हिन्दी न केवल भारत की राजभाषा है बल्कि एकता का प्रतीक भी है



बक्सर - बिहार
इंडिया इनसाइड न्यूज।

समाहरणालय बक्सर के सभा कक्ष में जिला प्रशासन द्वारा शनिवार 14 सितंबर, 2024 को हिंदी दिवस मनाया गया। जिले के प्रख्यात साहित्यकार एवं गणमान्य वक्ता मौजूद रहे। हिंदी दिवस समारोह के अवसर पर जिला पदाधिकारी बक्सर, अंशुल अग्रवाल के द्वारा समाहरणालय सभाकक्ष में द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

जिला पदाधिकारी ने अपने संबोधन में बताया कि हिन्दी एक भाषा नहीं बल्कि भावों की अभिव्यक्ति है। यह न केवल भारत की राजभाषा है बल्कि कौमी एकता का प्रतीक भी है। हिन्दी ने देश के सभी पंथ तथा समुदाय के लोगों को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। आजादी के संघर्ष के दिनों से लेकर आज के डिजिटल युग तक देश के एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में विचारों, परंपराओं तथा संस्कृति का आदान-प्रदान हिन्दी के माध्यम से ही हुआ है। अगर हम इस भाषा से दूरी बनाएंगे तो अपनी अस्मिता एवं पहचान को सही अर्थों में समझ नहीं पाएंगे। आज के युग में देश की युवा पीढ़ी हिन्दी साहित्य से दूर होते जा रही है ऐसे में उनका साहित्य से जोड़ना एवं उनमें समाहित जीवन के आदर्शों से अवगत कराना हम सब की जिम्मेदारी है।

समारोह में उपस्थित पदाधिकारियों ने भी हिन्दी भाषा के महत्व पर अपने विचार साझा किया। राजभाषा विभाग, बिहार सरकार के स्तर से हिन्दी में उन्नत लेखन को बढ़ावा देने हेतु संचिकाओं में उत्कृष्ट टिप्पणी लिखने वाले सरकारी कर्मी को सम्मानित करने का निर्णय लिया है, इससे पत्राचार की भाषा के स्तर में सुधार होगा।

वहीं, हिन्दी दिवस कार्यक्रम समारोह में आए हुए गणमान्य व्यक्तियों ने हिन्दी भाषा के योगदान पर अपने-अपने विचारों को साझा किया गया।

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