बीएचयू ट्रांमा सेंटर में गुंडागर्दी के खिलाफ छात्रों ने खोला मोर्चा, केंद्रीय कार्यालय का किया घेराव



--डॉ प्रियंका सिंह
वाराणसी-उत्तर प्रदेश
इंडिया इनसाइड न्यूज।

● बीएचयू ट्रांमा सेंटर प्रभारी डा सौरभ सिंह और बाउंसरों को तत्काल हटाने और उच्चस्तरीय जांच की मांग

● कार्यवाहक कुलपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा, विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर हुई नारेबाजी

● विरोध प्रदर्शन के दौरान पहुंचे बीएचयू के पूर्व शोध छात्र डा. विवेक जायसवाल पूर्व ने मीडिया को बताया कि बाउंसरों और सुरक्षाकर्मियों को आतंक काफी बढ़ गया है

बीएचयू ट्रांमा सेंटर में जनरल सर्जरी के प्रोफेसर एस पी मिश्रा के साथ दुर्व्यवहार प्रकरण दिनो दिन तूल पकड़ता जा रहा है। अब ट्रांमा सेंटर प्रभारी समेत भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ छात्रों ने भी मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को बीएचयू छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष डाॅ अरविंद शुक्ला के नेतृत्व में सैकड़ों छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। विश्वविद्यालय प्रशासन के आला अधिकारियों की कार्यशैली, ट्रांमा सेंटर में बढ़ती गुंडागर्दी के खिलाफ कार्यकारी कुलपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में ट्रामा सेंटर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय में प्रशासनिक गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार के जिम्मेदार ट्रामा सेंटर प्रभारी और बाउंसरों को तत्काल हटाने और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है। कहा गया है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय से सम्बंधित ट्रामा सेंटर एवं सर सुंदरलाल चिकित्सालय प्रशासनिक गुंडागर्दी, बाउंसरों की मनमानी, चिकित्सकीय व्यवस्था की अनदेखी, सुनियोजित दलाली और भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है। इससे महामना द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और छवि धूमिल हो रही है। विश्वविद्यालय के हित में तत्काल मनमानेपन पर रोक लगाई जाय।

इसके साथ ही मांग की गई है कि विश्वविद्यालय के अस्पताल से सभी बाउंसरों को तत्काल हटाया जाय। भ्रष्ट और दागी अधिकारियों को तत्काल निलम्बित कर उच्चस्तरीय जांच हो। अस्पताल में छात्र, अध्यापक और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार बंद हो और उन्हें वरीयता दी जाय। कहा गया कि हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार कर कार्यवाही की जाय। नही तो छात्र, अध्यापक और कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

विरोध प्रदर्शन के दौरान पहुंचे बीएचयू के पूर्व शोध छात्र डाॅ. विवेक जायसवाल ने मीडिया को बताया कि बाउंसरों और सुरक्षाकर्मियों का आतंक काफी बढ़ गया है। एक माह पहले वह अपने मरीज को लेकर ट्रामा सेंटर आये। बाउंसरों ने उन्हें रोका। परिचय देने पर भी नही माने। इतने में कई बाउंसर आ गये और अभद्र व्यवहार करने लगे। मैने लंका थाने में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब प्रोफेसर एसपी मिश्रा के साथ भी दुर्व्यवहार हो गया। उन्होंने कहा कि महामना ने विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखकर विश्वविद्यालय की स्थापना की। लेकिन यहां उनके हित ही सुरक्षित नहीं है। विरोध प्रदर्शन में पूर्व छात्रनेता अरविंद शुक्ला, डाॅ. मृत्युंजय तिवारी, अभिषेक सिंह, अश्विनी कुमार राय, अभय सिंह, प्रशांत कुमार यादव, डाॅ. अशोक यादव आदि रहे।

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