस संबंध में पर्याप्त सबूत मिले हैं।

अभी तक, 160 करोड़ रुपये से ज्यादा की एकोमोडेशन एंट्रीज के सबूत मिले हैं और उन्हें जब्त कर लिया गया है। इससे जुड़ी कंपनी ने अपने बयान में इन बातों को स्वीकार भी कर लिया है।

इस मामले में आगे की जांच जारी है।

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