--परमानंद पाण्डेय
लखनऊ - उत्तर प्रदेश
इंडिया इनसाइड न्यूज।
सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण के कारण इस वर्ष शनिवार 21 दिसम्बर 2024 को सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत् हुआ। इस दिन सूर्य की क्रान्ति 23 अंश 26 कला 16 विकला दक्षिण रही। जिससे भारत सहित उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित देशों में सबसे छोटा दिन तथा सबसे बड़ी रात हुआ। 21 दिसम्बर को आरौन में सूर्योदय 07 बजकर 01 मिनट तथा सूर्यास्त 05 बजकर 32 मिनट पर हुआ। जिससे 21 दिसम्बर को आरौन में दिन की अवधि 10 घन्टे 31 मिनट तथा रात की अवधि 13 घन्टे 29 मिनट की हुई। 21 दिसम्बर को सूर्य सायन मकर राशि में प्रवेश हुआ।
21 दिसम्बर के बाद सूर्य की गति उत्तर की ओर दृष्टिगोचर होना प्रारम्भ हो जाती है, जिसे सायन उत्तरायन का प्रारम्भ कहते हैं। सूर्य की उत्तर की ओर गति होने के कारण अब उत्तरी गोलार्द्ध में दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे तथा रात छोटी होने लगेगी। 20 मार्च 2025 को सूर्य विषुवत रेखा पर लम्बवत् होगा। तब दिन-रात बराबर होंगे।
"इस घटना को शंकु यन्त्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। इस दिन शंकु की छाया सबसे लम्बी होकर पूरे दिवस मकर रेखा पर गमन करती हुई दृष्टिगोचर होती है। इस घटना को हम धूप होने पर ही देख सकते हैं।
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