--विजया पाठक (संपादक - जगत विजन),
भोपाल - मध्य प्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज।
● बीजेपी नेता छोड़ रहे पार्टी, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा अपनी मस्ती में
● बीजेपी को गर्त में पहुंचाने पर उतारू वीडी शर्मा
● विश्वस्त सूत्रों का कहना- टिकट के खेल में है वीडी शर्मा का है नाम, क्या नई फॉर्च्यूनर गाड़ी की खरीदी में है कोई दाग?
● बड़ा सवाल: बीजेपी की वर्तमान दुर्दशा के लिए जिम्मेदार कौन!
वीडी शर्मा के मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बनते ही पार्टी में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का बोलबाला सा हो गया है, साथ ही साथ वीडी राज में संगठनात्मक ताकत को काफी हद तक घटा दी गई है। कार्यकर्ता और पुराने भाजपा कार्यालय के लोग जो 200-400 कि.मी. की दूरी से आते हैं, होटलों में ठहरते हैं, उनकी मुलाकात अध्यक्ष से नही हो पाती है। वह निराश होकर या तो कांग्रेस में चले जाते हैं या घर बैठ जाते हैं। संगठन मंत्री हितानंद शर्मा की बेरुखी इस आग में घी का काम कर रही हैं। विडंबना यह है की कार्यकर्ताओं वाली पार्टी में आज कार्यकर्ता की पूछपरख बिलकुल नहीं रह गई है। संगठन के कर्ताधर्ता कार्यकताओं से कन्नी काट रहे हैं, जबकि समय यह चुनाव का है। ऐसे समय में भी कार्यकर्ताओं की अनदेखी आने वाले चुनाव में बीजेपी के लिए नुकसानदायक ही साबित होगा। वीडी शर्मा प्रदेश बीजेपी को गर्त में पहुंचाने पर उतारू है। वहीं पार्टी के पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं की बेइज्जती पार्टी के अंदर फूट पैदा कर रही है। संगठन में और सरकार में हर जगह पुराने नेताओं की अनदेखी की जा रही है। इन सब मामलों में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। क्योंकि संगठन की सारी उठापटक में प्रदेश अध्यक्ष प्रमुख होता है। कहा भी जा रहा है कि अगर 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी हारती है तो इसके पीछे का एक बड़ा कारण वीडी शर्मा होंगे। प्रदेश अध्यक्ष के पास पार्टी का फंड आता है, उसे पार्टी के हित में खर्च करना होता है। अभी हाल ही में बीजेपी ने टिकटों की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में कई टिकट ऐसे हैं जिनके नाम वीडी शर्मा की ओर से दिये गये थे। सूत्रों के हवाले से जो नई फॉर्च्यूनर गाड़ी आई है वो भी संदेह ही घेरे में है। किसको कब, क्यों उपकृत किया गया उसकी जांच भाजपा आलाकमान करे। आखिर क्यों भाजपा में टिकिट धांधली में प्रदेश अध्यक्ष का नाम आ रहा है आलाकमान को इसकी पूरी जांच करनी चाहिए। एक तरफ जहां बीजेपी के नेता पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में जा रहे हैं वहीं प्रदेश अध्यक्ष निश्चिंत होकर कुछ दूसरे ही खेल में लगे हुए हैं। उनके माथे पर शिकन तक नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष का सबसे प्रमुख काम होता है सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल बिठाना। लेकिन वीडी शर्मा के साथ इसके बिल्कुल उलट है।
• कांग्रेस में जा रहे बीजेपी नेताओं के लिए जिम्मेदार वीडी शर्मा
पूर्व सीएम उमा भारती, रघुनंदन शर्मा, सुमित्रा महाजन, कैलाश नारायण सिंह केशरी, गिरजाशंकर शर्मा, कुसुम मेंहदेले, इन नेताओं ने अपना दर्द बयां किया है और कहा है कि वीडी शर्मा के आने के बाद बीजेपी के पुराने लोगों को किनारे कर दिया और अपमानित किया जाता है। गिरजाशंकर शर्मा का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद वीडी ने मेरे साथ अपमानजनक व्यवहार किया है। शर्मा परिवार पार्टी के लिये समर्पित परिवार है। जितने भी कांग्रेस में जा रहे उसके जिम्मेदार वीडी शर्मा हैं। जब भी कार्यकार्ता नाराज होकर जाता है, उसकी सारी जिम्मेदारी पार्टी अध्यक्ष की बनती है। बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जा रहे हैं, उसकी चिंता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को नही है। बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जा रहे इससे जनता के बीच में यह अफवाह फैलाई जा रही है कि पार्टी हार रही है। ऐसा ट्रेंड है कि जिस पार्टी के कार्यकर्ता छोड़कर जाते हैं वो पार्टी जनता की निगाह से गिर जाती है। भाजपा के जबलपुर से पूर्व विधायक एवं मंत्री बब्बू ने तो वीडी शर्मा से अपनी जान का खतरा तक बता चुके थे।
• बीजेपी कार्यालय का पुराना लोहा कहां गायब हो गया इसकी जांच जरूरी है?
