--के• विक्रम राव,
अध्यक्ष - इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स।
यूं केश-सजावट के मशहूर निष्णात जावेद हबीब मानते है कि लालू यादव की हेयर स्टाइल उनपर निखार ले आती है। विश्व हेयरस्टाइल दिवस (30 अप्रैल 2008) पर लालू के केश-विन्यास पर हबीब के ये उद्गार थें।
अपने रेल मंत्री काल में लालू का यादगार काम था कि भारतीय रेल के खानपान कोच में उन्होंने सिलबट्टा रखवाया। कारण? इस गांव वाले को पता था कि डिब्बा-बंद पीसे हुये मसाले की तुलना में सिलबट्टा पर पीसे मसाले अधिक लजीज़ होते हैं।
विकास हेतु लालू के महान योगदान पर नीतीश ने विधानसभा चुनाव में बड़ी सटीक टिप्पणी की थी। बोले ''महिला कल्याण में लालू यादव ने एक ही भला योगदान किया। राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री नामित कर दिया।'' हालांकि इसके मूलभूत कारण थे। सीबीआई अदालत लालू यादव को जेल भेजने वाली थी। प्रधानमंत्री इन्दर कुमार गुजराल ने लालू से कहा कि त्यागपत्र तो देना ही पड़ेगा। अपने विश्वासपात्र को मुख्यमंत्री बना दें, जो बाद में इस्तीफा दे दे। लालू जानते थे कि सालेद्वय साधु और सुभाष यादव में किसी को बनाया तो वे सवा सेर पड़ेंगे। हटेंगे नहीं। पतिव्रता राबड़ी देवी ही आज्ञाकारिणी रहेंगी।
प्रधानमंत्री मददगार बने क्योंकि लालू ने पंजाब के गुजराल को पटनावासी दिखा दिया था, सांसद बनने हेतु। गुजराल को गुज्जर जाति का पिछड़ा बताया था। इन्दर गुजराल की छवि बड़ी नैतिकता भरी रही। सत्यवादी वाली मगर वे तब मौन ही रहे।
लालू यादव का नाता हमारे इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (आईएफडब्ल्यूजे) से भी रहा। उन्होंने मेरे प्रतिनिधि मंडल से वादा किया था कि बिहार के पत्रकारों हेतु दुघर्टना बीमा तथा पेंशन योजना लागू करायेंगे। दो दशकों तक हम आस लगायें रहे। हमारा (आईएफडब्ल्यूजे) प्रतिनिधि अधिवेशन राजगृह (राजगीर) में (18-20 फरवरी 2010) में हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था। विपक्ष से लालू यादव ने 16 फरवरी को बिहार बंद की घोषणा की थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते मुझे सम्मेलन के लिये घोर चिंता लगी थी।
इसलिये कि 29 प्रदेशों से हमारे 1680 प्रतिनिधि, विशेषकर गुवाहाटी, कोचीन, अहमदाबाद, गोवा, जम्मू, मैसूर, सिक्किम आदि से बिहार कैसे पहुंच पायेंगे? पटना जंक्शन उतर का सड़क मार्ग से राजगीर आना था। नीतीश कुमार के सचिव रामचन्द्र प्रसाद सिंह, आईएएस, ने वाहनों की सम्यक व्यवस्था की। नीतीश बोले, ''इन यादव दम्पति ने पन्द्रह साल तक लगातार बिहार बंद रखा था। एक दिन और सही।'' मेरी चिंता का निवारण किया। हमें राहत मिली।
और अब अन्त में। एक बार लालू प्रसाद यादव पश्चिमी राजस्थान के दूरवर्ती रेगिस्तानी नगर एहोरा में जैन मुनि हेमेन्द्र जी से आशीर्वाद लेने (7 नवंबर 2003) आये थे। हमारी जोधपुर जिला यूनियन के साथियों से वार्ता में वे बोले थे, ''मैं प्रधानमंत्री बनूंगा, क्योंकि अगली लोकसभा चुनाव में राजग के अटल बिहारी वाजपेयी का सूपड़ा साफ हो जायेगा। ''फील गुड'' एकदम बैड हो जायेगा।'' मगर बात बनी नहीं, सरदार मनमोहन सिंह बाजी ले गये। सोनिया की वे प्रथम पसंद थे। तो अब जेल में लालू की शेष उम्र कटेगी। सजा भी।