अकेले की दम पर कांग्रेस को निस्वार्थ भाव से पुनः जीवित करने की मुहिम में जुटे कमलनाथ



--विजया पाठक
एडिटर - जगत विजन
भोपाल - मध्यप्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज।

■छिंदवाड़ा की जनता को परेशान और जिले की खुशहाली को बिखरता देख जनता के बीच पहुंचे लोकप्रिय नायक कमलनाथ

■अपने क्षेत्र को सिंचित कर खुशहाल बनाने वाले छिंदवाड़ा के बेटे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बोला भाजपा पर हमला

■प्रदेश अध्‍यक्ष जीतू पटवारी की निष्क्रियता से बिखर रही कांग्रेस

■बड़े मुद्दों पर पटवारी की चुप्‍पी संदेह के घेरे में

एक कहावत है मनुष्य स्वयं के द्वारा लगाये गये पौधे को कितने भी आंधी-तूफान आने के बावजूद उसे संरक्षित और पल्लवित कर स्थायी तौर पर खड़ा रहने के लिये प्रयास करता है। कुछ ऐसा ही प्रयास छिंदवाड़ा में कर रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री व जिले के लोकप्रिय नेता कमलनाथ। लगभग चार दशकों से अधिक समय के कठिन परिश्रम से एक-एक बीज रोपकर कमलनाथ ने जिस छिंदवाड़ा जिले को देश में आदर्श बनाया उसे कुछ ही महीनों में भाजपा नेताओं ने छिन्‍न-भिन्न करना शुरू कर दिया। अपनी आंखों के सामने अपनी कर्मभूमि को छिन्न भिन्न होता देख कमलनाथ से रहा नहीं गया। शायद यही वजह है कि उन्होंने एक बार फिर निःस्वार्थ भाव से जनता के बीच जाकर उनके सुख-दुख को अपना मानकर जनकल्याण का कार्य आरंभ कर दिया है। मैं इस बात को पूरे विश्वास के साथ कह सकती हूं कि क्योंकि जिस ढंग से कमलनाथ ने अपने कठिन परिश्रम से जिले को सिंचित कर पल्लवित किया है आज वही छिंदवाड़ा जिला भ्रष्टाचार और अनाचार का गढ़ बनता जा रहा है। पहले तो भाजपा नेताओं ने छलबल से स्थानीय नेताओं की खरीद-फरोख्त कर चुनाव जीता, उसके बाद जिले को पूरी तरह से धवस्त करने में जुट गये हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा व उसके शीर्षस्थ नेता चाहते हैं कि छिंदवाड़ा जिले में कमलनाथ की जो लोकप्रिय नेता के रूप में छवि है उसे पूरी तरह से प्रभावित किया जाये और नये सिरे से भाजपा नेता अपनी छवि जनमानस में स्थापित करें।

• खुद अकेले ही जनसेवा में चल पड़े कमलनाथ

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पिछले कई समय से छिंदवाड़ा के दौरे पर हैं। उन्होंने जनता की हर एक समस्या और उनकी चुनौतियों को करीब से समझने के बाद अब स्वयं जनसेवा के लिये निकलने का निर्णय ले चुके हैं। यही कारण है कि वे अब दोबारा से जनता के बीच पहुंच गये हैं और जनता ने उन्हें अपना सेवक स्वीकार भी कर लिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हमें हमारा संरक्षक पुनः मिल गया है और हम सभी एक बार फिर कमलनाथ के नेतृत्व में जिले को भाजपा नेताओं की निरंकुशता से मुक्त कराने के लिये निंरतर लड़ाई लड़ेंगे। लोगों ने तो इस बात के भी संकेत दिये कि वे भाजपा नेता बंटी साहू के कार्यशैली से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है और जिले में कभी भी उपचुनाव कराये जाने की मांग उठ सकती है।

• बिखरी कांग्रेस को करेंगे एकजुट

लोकसभा उपचुनाव के बाद कमलनाथ एक बार फिर मिशन एकजुटता में जुट गये हैं। वे बिखरी हुई कांग्रेस को एक सूत्र में पिरोकर आगे कार्य करने की दिशा में सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। कमलनाथ ने जिले में किसान न्याय यात्रा को हरी झंडी दिखाकर अपनी सक्रियता के संकेत दिये हैं। इसके साथ ही कांग्रेस संगठन को मजबूती देने की कोशिश करेंगे। मिली जानकारी के अनुसार कमलनाथ लोकसभा चुनाव के हार के बाद से बिखर चुकी कांग्रेस को एकजुट करने का प्रयास होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कमलनाथ को कांग्रेस आलाकमान प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर शीघ्र बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।

• छिंदवाड़ा में सक्रियता का एक बड़ा कारण यह भी

पूर्व सीएम कमलनाथ एक बार फिर से राजनीति में सक्रिय नजर आ रहे हैं। छिंदवाड़ा को लेकर वे कांग्रेस के तमाम नेताओं के साथ भोपाल में मंथन कर चुके हैं। एक बार फिर उनकी सक्रियता होते ही सबकी नजरें नाथ के अगले प्लान पर आकर टिक गई है। छिंदवाड़ा कांग्रेस जिलाध्यक्ष के सोनू मांगो, पप्पू यादव, मनीष तिवारी के नाम की चर्चा जोरों पर है। वर्तमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष विश्वनाथ ओकेटे ने लोकसभा चुनाव के बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा सौंपा था। जो कमलनाथ ने अस्वीकार कर दिया था।

