बांग्ला भाषा का अपमान बंगाल का अपमान है : ममता बनर्जी



कोलकाता
पश्चिम बंगाल
इंडिया इनसाइड न्यूज।

पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में, बांग्लाभाषी श्रमिकों को 'बांग्लादेशी' कहकर अमानवीय यातनाएँ, उत्पीड़न और नज़रबंदी का सामना करना पड़ रहा है। वैध दस्तावेज होने के बावजूद, बंगाली श्रमिकों को परेशान किया जा रहा है।

बुधवार 16 जुलाई, 2025 को बांग्ला-विरोधी रवैये के खिलाफ़ कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से डोरीना क्रॉसिंग तक आयोजित एक विशाल जुलूस निकाली गई और विरोध सभा में तृणमूल नेत्री ने लोगो को संबोधित किया। साथ ही, उन्होंने बंगाल के सभी लोगों को 21 जुलाई को 'शहीद दिवस' मनाने का आह्वान किया। उनहोंने कहा कि जब तक भाजपा इस विभाजनकारी राजनीति को बंद नहीं करती, मैं चुप नहीं बैठूँगा। उनके दुष्प्रचार और बदनामी का जवाब देने का समय आ गया है। बंगाल की धरती पर हज़ारों क्रांतिकारी और बुद्धिजीवी ने जन्म लिया। हजारों बंगाली स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए। उन्होंने अपने महान कार्यों से भारत को विश्व पटल पर ऊँचा किया है, मैं उस बंगाल की धरती का अपमान स्वीकार नहीं करूँगी।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम सभी भाषाओं का आदर और सम्मान करते हैं, फिर भी बंगाल पर बार-बार हमले होते रहते हैं। अगर बंगाल पर हमला हुआ, तो बंगाल विरोधी ताकतों के खिलाफ बंगाल की दहाड़ सुनाई देगी। तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में पहले भी किसान विरोधी, दलित विरोधी, महिला विरोधी, भाषा विरोधी ताकतों को हराया है। मुख्यमंत्री ने लोगो को चेताया कि आगामी 2026 में होने वाले चुनाव में बंगाल की जनता को भी यही स्थिति झेलनी पड़ेगी।

बता दें कि अभिषेक बनर्जी, फिरहाद हकीम, अरूप विस्वास सहित हजारों की संख्या में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता विशाल जुलूस और विरोध सभा में सम्मिलित हुए।

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