प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार जातिगत जनगणना की पूरी हवा निकाल दी



--परमानंद पाण्डेय,
लखनऊ - उत्तर प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज।

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार जातिगत जनगणना की पूरी हवा निकाल दी। छत्तीसगढ़ में एक विशाल रैली को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कंग्रेस्स अपने सभी प्रधानमंत्रियों के शासन काल में गरीबी को बढ़या। इंदिरा जी तो एक बार पूरे तौर पर गरीबी हटाओ के नाम पर वोट मांगा। किन्तु गरीबी तो कभी हटी नहीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ी जाति गरीबों की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र की सारी योजनाओं का लाभ मुख्यतः गरीबों वंचितों अपेक्षितों को आधार बनाकर ही दिया जाता है। इस प्रदेश की सबसे बड़ी जाति तो सिर्फ गरीबी ही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके सत्ता में आने के बाद देश में गरीबी घटी है और घटती ही जा रही है।

उन्होंने कहा कि देश विरोधी विपक्ष हिन्दुओं को बांटने के लिए ही तो जातीय जन गणना कराने पर जोर देती हैं। मोदी ने देश को याद दिलाया कि मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुस्लिमों का है। मोदी ने अन्धविश्वासियों को कांग्रेस से सावधान रहने को कहा है। कंग्रेस्स हिन्दुओं को बांटो मुस्लिमों को एकजुट करो और किसी प्रकार सत्ता में आ जाओ इसी नीति पर चल रही है।

मोदी ने साफ साफ कहा कि देश जी सबसे बड़ी जाति तो हिंदुओं की है किन्तु ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ हिन्दुओं के विकास की बात करते हैं। उन्होंने कहा सभी योजनाओं का लाभ देश के सभी वर्गों को दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी की हुंकार के बाद बिहार के लालू, नीतीश की पूरी पोल खुल गयी है। बिहार के कई ओबीसी नेताओं ने कहा बिहार की जातिगत जनगणना में बहुत सी विसंगतियां रह गईं। उलेन्द्र कुशवाहा ने तो आरोप लगाया कि हमारे यहां तो गणना करने वाले आए नहीं।

वस्तुतः जन गणना केंद्र का दायित्व है। सुप्रिम कोर्ट को ऐसे अराजक अभियान को रोकना चाहिए था। खैर प्रधानमंत्री मोदी जन जन तक जाकर विपक्ष के एजेंडे को बेनकाब कर देंगे।

हिन्दुओं को पूरी तरह अलर्ट रहना चाहिए। विपक्ष की सारी पार्टियां हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद को कमजोर करना चाहती हैं और मुस्लिम तुष्टिकरण की कांग्रेस की नीति को पुनर्जीवित करना चाहती हैं।

"राष्ट्रवाद को विजयी बनाना हिन्दुत्व को विजयी बनाना" यह स्कीम तुष्टिकरण की नीति को पूरी तरह दफना देना है।

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