बून्दी - राजस्थान
इंडिया इनसाइड न्यूज।
सोमवार 01 दिसंबर, 2025 को गीता जयन्ती के उपलक्ष्य में भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र राजकीय महाविद्यालय बून्दी तथा इस्कॉन कोटा के तत्त्वावधान में गीता ज्ञान प्रतियोगिता एवं व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के माल्यापर्ण दीप प्रज्वलन और श्रीमद् भगवत गीता की पूजा अर्चना से किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य प्रो. ओ.पी. शर्मा की अध्यक्षता में हुआ।
भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र के प्रभारी एवं संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पूर्ण चन्द्र उपाध्याय ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि जगद्गुरू भगवान् श्री कृष्ण ने धर्म, अर्थ ,काम, मोक्ष रूप पुरूषार्थ चतुष्टय को सिद्ध करने वाली गीता रूप कालजयी संदेश और महनीय जीवनदर्शन देकर अजुर्न के माध्यम से समग्र विश्व की मानव आत्मा का उद्धार किया है। उन्होंने गीता के श्लोकों से विद्यार्थियों को गीता पाठ के लिए प्रेरित किया।
मुख्य वक्ता लोकेश्वर दास ने अपने कथन में मानव जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान देने वाली गीता के गूढ़ रहस्यों को उजागर किया, उन्होने गीता के पाँच विषयों ईश्वर जीव प्रकृति काल और कर्म के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कर्मयोग, भक्ति योग और ज्ञान योग की त्रिवेणी में निहित जीवन मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात् कर हम अपने जीवन को सहजता के साथ जी सकते हैं।
इस कार्यक्रम में इस्कॉन के अन्य सदस्य प्रभाकर दास गोर भी उपस्थित रहे। गीता ज्ञान प्रतियोगिता में अनेक विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के संकाय सदस्य राहुल सक्सेना, प्रो. पूजा सक्सेना, प्रो. दिलीप राठौड, हेमलता टांक, डॉ जुबेर खान, डॉ भारतेन्दु गौतम एवं भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ संजय भल्ला ने किया।