पहलवान विनेश फोगाट हरियाणा में भाजपा से मुकाबला करेंगी



--राजीव रंजन नाग
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट आते ही बीजेपी में भगदड़ मच गई है। बीजेपी द्वारा अपने 9 विधायकों के टिकट काटने के बाद राज्य की भगवा पार्टी को बगाबत का सामना करना पड़ रह है। इस बीच, हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ओलंपियन विनेश फोगट और बजरंग पुनिया शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। माना जा रहा है कि विनेश फोगट हरियाणा की जुलाना सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। जबकि बजरंग पुनिया के लिए सेफ सीट की तलाश की जा रही। जुलाना जन नायक जनता पार्टी के अमरजीत ढांडा की सीट है। इससे पहले विनेश फोगाट का चरखी दादरी से चुनाव लड़ने की संभावना थी लेकिन उन्होंने जुलाना से चुनाव लड़ने का मन बनाया है। इस सीट से विनेश की चचेरी बहन पहलवान बबीता फोगट 2019 में भाजपा से चुनाव लड़ चुकी हैं, हालांकि वह हार गईं थीं।

चरखी दादरी से भाजपा ने इस बार बबीता फोगाट को उम्मीदवार बनाने से परहेज किया है। भजपा ने सुनील सांगवान को उम्मीदवार बनाया है जिन्होंने हाल ही में हरियाणा जेल के जेलर पद से इस्तीफ़ा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। जेलर रहते हुए सांगवान ने विवादास्पद धर्मिक गुरु राम रहीम को आठ दफा जेल से पैरोल देने में मदद की थी। सांगवान को राम रहीम का उम्मीदवार बताया जा रहा है।

4 सितंबर को दोनों पहलवानों की पार्टी के नेता राहुल गांधी से मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद ही साफ हो गया था कि विनेश और बजरंग पुनिया कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं। साक्षी मलिक के साथ बजरंग पुनिया और विनेश फोगट उन पहलवानों में शामिल थे, जिन्होंने तत्कालीन भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कई महिला पहलवानों को कथित तौर पर धमकाने और उनका यौन उत्पीड़न करने का विरोध किया था। यह मुद्दा लोकसभा चुनावों के दौरान गूंजा था और हरियाणा विधानसभा चुनावों में यह एक प्रमुख मुद्दा बनने की संभावना है।

भाजपा के एक सांसद ने नाम नहीं बताने की शर्त पर माना कि न केवल जुलाना में बल्कि पहलवान विनेश फोगट राज्य में भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। पेरिस से लौटने के बाद वह देश की आईकान बन गईं हैं। इसका फायदा उन्हें मिलेगा।

इस बीच पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगट जो विनेश फोगाट की चचेरी बहन हैं ने पार्टी टिकट नहीं मिलने के बाद एक ट्वीट (एक्स) में कहा कि "पार्टी व्यक्ति से बड़ी होती है और देश हर चीज से ऊपर होता है।" यह मेरी पार्टी का सभी को संदेश है! मैं अपनी भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के फैसले के साथ खड़ी हूं। एक समर्पित पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते, मैं संगठन द्वारा दी गई सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना जारी रखूंगी।"

हरियाणा के चरखी दादरी जिले के बलाली गांव को फोगाट बहनों की वजह से खास मुकाम मिला हुआ है। फोगाट बहनों ने पिछले एक दशक में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जो सफलता हासिल की है उसकी वजह से उन्हें ‘गोल्डन सिस्टर्स’ कहा जाने लगा।

विनेश फोगाट की पेरिस से वापसी पर आईजीआई हवाई अड्डे पर रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुडा की मौजूदगी भी इस बात की गवाह है कि उन पर कांग्रेस की नजर थी। कांग्रेस उनकी लोकप्रियता का फायदा उठना चाहती है। बबीता फोगाट ने विनेश, पुनिया और साक्षी मलिक सहित प्रदर्शनकारी पहलवानों पर लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के इशारे पर राजनीतिक लाभ के लिए आंदोलन करने का आरोप लगाया गया था। लेकिन उसके बाद एक ही कोच और एक ही गांव से एक साथ अपनी कुश्ती यात्रा शुरू करने के बाद फोगाट बहनों ने खुद को राजनीतिक रूप से बंटा हुआ पाया।

अगर हरियाणा में फोगाट बहनों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जाता है, तो इससे बहनों के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा ने बीबीता को टिकट नहीं दिया है।

फोगाट बहनों के बीच प्रतिद्वंद्विता की शुरुआत तो तभी हो गई थी जब विनेश ने 2023 में तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था। विनेश ने बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला पहलवानों के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन, विपक्ष के समर्थन और महिला पहलवानों पर पुलिस की कार्रवाई की वजह से सत्तारूढ़ भाजपा को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी। उस समय भी बजरंग पुनिया और संगीता विरोध करने वाले पहलवानों के साथ मजबूती से खड़े थे। जबकि बबीता ने यह कहते हुए दूरी बनाए रखने का फैसला किया कि आंदोलन राजनीति से प्रेरित था।

https://www.indiainside.org/post.php?id=9850