राहुल ने ‘वोट चोरी’ का फोड़ा बम, कहा आयोग इलेट्रॉनिक मतदाता सूची उपलब्ध कराये



--राजीव रंजन नाग
नई दिल्ली , इंडिया इनसाइड न्यूज।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि एक जाँच में 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मतदाता धोखाधड़ी पाई गई है और चुनाव आयोग पर सत्तारूढ़ भाजपा के साथ मिलकर चुनाव चुराने का आरोप लगाया। इन आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया हुई और चुनाव आयोग ने श्री गांधी को शपथ लेने और मतदाता सूची में अनियमितताएँ पाए जाने का घोषणापत्र प्रस्तुत करने या अपने "गढ़े हुए सबूत" वापस लेने की चुनौती दी। भाजपा ने आरोपों को "निराधार" बताया और कहा कि श्री गांधी "अपना आपा खो बैठे हैं"।

श्री गांधी ने कहा कि आम चुनाव में अपने मजबूत प्रदर्शन के कुछ ही महीनों बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक के चुनावी नतीजों में उलटफेर से पता चलता है कि "कुछ ठीक नहीं था"। पिछले साल लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की 48 में से 30 सीटें जीतने वाला इंडिया ब्लॉक, पाँच महीने बाद हुए राज्य चुनावों में 50 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सका।

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग के "निर्धारित कार्यक्रम" ने संदेह को और गहरा कर दिया। "महाराष्ट्र में, पाँच महीनों में पाँच साल से ज़्यादा मतदाता जुड़े। लोकसभा (चुनाव) में हमारा गठबंधन जीतता है। विधानसभा चुनावों में हमें करारी हार का सामना करना पड़ता है। विधानसभा चुनावों में एक करोड़ नए मतदाताओं ने वोट डाले। उन्होंने कहा चुनाव आयोग शाम 5.30 बजे तेज़ मतदान का हवाला देता है। हमारे बूथ एजेंटों का कहना है कि इतनी तेज़ मतदान नहीं हुआ। महाराष्ट्र में पहली बार हमें कुछ गड़बड़ नज़र आई।" श्री गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने विपक्ष के सवालों का जवाब देने से परहेज़ किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें जाँच के लिए डिजिटल मतदाता सूची उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि उनकी जाँच कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर केंद्रित थी। "हमारे आंतरिक सर्वेक्षण में बताया गया था कि हम कर्नाटक में 16 (लोकसभा) सीटें जीतेंगे, हमने नौ जीतीं। फिर हमने सात अप्रत्याशित हारों पर ध्यान केंद्रित किया। हमने एक लोकसभा चुनी, और हमारी टीम ने तय किया कि हम केवल एक विधानसभा (सीट) पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इसलिए हमने महादेवपुरा पर ध्यान केंद्रित किया।"

"(बैंगलोर मध्य) लोकसभा में कुल 6.26 लाख वोट पड़े। भाजपा ने 6,58,915 वोटों के साथ 32,707 के अंतर से जीत हासिल की। फिर, हमने महादेवपुरा पर ध्यान केंद्रित किया, जहाँ कांग्रेस को 1,15,586 और भाजपा को 2,29,632 वोट मिले। कांग्रेस ने सभी विधानसभाओं में जीत हासिल की, लेकिन इस एक पर नहीं। इस सीट ने उन्हें चुनाव जिताया। हमें 1,00,250 चुराए गए वोट मिले। पाँच अलग-अलग तरीकों से चुराए गए: डुप्लिकेट मतदाता, नकली और अमान्य पते, एक ही पते पर बड़ी संख्या में मतदाता। लेकिन जब हम वहाँ गए, तो वहाँ रहने वाले उन लोगों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।" श्री गांधी ने आरोप लगाया, "उस घर में एक ही परिवार रहता है।" श्री गांधी द्वारा साझा की गई प्रस्तुति में इन कथित अनियमितताओं का ज़िक्र था। मतदाता सूची में एक ही मतदाता का नाम कई बार दर्ज है। कई राज्यों में एक ही मतदाता का नाम है।

या तो पता मौजूद ही नहीं है, या फिर "0" लिखा है। एक ही पते पर कई मतदाता। मतदाता पहचान पत्रों पर अस्पष्ट या सूक्ष्म आकार की तस्वीर। पहली बार मतदान करने वालों के लिए बने फॉर्म 6 का दुरुपयोग।

चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए श्री गांधी ने कहा, "वे अब लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर रहे, बल्कि उसे खत्म करने में लगे हैं। अंपायर दूसरी टीम में है।" न्यायपालिका को इसमें शामिल होना होगा क्योंकि जिस लोकतंत्र से हम इतना प्यार करते हैं, वह मौजूद नहीं है।" श्री गांधी की प्रेस वार्ता चल ही रही थी कि कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने कांग्रेस नेता से राज्य की मतदाता सूची की जाँच की माँग करते हुए एक घोषणापत्र प्रस्तुत करने को कहा।

चुनाव आयोग ने एक अधिसूचना में कहा, "जैसा कि आप जानते हैं, मतदाता सूचियाँ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950, मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 और भारत के चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार पारदर्शी तरीके से तैयार की जाती हैं। चुनाव परिणामों पर केवल माननीय उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका के माध्यम से ही सवाल उठाया जा सकता है।"

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