आबू रोड-राजस्थान,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।
ब्रह्माकुमारीज के मीडिया प्रभाग द्वारा शांतिवन आबू रोड में आयोजित चार दिवसीय महासम्मेलन के समापन सत्र में प्रबुद्ध वक्ताओं ने कहा कि मूल्य आधारित बेहतर दुनियां की स्थापना के लिये मीडिया को मिशन के रूप में काम करना चाहिये।
सोशल एक्टीविटी ग्रुप के प्रधान भरत भाई के संबोधन से बीती रात शुरू हुए सत्र में मैडीकल प्रभाग के सचिव डा• बनारसी भाई, वर्ल्ड रिन्यूल पत्रिका के सहायक संपादक युद्धिष्ठर भाई, प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका सरला आनंद, दिल्ली क्षेत्र संयोजिका सुनीता बहन के इलावा इंडियन फैडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्टस के उपाध्यक्ष डा• गोपाल मिश्रा, रेडियो सरगम इंदौर के निदेशक आशीष गुप्ता, दिल्ली की मीडिया विशेषज्ञ मनोरंजना गुप्ता वक्ताओं में शामिल थे। बिलासपुर की मंजू बहन ने समापन सत्र का शायराना अंदाज में बखूबी संचालन किया। मुख्यालय संयोजक शांतनु भाई ने सभी के प्रति आभार जताया।
संस्था के कार्यकारी सचिव व शिक्षा प्रभाग के अध्यक्ष मृत्युंजय भाई ने देश के विभिन्न भागों व नेपाल से आये 2 हजार मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता अपने आप में तपस्या है। इस पुनीत मिशन के बलबूते पर ही देश को आजाद करवाने में सहयोग मिला। अब मीडिया को व्यसन मुक्त समाज की स्थापना के लिये संस्था द्वारा चलाये अभियान में सहभागी बनना चाहिये।
समापन सत्र में 6 सूत्रीय कार्य योजना सर्वसम्मति से स्वीकार की गई। जिसमें कहा गया कि मास मीडिया सकारात्मक और समग्र सामाजिक परिवर्तन के लिये शक्तिशाली उत्प्रेरक है। सकारात्मक परिवर्तन के लिये अभियान को व्यवहारिक आकार देने की आवश्यकता है। व्यवसायिक नैतिकता और सर्वभौमिक मूल्यों को सामाजिक हित और चिंताओं तथा व्यवसायिक हितों के बीच संतुलित समिश्रण स्थापित करने से समाज का समग्र उत्थान किया जा सकता है।
कार्य योजना में कहा गया कि मीडिया के इरादे की गुणवता और विशेषता प्रकाशन व संचार सामग्री को प्रभावित करती है इसलिये व्यवहार में आधारमूल्यों को शामिल किया जाना चाहिये। भारतीय संविधान, राष्ट्र और देशवासियों की अंतरात्मा से जुड़े मूल्यों की रक्षा के लिये मीडिया सक्रिय भूमिका निभा सकता है लेकिन इसके लिये अपनी अंर्तरात्मा के मूल्यों की पहचान करनी होगी। बदलते समय की तकनीक और बाजार की परिस्थितियों को सामाजिक मूल्यों के साथ समायोजित किया जाये। शांति, समरसता, मानवीय अस्मिता, सदभाव जैसे मूल्यों से समझौता करते हुए सामग्री नहीं परोसी जानी चाहिये। कार्यक्रम के अंत में विशेष अतिथियों को मृत्युंजय भाई ने ईश्वरीय सौगात भेंट करके सम्मानित किया गया।