कुशाभाऊ ठाकरे जी के समय में भोपाल में 7 नंबर पर बीजेपी का कार्यालय बना था। कार्यालय बहुत मजबूत बना था। उसमें काफी ज्यादा मात्रा में लोहा डाला गया था। ठाकरे जी चाहते थे कि कार्यालय बहुत मजबूत बने ताकि 100-200 साल तक भी कार्यालय की नींव मजबूत रहे। सूत्रों के हवाले से मालूम हुआ है कि बीजेपी का जो कार्यालय तोड़ा गया है उसमें से जो लोहा निकला है उसका कोई हिसाब नहीं रखा गया है। अगर पूछा जाये कि लोहा कहां है, कहां जमा किया गया, इसकी अगर खोजबीन की जाये तो दूध का दूध, पानी का पानी हो जायेगा। कार्यालय का पुराना लोहा कहां गया है, किसके पास गया है, इसकी जांच होनी चाहिए। पुराने कार्यालय के लिये जो लोहा खरीदा गया था उसे इंदौर के विष्णु प्रसाद शुक्ला (बड़े) के माध्यम से खरीदा गया था। भंवर सिंह शेखावत निर्माण का कार्य एवम खरीदी देख रहे थे। भंवर सिंह की देखरेख में कार्यालय भवन बनाया गया एवम वो ठाकरे जी के विश्वसनीय व्यक्ति थे। वीडी शर्मा से अपमानित होने के कारण वह कांग्रेस में चले गये।
• एक-एक सप्ताह तक कार्यकताओं की पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात नहीं हो पाती
रघुनंदन शर्मा बीजेपी के वरिष्ठ और बडे नेता हैं। वह भी प्रदेश भाजपा की कार्यशैली से नाराज हैं। पार्टी के कार्यकर्ता सैकड़ों किमी दूर से आकर पार्टी अध्यक्ष से मिलना चाहते हैं लेकिन एक-एक सप्ताह तक अध्यक्ष से मुलाकात नहीं हो पाती है। कार्यकर्ता स्वयं के पैसों से होटलों में ठहरते हैं। जब उनकी मुलाकात तक नहीं हो पाती तो वह नाराज हो जाते हैं। हताश होकर जाते हैं, यह कैसे चलेगा। उनका कहना है कि पार्टी की आज जो स्थिति हो रही है उसके लिए पार्टी संगठन जिम्मेदार है। हाल ही में चल रही जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर उनका कहना है कि मुझे कार्यकर्ताओं से यात्रा के विषय में पता चला। पार्टी संगठन हम जैसे पुराने नेताओं को किनारे लगाने में लगा है। इनका कहना है कि उमा भारती मीडिया के माध्यम से अपनी बात रख देती हैं। मेरे मन में भी पीड़ा है। बीजेपी के नेताओं ने लिस्ट बनाई कि हम पुराने नेता मर गये हैं। लेकिन मरकर भी हमें पार्टी की ही चिंता रहती है। बीजेपी ने नेताओं का पार्टी छोड़ने पर इनका कहना है कि नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, पीड़ा हो रही है। पार्टी छोड़ने के पीछे का कारण है नेताओं से संवाद, संपर्क गायब हो गया है। नेता असंतुष्ट हैं इसलिए वो पार्टी छोड़ के जा रहे हैं। आज पार्टी में बात करने वाला व्यक्ति नहीं है। ऐसी स्थिति में दर्द होता है। नाराज को समझाएं, महत्व दें। कार्यकर्ता पीड़ा देकर जा रहे हैं। व्यक्ति से लगाव पार्टी को ले डूबेगा। जिस दिशा में कुशाभाउ ठाकरे जी, प्यारेलाल जी चलते थे। वैसा चलने की जरूरत है। अभी भी मामला बिगड़ा नहीं है। सब ठीक हो सकता है।
• स्वयं को भावी मुख्यमंत्री के रुप में देखते है वीडी शर्मा, प्रदेश के अन्य बड़े नेताओं से नहीं बैठती पटरी
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो वीडी शर्मा की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर सहित संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मनमुटाव चल रहा है। यह तो केवल बड़े स्तर के नाम हैं। इसके अलावा भी स्थानीय स्तर पर ज्यादातर क्षेत्रीय नेताओं से शर्मा की पटरी नहीं बैठ पा रही है। इसकी एक प्रमुख वजह वीडी शर्मा के लड़कपन वाले फैसलों ने संगठन को निष्क्रिय बना दिया है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में संगठन की पकड़ कमजोर हुई है। राजनीतिक जानकारों का तो यहां तक कहना है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो 2023 के विधानसभा में बीजेपी 50 सीटों पर सिमट जायेगी। बीजेपी संगठन में बदलाव किये हैं। प्रदेश मीडिया प्रभारी एक ऐसे व्यक्ति को बनाया गया है जो मीडिया बैकग्राउंड से नहीं है। इस नियुक्ति की ज्यादातर नेताओं ने विरोध दर्ज कराया है। एबीवीपी के नौसिखियों को अपनी टीम में रखा जा रहा है। वीडी शर्मा ने अपनी मर्जी से मीडिया की टीम बनाई है। इस टीम में ऐसे लोगों को रखा गया है जो पत्रकारों या अन्य लोगों से वीडी शर्मा से मुलाकात नहीं करवाते हैं। जब भी शर्मा से कोई मिलने जाता है तो टीम के लोग कह देते हैं कि वह व्यस्त हैं या अन्य बहाना बता देते हैं। वीडी शर्मा के एबीवीपी एवं उज्जैन के कई रंगीन किस्से हैं इसके साथ कई विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों पर भी चर्चा भविष्य में की जायेगी।
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