मानसिक तनाव और जीवन शैली में परिवर्तन से हार्ट अटैक का खतरा



वाराणसी-उत्तर प्रदेश
इंडिया इनसाइड न्यूज।

■वाराणसी के आयुर्वेदाचार्य ने हार्ट अटैक की रोकथाम के लिए लहसुन, अनार और अर्जुन की छाल को बताया रामबाण

पूर्वांचल के जाने-माने आयुर्वेद चिकित्सक एवं महामनापुरी वाराणसी के सुमन आयुर्वेद क्लीनिक के डॉ ए के दुबे ने बताया कि लोगों में बढ़ा हुआ मानसिक तनाव और अनियमित जीवन शैली के कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है। यही कारण है कि आजकल कम उम्र के लोगों की अचानक मौत हार्ट अटैक से हो रही है।

सुमन क्लीनिक के निदेशक डॉ दूबे ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड संक्रमण के बाद यह देखा गया है कि लोगों में सांस लेने की दिक्कत,सांस फुलना, बेहोशी, चक्कर आना, सीने से कंधे और बाहों तक दर्द, थकान या कमजोरी यह सब हार्ट की बीमारी के संकेत हैं।

उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक पद्धति में हार्ट अटैक से बचाव के कारगर उपाय है। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और मार्निंग वाक करना चाहिए। इसके अलावा तनाव को कम करके, ब्लड प्रैशर का नियमित जांच करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जाड़े में सुबह आठ बजे के बाद ही टहलना चाहिए। इसके अलावा सर्दी के मौसम में नहाने में भी एहतियात बरतने की जरूरत है। ठंडे पानी के बजाय गुनगुने पानी से स्नान करें। नहाते समय सीधे सर पर पानी डालने के बजाय पहले पैर फिर कंधे और अंत में सिर पर पानी डालना चाहिए।

आयुर्वेदाचार्य डा ए के दुबे ने हार्ट अटैक से बचने के लिए 3 चीजों को खाने की सलाह दी है। ये तीनों चीजें हार्ट अटैक को रोकने, ब्लडप्रेशर को मैनेज करने, एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने और हर उम्र में आपके दिल के स्वास्थ्य को मैनेज करने में मदद कर सकती हैं।

• लहसुन : लहसुन में एंटी-एजिंग गुण होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, यह हृदय को उत्तेजित करता है, ब्लड फ्लो में सुधार करता है और रक्त वाहिकाओं के अंदर कोलेस्ट्रॉल के जमाव को कम करता है। इसमें विटामिन सी और बी 6, मैंगनीज और सेलेनियम होता है, लेकिन इसमें एलिसिन नामक एक केमिकल होता है, जो एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट है।

कैसे खाएं : हार्ट हेल्थ को सही रखने के लिए आधा या 1 कच्चा लहसुन लें और इसे कुचल लें। फिर खाली पेट या खाने से पहले दिन में एक बार इसे खाएं। आप 8 - 12 सप्ताह तक इसे खा सकते हैं।

• अनार : आयुर्वेद के अनुसार हार्ट हेल्थ के लिए अनार अच्छा फल है। इसे खाने से ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल का लेवल काफी कम हो जाता है जबकि एचडीएल का लेवल काफी बढ़ जाता है।

कैसे खाएं : आप नाश्ते में रोजाना 1 अनार खाएं। या फिर हफ्ते में 2-3 बार इसे खा सकते हैं।

• अर्जुन छाल चाय : यह आयुर्वेदा की सभी जड़ी-बूटियों में सबसे अच्छा कार्डियो-टॉनिक है। इसकी ठंडी प्रकृति, कसैला स्वाद और पचाने में आसान गुण कफ और पित्त दोषों को संतुलित करने में मदद करते हैं। ये पाचन के साथ ही स्किन के लिए भी अच्छी है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है और आपके दिल को स्वस्थ रखती है।

कैसे बनाएं : इसे बनाने के लिए 100 मिलीलीटर पानी और 100 मिलीलीटर दूध लें, इसमें 5 ग्राम अर्जुन की छाल का पाउडर मिलाएं और तब तक उबालें जब तक यह आधा न हो जाए। इसे छानकर सोते समय या सुबह/शाम खाने से 1 घंटा पहले पियें।

https://www.indiainside.org/post.php?id=9980