• केंद्र सरकार ने फिर दिया लॉलीपॉप

प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ छिंदवाड़ा प्रवास पर हैं, जहां से वे लगातार केंद्र की भाजपा सरकार को घेर रहे हैं। उन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर जहां भाजपा को आड़े हाथों लिया, वहीं जम्मू कश्मीर और हरियाणा के चुनाव रिजल्ट के बाद मध्यावधि चुनाव होने की बात कहकर कार्यकर्ताओं को एक्टिव रहने का बयान दिया है। बंद कमरे में कमलनाथ के इस संदेश से हर कोई अवाक रह गया। पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो कमलनाथ ने कहा कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के इलेक्शन के बाद भाजपा सरकार जा सकती है। दोनों चुनाव के रिजल्ट कांग्रेस के फेवर में होंगे। वहीं, कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे निराश न हों और आने वाले समय में मध्यावधि चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं।

• मंहगाई पर साधा मोदी सरकार पर निशाना

कमलनाथ ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश के किसानों की औसत आमदनी 27 रूपए प्रतिदिन रह गई है और औसत कर्ज प्रति किसान 74 हजार रूपए हो गया है। बीते दस वर्षों में खेती की लागत 25 हजार रूपए हैक्टेयर बढ़ने से यह हुआ। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर व खेती के उपकरणों पर 12 प्रतिशत जीएसटी, खाद पर 05 प्रतिशत, कीटनाशक दवाइयों पर 18 प्रतिशत, डीजल की कीमत 35 रूपए प्रति लीटर बढ़ गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वहां मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को लगातार निशाना बनाया जाता है। भाजपा और मोदी जी के पास कोई काम नहीं है। मोदी जी ने लोगों का ध्यान भटकाने के लिए फिर से एक नया खिलौना दे दिया है। प्रदेश की न्याय व्यवस्था चौपट है। भाजपा की सरकार में किसान लगातार ठगा जा रहा है। किसानों के साथ न्याय हो इसलिए कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और उनके लिए न्याय यात्रा निकाल रही है।

• अंतर्द्वंद्ध से जूझ रही पार्टी, पटवारी के कारण हो सकता है बड़ा नुकसान

पार्टी की सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पार्टी इन दिनों एक अलग तरह के अंतर्द्वंद्ध से जूझ रही है। पार्टी नेताओं के बीच जो आपसी तनाव की स्थिति बन रही है उसका कारण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को बताया जा रहा है। जाहिर है कि पटवारी के नेतृत्व में अब तक कांग्रेस पार्टी ने जो भी विरोध प्रदर्शन या भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाये हैं। वे पूरी तरह से सिमट के रह गये हैं। पार्टी नेताओं ने तो यहां तक भी आरोप लगाये हैं कि अगर आलाकमान ने जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिये किसी नये नाम की तलाश नहीं की तो वह दिन दूर नहीं जब कांग्रेस पार्टी का अस्तित्व पूरी तरह से मध्यप्रदेश में समाप्त हो जायेगा। अगर पार्टी के अस्तित्व पर कोई संकट आता है तो उसकी जिम्मेदारी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को जाता है।

• कांग्रेस नेताओं ने पटवारी को बताया निष्क्रिय प्रदेश अध्यक्ष

राज्य के व्यापारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अजय चोरड़िया ने मोर्चा खोल दिया है। अजय चोरड़िया ने कहा कि पटवारी की मनमानी के चलते ही प्रदेश में लोकसभा चुनावों के दौरान वोट प्रतिशत में कमी आई। केंद्रीय नेतृत्व ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की जगह पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। यह बड़ी भूल है। केंद्रीय नेतृत्व का यह फैसला पूरी तरह से कार्यकर्ताओं के हित में नहीं है। चौरड़िया का आरोप है कि जो व्यक्ति खुद अपनी विधानसभा से हार गया, उसे प्रदेश अध्यक्ष की जवाबदारी दी गई है। यह पटवारी का ही कार्यकाल है, जिसमें कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। कई नेताओं ने दूसरी पार्टी जॉइन कर ली। चौरड़िया ने कई नेताओं से चर्चा का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कई विधायक भी पटवारी के व्यवहार से खफा हैं लेकिन, खुलकर बोल नही पा रहे। इस बारे में उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को भी पत्र लिखा है। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई। कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अमिताभ अग्निहोत्री ने भी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और एआईसीसी कमेटी के चेयरमैन पृथ्वीराज चव्हाण को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि कई गंभीर मुद्दों के बावजूद स्थानीय नेता उन्हें जनता के बीच उठाने में नाकाम रहे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी लोकसभा चुनाव के दौरान यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई को एक करने में नाकाम रहे। इसके अलावा प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह भंवर कार्यकर्ताओं से दूरी बनाकर रहे और लोकसभा चुनाव में सक्रिय नहीं दिखे।

• जीतू पटवारी के कहने पर हुआ था कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत

पिछले दिनों इंदौर में कांग्रेस कार्यालय पर कैलाश विजयवर्गीय पहुंचे थे, जहां पर कांग्रेस के नेताओं ने उनका स्वागत किया था। इस मामले में शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्डा का एक और वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह जीतू पटवारी के कहने पर कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत करने की बात कह रहे हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद अब बीजेपी ने जीतू पटवारी पर भी नोटिस जारी हो, कर उनके निलंबन की मांग तक की थी। इस मामले में कांग्रेस ने शहर अध्यक्ष सुरजीत चड्डा और जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था। इस अवधि के दौरान दोनों अध्यक्षों को निलंबित भी किया गया था।

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