स्मृतिशेष कवि घनश्याम की पुस्तक 'एक वाक्य' के लोकार्पण पर सम्मान समारोह का हुआ आयोजन



--एकलव्य केसरी
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज।

गत शनिवार गांधी शांति प्रतिष्ठान में कवि घनश्याम स्मृति विन्यास साहित्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ स्मृतिशेष कवि घनश्याम के चित्र पर अतिथियों द्वारा पुष्पांजलि से हुआ। इस अवसर पर भारतीय संसद के उपनिदेशक पीयूष कांति ने तुलसीदास के जीवनवृत पर स्मृतिशेष कवि घनश्याम रचित काव्य पुस्तक "एक वाक्य" का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा की कवि घनश्याम के साथ बिताए लम्हों और उनकी शायरी आज भी मेरे जेहन में ताजा है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात शायर दीक्षित दनकौरी ने की। अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कवि घनश्याम के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि की भूमिका कवि राजीव सिंघल ने निभाई। वरिष्ठ शायर विजय स्वर्णकार और अतुल प्रभाकर विशिष्ठ अतिथि रहे। युवा शायर चैतन्य चंदन की परिकल्पना पर आयोजित कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सम्मान समारोह हुआ।

इस अवसर पर प्रख्यात शायर दीक्षित दनकौरी को कवि घनश्याम स्मृति विन्यास साहित्य सम्मान, वरिष्ठ पत्रकार लतांत प्रसून को प्रो. दविंदर कौर उप्पल स्मृति पत्रकारिता सम्मान, युवा कवि एवं पत्रकार मुकेश तिवारी को विन्यास प्रकाशन रचनाकार सम्मान तथा युवा चित्रकार योगेंद्र आनंद को विन्यास प्रकाशन कला विभूति सम्मान से सम्मानित किया गया।

दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। वरिष्ठ कवि मिथलेश श्रीवास्तव के सानिध्य में चैतन्य चंदन, अनिल मीत, अरविंद असर, शैल भदावरी, डॉ. अल्पना सुहासिनी, सोनम यादव, रश्मि अभय, गार्गी कौशिक, कालजयी घनश्याम, मुकेश तिवारी, मयंक राजेश, ममता लड़ीवाल, खुर्रम नूर, मिथलेश कुमार, सिकंदर, संगीता गोविल, डॉ. उषा रानी जायसवाल, आरिफ देहलवी, वंदना कुंवर रायजादा, कौशर जहां, डॉ. पन्ना लाल एवं राधेश्याम तिवारी ने अपने गीत, ग़ज़ल और कविताओं से समां बांध दिया। काव्य गोष्ठी का संचालन कवियत्री ममता लड़ीवाल ने किया।

इस मौके पर स्मृतिशेष कवि घनश्याम की पत्नी उषा किरण देवी और उनकी पुत्रवधु अनूपा केसरी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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